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सिर उदास होना। -नीचा होना-पराजित होना; लज्जित होना । -पचाना--सोच विचार करने में हैरान होना। -पटकना-बहुत परिश्रम करना; सिर फोड़ना; तिलमिलाना; सिर धुनना, पछताना नाराज होना; घबड़ाना। -पड़ना-जिम्मे पड़ना; हिस्से में आना ।-पड़ेका सौदाजिम्मे पड़ेका मामला, मजबूरीका सौदा। -पर-बहुत निकट, पास। -पर अजल या मौतका खेलना या हँसना-मृत्युके लक्षण दिखाई देना ।-पर आ चढ़नापीछे पड़ जाना, छातीपर आ मौजूद होना। -पर आ जाना-बहुत समीप आ जाना, थोड़े ही दिन और रह । जाना । -पर आना-बहुत पास आ जाना । -पर आ पड़ना-जिम्मे पड़ना; अपने ऊपर घटित होना। -पर आ पहुँचना-सन्निकट आना। पर आसमान उठानाबहुत शोर-गुल मचाना ।-पर आसमान टूटना-बहुत बड़ी विपत्ति आना; देवीकोप होना ।-पर उठाना,-पर उठा लेना-बहुत ऊधम, शोर-गुल करना (घरको सिरपर उठा लेना)। -पर कफन बाँधना-मरनेके लिए तैयार रहना ।-पर कयामत टूटना-मुसीबत, विपत्ति आना। -पर कोई न होना-कोई मददगार या संरक्षक न होना । -पर कोदी दलना-दूसरेको जलानेके लिए | कोई काम करना; सौत लाना। -पर खड़ा होनासामने रहना; सन्निकट होना; बेअदबीसे खड़ा होना। -पर खून चढ़ना,-पर खून सवार होना-किसी हत्यारेपर हत्याका आवेश आना, इत्या करनेका लक्षण प्रकट होना । -पर खेलना-प्रेतका सिरपर आकर बातें करना, सिरपर आना; जान जोखिममें डालना । -पर चढ़ना-मुँह लगना । -पर चढ़ाना-इज्जत करना; बढ़ावा देना, मुँहलगा करना । -पर चिल्लाना-पास आकर शोर करना। -पर छत उठा लेना-बहुत हल्लागुल्ला करना, चिल्लाना । -पर जहान भरका बेड़ा उठा लेना-बड़ा झगड़ा मोल लेना, बूतेसे बाहर काम ले बैठना । पर जिन खेलना-अभुआना, प्रेतके आवेशमें अंगोंका अस्वाभाविक परिचालन और प्रलाप करना। -पर जिन सवार होना-भूत-प्रेतका सिरपर आना; जिद, हठ होना । -पर जूं न रंगना-चेत न होना, होश न होना। -पर ढोल बजाना-शोर-गुल करना, चिल्लाना । -पर नक्कारा बजना-हंगामा, शोर-गुल होना। -पर न रहना-किसी बड़े-बूढ़े, अभिभावक, मददगारका मर जाना । -पर पड़ना-माथे होना, जिम्मे होना । -पर पत्थर ढोना-बड़ी तकलीफसे जिंदगी बिताना, अत्यधिक कष्ट सहना; बहुत मेहनत करना । -पर पहाड़ गिरना-मुसीबत आ पड़ना । -पर पाँवका जूता टूटना-जूतोंसे किसीका इतना पीटा जाना कि जूता टूट जाय । -पर पाँव रखकर उड़। जाना-तेजीसे भाग जाना । -पर पांव रखना-बहुत | जल्द भाग जाना; उदंडताका व्यवहार करना। -पर पृथ्वी उठाना-बहुत उत्पात करना; बहुत परिश्रमका काम करना । -पर बाल होना-बोलनेकी ताकत होना, मजाल होना। -पर बि(ब)ठाना-सम्मानपूर्वक पास बैठाना; बहुत इज्जत करना। -पर बोझ पड़ना-अह-
