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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विचार ९१५ हास्यास्पद-हिकमती वाला ।-कौतुक-पु० हँसी-खेल, हँसी-तमाशा । -रस- | बिहार आदिमें मुख्य रूपसे बोली जाती है)। पु० एक काव्यरस जिसका स्थायी भाव हास है। -रसा- हिंदुत्व-पु० हिंदू होनेका भाव या गुण; हिंदुओंके आचारत्मक-वि. जिसमें हास्यरस हो (काव्य)।-रसिक हिंदू-धर्मका भाव । वि० विनोदप्रिय हास्यरसका प्रेमी। हिंदुस्तान-पु० [फा०] हिंदुओंका निवास स्थान, भारतवर्ष, हास्यास्पद-पु० [सं०] हास्यका आलंबन, हँसीका विषय, भारतवर्षका उत्तरी भाग जो गंगा तथा यमुनाके दाबेके वह जिसे देखकर हँसी उत्पन्न हो; उपहासका विषय । मध्यमें पड़ता है, जिसे प्राचीन समयमें अंतर्वेद या मध्य हास्योत्पादक-वि० [सं०] हास्व उत्पन्न करनेवाला । देश कहते थे। हा हंत-अ० [सं०] दे० 'हा'के साथ । हिंदुस्तानी-वि० [फा०] हिंदुस्तान-संबंधी। पु० हिंदुस्तानमें हाहा-पु० [सं०] एक गंधर्व । अ० आश्चर्य, शोक आदिका | रहनेवाला व्यक्ति, भारतवासी । स्त्री० हिंदुस्तानकी भाषा; सूचक एक शब्द । -कार-पु. रुदनकी उच्च ध्वनि युद्ध- खड़ी बोली हिंदीका वह बनावटी रूप जिसमें अरबी, का कोलाहल । -रव-पु० 'हाहा' करके चिल्लानेकी फारसी, उर्दू के तत्सम शब्दोंका बाहुल्य तथा संस्कृत, आवाज । -हत*-पु० भयजन्य कोलाहल । हिंदी और अंगरेजी शब्दोंकी विरलता हो। हाहा-पु० खुलकर हँसनेकी आवाज अनुनय-विनय, गिड़- हिंदुस्थान-पु० दे० 'हिंदुस्तान'। गिड़ानेकी आवाज । -ठीठी-स्त्री० हँसी-मजाक, हास- हंदू-पु० [फा०] प्रत्यक्षतः या परोक्षतः वेदोक्त विचारों के परिहास, हँसी-ठट्ठा ।-हीही-दे० 'हाहा-ठोठी'।-हुए- आधारपर बने आचार-व्यवहार, रीति-नीति, समाजपु० हँसी-ठट्ठा। मु०-करना,-खाना-गिड़गिड़ाना। व्यवस्था, धर्म आदिमें किसी न किसी रूपमें विश्वास करने -हीही करना-सी-ठट्टा करना । और उनपर चलनेवाला भारतीय । -पन-पु० दे० हाही-स्त्री० किसी वस्तुकी प्राप्तिके लिए व्यग्रता । मु०- 'हिंदुत्व'। पड़ना-किसी वस्तु की प्राप्तिके लिए अत्यंत व्यग्र होना। हिंदकुश-पु० [फा०] अफगानिस्तानके उत्तर में स्थित एक हाहू*-पु० ऊधम, हुड़दंग, शोरगुल । पर्वत-श्रेणी जो हिमालयसे मिली हुई है। हिँकरना-अ० क्रि० हिनहिनाना, हिंसना कराहना। हिंदोल-पु० [सं०] झूला, हिंडोला; श्रावणके शुक्ल पक्षमें हिंकार-पु० [सं०] 'हिं' ध्वनि करनेकी क्रिया; (भानेका होनेवाला दोलोत्सवः एक राग भगवयात्रा। शब्दा बाघके बोलनेका शब्द । हिंदोलक-पु०, हिंदोला-स्त्री० [सं०] झूला; पालना। हिंग-पु. हींग। हिंदोस्तानी-वि०, पु०, स्त्री० दे० 