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महाकवि शोभन और उनका काव्य
निश्चय हो जाता है कि इनकी दीक्षा खम्भात में ही हुई थी, अगर कर्णावती में होती तो वहीं पर मन्दिर बनता, क्योंकि कर्णावती कुमारपाल के अधिकार में थी।
___ इससे हेमचन्द्राचार्य के विषय में हमारा मत है कि इनकी दीक्षा करीब नौ वर्ष की उम्र में स्तम्भनतीर्थ (खम्भात) में ही हुई थी।
आचार्य हेमचन्द्र का, इतिहास में बड़ा ऊँचा स्थान है । इसलिए हमें चाहिए कि इनके जीवन और साहित्य के बिपय में खूब परामर्श करें।
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महाकवि शोभन और उनका काव्य*
कवि संसार की एक अद्भुत विभूति है । कवित्वशक्ति प्रकृति का दिया हुआ अपूर्व बरदान है। हजारों धनाध्य तथा नृपति संसार को जो लाभ नहीं दे सकते वह लाभ यदि सच्चा कवि चाहे तो दे सकता है । कवि को कवित्व-शक्ति का उपयोग करने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता । स्ययं कवित्व शक्ति ही सच्चे कवि
*वीणा, इन्दोर, वर्ष ९, अङ्क ४ ।
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