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सैद-सौंटा सैद*-पु० दे० 'सैयद'; [अ०] शिकार शिकारका जान- सैफी*-वि० तिरछा, टेढ़ा। वर । -गाह-पु०, स्त्री० शिकारगाह ।
सैफी-स्त्री० [अ०] तसबीह एक दुआ (मु०)। सैद्धांतिक-वि० [सं०] सिद्धांत-संबंधी; सिद्धांत । पु० सैयद-पु० [अ०] नेता, सरदार इमाम; फातमासे उत्पन्न सिद्धांत जाननेवाला व्यक्ति।
अलीका वंश; इस वंशका जन । सैन-स्त्री० संकेत, इशारा; निशान, परिचायक :चिह्न * सैयाँ*-पु. पति, मालिका स्वामी । सेना । * पु० शयन; बाज पक्षी ।-पति-पु०सेनापति । सैया*-स्त्री० शय्या, बिस्तरा। -भोग-पु० शयनकालका भोग, नैवेद्य ।
सैयाद-पु० [अ०] बहेलिया चिड़ीमार शिकारी; मछुआ। सैना*-स्त्री० फौज, सेना । पु० संकेत । -पति-पु० सैरंध्र-पु० [सं०] एक तरहका निम्नश्रेणीका या घरका सेनानायक।
काम करनेवाला नौकर एक संकर जाति ।। सैनापत्य-वि० [सं०] सेनापति-संबंधी। पु० सेनापतिका सैधिका-स्त्री० [सं०] दासी, नौकरानी। कार्य, सेनापतित्व।
सैरंध्री-स्त्री० [सं० अंतःपुरकी दासी; अज्ञातवासमें विराटसैनिक-वि० [सं०] सेना-संबंधी, फौजी । पु० सिपाही, नरेशके अंतःपुर में काम करते समय द्रौपदीका नाम । योद्धा, प्रहरी, संतरी। -वाद-पु० युद्धका समर्थन सैर-स्त्री० [अ०] भ्रमण; मन बहलावके लिए भ्रमण करनेवाला सिद्धांत । -सहचारी-पु० (मिलिटरी अटेशे) किसी रमणीय स्थानमें जाकर खाना-पीना, गाना-बजाना किसी राजदूतके दलबलका वह सैनिक कर्मचारी जिसे दृश्य तमाशा, (ला०) मनोरंजनके लिए किसी पुस्तकको सैनिक विषयोंकी विशेष जानकारी हो।
पढ़ना, उलट-पुलटकर देखना। -गाह-पु०,स्त्री० सैरकी सैनिकता-स्त्री० [सं०] सैनिक जीवन; युद्ध; सुसज्जित | जगह, रमणीय स्थान; वह कंदील जिसमें कागजके हाथी सेना रखने और युद्धके लिए तैयार रहनेका भाव । घोड़ोंकी छाया चलती हुई दिखाई देती है। -सपाटा-पु. सैनिकीकरण-पु० [सं०] लोगोंको सैनिक बनाने तथा मनबहलाव या सुंदर दृश्य देखनेके लिए घूमना ।
सैन्य सामग्री एकत्र करनेका कार्य । (मिलिटैरिजेशन)। सैरिंध्री-स्त्री० [सं०] दे० 'सैरंध्री'। सैनी*-स्त्री० दे० 'सेना' । पु० नापित, नाई ।
सैल-स्त्री०, पु० [अ०] पानीका बहाव, जलधारा बाढ़ । सेनेय-वि० युद्ध करने योग्य ।।
* पु० दे० 'शैल' । स्त्री० दे० 'सैर'। -कुमारी,-जासैनेश, सैनेस*-पु० सेनापति, सिपहसालार ।