'हिंदुस्तानी' । हिंगु-पु० [सं०] एक वृक्ष जो मुलतान तथा खुरासानमें हिंयाँ*-अ० यहाँ। विशेष रूपसे होता है। इस वृक्षके मूलका निर्यास, हींग वृक्षके मूलका निर्यास, हींग | हिंवारी-पु० हिम। वंशपत्री। हिंस*-स्त्री० घोड़की हिनहिनाइट, हींस । हिंगुक-पु० [सं०] हिंगु वृक्ष । हिंसक-वि० [सं०] हिंसा करनेवाला; घातक; बुराई करने हिंगुल, हिंगुलि, हिंगुलु-पु० [सं०] ईगुर। वाला, हानिकर । पु० हिंस्र पशु, खूखार जानवर । हिंगोट--पु. हिंगुपत्र, इंगुदी। हिंसन-पु० [सं०] मारना; चोट पहुँचाना; सताना । हिंछा*-स्त्री० इच्छा। हिंसना*-अ० क्रि० हींसना, हिनहिनाना । स० क्रि० हिंडक-वि० भ्रमणशील |-पोत-पु. र) द्रुतगामी मार डालना; चोट पहुँचाना सताना नुकसान पहुँचाना। युद्धपोत, प्रधावी पोत, गश्ती जहाज। हिंसा-स्त्री० [सं०] घात, मारण; नाश; चोट या हानि हिंडन-पु० [सं०] भ्रमण; संभोग; लेखन । पहुँचाना क्षति; बुराई । -कर्म(न)-पु. नुकसान हिंडोरना*-पु० दे० 'हिडोला'-'हिंडोरनो माई झूलत पहुँचानेवाला काम, बुराईका काम; तंत्रप्रयोग द्वारा गोकुलचंद'-सू० । स० क्रि० दे० 'हिँडोलना'। मारण, उच्चाटन आदि कार्य । हिँडोरा-पु० दे० 'हिंडोला । हिंसात्मक-वि० [सं०] जिसमें हिंसा हो; हिंसायुक्त बुराई हिँडोरी*-स्त्री० छोटा हिंडोला । करनेवाला, हानिकारक । हिँडोल-पु० हिंडोला; एक राग । हिंसाल-वि० [सं०] हिंसा करनेवाला, हिंसक। हिंडोलना -पु० हिंडोला । स० क्रि० आलोडित करना, हिंस-वि० [सं०] हानिकारक, बुराई करनेवाला; घातक घुघोलना। निष्ठर, निर्दय, भयानका जंगली, खुंखार ।-जंतु,-पशु हिँडोला-पु० झूला; पालना नीचे-ऊपर चक्कर खानेवाला -पु. खूखार जानवर । एक तरहका झूला। हिंस्रक-पु० [सं०] हिंस्र पशु, खूखार जानवर । हिंडोली-स्त्री० एक रागिनी। हि-प्र० एक विभक्ति जो कई कारकों, विशेषकर कर्म और हिंताल-पु० [सं०] छोटी जातिका एक जंगली खजूर। संप्रदानमें प्रयुक्त होती थी । अ० ही। हिंद-पु० [फा०] भारतवर्ष, हिंदुस्तान । हिअ*, हिआ*-पु० वक्ष, छाती हृदय । हिंदवी-स्त्री० [फा०] हिंदुस्तानकी भाषा (उर्दू फारसी| हिआउ, हिआव*-पु० हिम्मत, साहस । और कुछ पुराने हिंदी लेखकों द्वारा हिंदीके अर्थ में प्रयुक्त । हिकमत-स्त्री० [अ०] बुद्धिमानी, चतुराई; बुद्धिः चाल, हिंदी-वि० [फा०] हिंद, हिंदुस्तानसे संबद्ध । पु. हिंद- युक्ति चिकित्साकार्य, हकीमी । निवासी । स्त्री० भारतवर्षकी राष्ट्रभाषा ( जो उत्तर प्रदेश, | हिकमती-वि० चालाक, जोड़-तोड़ लगानेवाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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