सानमंद होना; चिंतित होना; जिम्मेवारी पड़ना। -पर बोलना-मंत्रबलसे साँपकाटे रोगीका साँपकी ओरसे बोलना, बात करना ।-पर भूत सवार होना-बदहवास होना; पागल होना; किसी बातकी धुन होना सिरपर भूत-प्रेतका आना । -पर मौतका खेलना-मौत निकट आना। -पर रखना-आदरार्थ कोई चीज सिरपर रखना; आदर देना ।-पर शैतान चढ़ना या सवार होना-दुराग्रह, हठ होना; क्रोध चढ़ना; पापकी प्रवृत्ति होना । -पर सनीचर सवार होना-मुसीबत आना। -पर सफेदी आना-बुढ़ापा आना। -पर सवार रहना-धृष्ट होना; साथ रहना; साथ न छोड़ना; कड़ाईसे निगरानी करना। -पर सवार होना-भूत-प्रेतका साया, प्रभाव होना; किसी बातकी धुन होना। -पर साया रखना-किसीका अभिभावकत्व करना; कृपारखना। -पर हाथ फेरनाधीरज, दिलासा देना प्यार करना । -पर होना-सहायक, समर्थक होना; जिम्मे पड़नाथोड़े दिनकी अवधि रह जाना, बहुत निकट आ पड़ना। -पाव न होना-सिलसिला न होना, बेढंगा होना। -पाँवपर धरना-पैरों पड़ना, दीनता प्रकट करना।-पैर न होना--आदि और अंतका न होना ।-फट जाना-सिर फूटना,सिरपर गहरी चोट लगना (लाठी आदिसे)।-फटा जाना-फटा पढ़ना -सिर और आँखों में अत्यधिक पीड़ा होना । फिर जानासिर चकराना; पागल होना । -फूटना-सिरका घायल होना (ईट, पत्थर, लाठी आदिकी चोटसे)।-फोड़नासिर दे मारना, पत्थर, ईंट आदिसे सिरको चुटीला करना। (किसीके)-बीतना-सिरपर पड़ना । -मग़ज़न करना -बकवास करना। -मढ़ना-बलपूर्वक किसीके जिम्मे लगाना । -मारते फिरना-सिर टकराते फिरना; कठिनाइयोंसे जान-बूझकर उलझना । -मारना-समझातेसमझाते हैरान होना; सोचने-बिचारने में हैरान होना, अत्यधिक परिश्रम करना; चिल्लाना । -मुंड़ाते ही ओले पड़ना-आरंभमें ही विघ्न-बाधा पड़ना । -मुंडानाबाल घुटाना साधु हो जाना। -में बाल होना-मार खाने, झेलनेकी ताकत होना। -रंगना-सिर फोड़ना, लहू-लुहान करना। -से कफन बाँधना-मरनेके लिए तैयार होना। -से खेल जाना-मरने के लिए तैयार हो जाना; बड़ी दिलेरीका काम करना ।-से निन उतारना -क्रोध धीमा करना; भय दूर करना। -से टलनापीछा छूटना। -से पॉवतक-आदिसे अंततका ऊपरसे नीचेतक, तमाम ।-से पैरतक-आदिसे अंततक; ऊपरसे नीचेतक । -से पैरतक आग लगना-अत्यधिक क्रोध चढ़ना। -से बेगार टालना-बेदिलीसे काम करना । -से बोझ उतरना-निश्चितता, बाफका हाना, झझट दूर होना। -से बोझ उतारना-बोझ टालना; किसी भार और दायित्वसे मुक्ति प्राप्त करना। -से लगानाआदर, सम्मान करना ।-से साया उठना-अभिभावक, गुरुजनका देहावसान होना । (किसीके)-से सेहरा बंधना-औरोंसे अधिक सफलता या यश प्राप्त करना । -हथेली पर धरना, रखना, लिये फिरना, लेनाबहादुरीसे जान देनेके लिए तैयार रहना, जान-बूझकर
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