तनया,-सुता-स्त्री० पार्वती। सैन्य-वि० [सं०] सेना-संबंधी। पु० सेना; सैनिक, सैला-पु. लकड़ीका चीरा हुआ टुकड़ा, छेद आदिमें सिपाही; रक्षक, प्रहरी, संतरी; शिविर । -कक्ष-पु० भरनेका पचड़ जुएके सिरेपर लगायी जानेवाली खूटी सेनाका पार्श्व । -क्षोभ-पु० सेनाका विद्रोह। डंठलसे दाने झाड़नेका डंडा; पतवारका दस्ता । -द्रोह-पु० ( म्यूटिनी) संघटित राजसत्ताके विरुद्ध, | सैलात्मजा*-स्त्री० पार्वती । विशेषकर उच्चाधिकारियोंके विरुद्ध, सेना द्वारा किया सैलानी-वि० सैर करनेका शौकीन, घुमक्कड़, मनमौजी । गया विद्रोह ।-नायक-पु० सेनापति ।-निवेशभूमि- सैलाब-पु० [फा०] बाढ़, पानीका चढ़ाव । -ची-स्त्री० स्त्री० सेनाके ठहरने, पड़ाव डालनेका स्थान । -पति,- चिलमवी। पाल-पु. सेनापति । -पृष्ट-पु. सेनाका पिछला सैलाबा-पु० पानी में डूबी हुई फसल । भाग ।-वास-पु० शिविर,सेनाका पड़ाव । -विभागा- सैलाबी-वि० [फा०] बाढ़-संबंधी । स्त्री० ठंढक, तरी; वह ध्यक्ष-पु० (एडजूटेंट जनरल ) सेनाके किसी विभागका | जमीन जो नदीकी बाढ़से सींची जाती हो। अध्यक्ष जो सेनापतिके आदेशों आदिका पालन करता हैं। सैलूख-पु० दे० 'शैलूप' । -वियोजन-पु० (डिमोबिलाइजेशन ) युद्धकी आव- सैव-पु० दे० 'शैव'। श्यकतावश प्रस्तुत किये गये सैनिकोंको सैन्यसेवासे पृथक सैवल*-पु० दे० 'शैवाल'। करना, सैन्यविघटन । -शिक्षार्थी-पु० (केडेट) सैनिक सैवलिनी*-स्त्री० दे० 'शैवलिनी' । विद्यालयमें शिक्षा पानेवाला युवक । -संसजन-पु० | सैव्य*-पु. 'शैव्य' (घोड़ा, कृष्णका एक घोड़ा, पांडवोंकी (मोबिलीज़ेशन ऑफ दि आरमी) सेनाओंको शस्त्रास्त्रोंसे सेनाका एक यूथप)। सुसज्जित कर युद्धार्थ प्रयाणके लिए तैयार रखना।। लैस, सैसक-वि० [सं०] सीसा-संबंधी; सीसेका बना। -सज-स्त्री० सेना या युद्धकी तैयारी।
सैसव*-पु० दे० 'शैशव' । सैन्यादेशवाहक-पु० (एडेकांग) युद्ध-क्षेत्रमें सेनापतिके
सैसवता*-स्त्री० दे० 'शैशव' । आदेश विभिन्न अधिकारियों, सैनिकों आदिके पास पहँ- सैवाल-पु० [सं०] दे० 'शैवाल'। चाने तथा वस्तुस्थितिका विवरण सेनापतिको देनेवाला सैहथी-स्त्री० शक्ति, भाला, बरछी, सेंथी। कर्मचारी।
सौ*-प्र० करण तथा अपादान कारकोंका चिह्न, 'से। सैन्याधिपति, सैन्याध्यक्ष-पु० [सं०] सेनानायक । । वि० सदृश, तुल्य । अ० सम्मुख, सामने साथ, सहित, सैन्यावास-पु० (बैरक) सैनिकोंके रहनेके लिए बने संग । स्त्री० सौंह, शपथ । सर्व० सो, वह । दालान जैसे आवास, 'बारिक'।
साँचर नमक-पु० सौवर्चल, काला नमक । सैन्योपवेशन-पु० [सं०] सेनाका पड़ाव डालना। | सौंजो-स्त्री० दे० 'सौंज'। सैफ--स्त्री० [अ०] तलवार ।
सौंटा-पु० लाठी, डंडा, भाँग घोंटनेके काममें आनेवाला
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