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सारस्य-साला सारस्य-पु०[सं०] पुकार, चिल्लाइट जलप्राचुर्यः सरसता। हुआ घृतयुक्त। सारस्वत-वि० [सं०] सरस्वती(देवी या नदी) सबंधी सार्व-वि० [सं०] सबसे संबंध रखनेवाला, आम; सबके सारस्वत ऋषि-संबंधी; सारस्वत देश-संबंधी; वाग्मी, लिए उपयुक्त । विद्वान् । पु० सरखतीतटवती देश-विशेष; एक ऋषि सार्वकालिक-वि० [सं०] सब समयोंके लिए उपयुक्त सब (जिनकी उत्पत्ति सरस्वती नदीसे मानी जाती है); सार- काल-संबंधी। स्वत देशका निवासी ब्राह्मणोंकी एक उपजाति; सरस्वती- सार्वजनिक-वि० [सं०] सबसे संबंध रखनेवाला; सबके पूजा-संबंधी एक विशेष कृत्य। -कल्प-पु० सरस्वती- लिए उपयुक्त । -निर्माण-विभाग-पु० (पब्लिक वसं पूजा-संबंधी कृत्य विशेष ।-व्रत-पु० सरस्वतीके निमित्त डिपार्टमेंट) दे० 'लोकनिर्माण-विभाग'। -व्यवस्थाकिया जानेवाला व्रत-विशेष ।।
स्त्री० (पब्लिक आर्डर) सर्वसाधारणमें शांति बनाये रखने सारस्वतोत्सव-पु० [सं०] सरस्वती-पूजनका समारोह । तथा विधि-विधानोंके समादरणका भाव; जनतामें उपद्रव, सारांश-पु० [सं०] सार, निचोड, नतीजा; तात्पर्य, अशांति या विधिके उल्लंघनकी प्रवत्ति न फैलने देना। मथितार्थ उपसंहार ।
सार्वदेशिक-वि० [सं०] सब देशोंसे संबद्ध । सारा-वि० पूरा, संपूर्ण, समस्त । * पु० दे० 'साला'। सार्वनामिक-वि० [सं०] सर्वनाम-संबंधी (व्या०)।
स्त्री० [सं०] दूर्वा कुश कृष्ण त्रिवृता; थूहर केला। गर्वभौतिक-वि० [सं०] सब भूतों, जीवोंसे संबंध रखनेसारार्थी (र्थिन् )-वि० [सं०] किसी चीजसे लाभ उठाने वाला। का इच्छुक ।
सार्वभौम-वि० [सं०] सारी भूमि-संबंधी; सारी पृथ्वीका सारि-पु०, स्त्री० [सं०] शतरंज या पासेकी गोटी-'आसा | शासन करनेवाला । पु० चक्रवती राजा, सम्राट कुबेरका फिरि-फिरि मारसी ज्यों चौपड़की सारि'-कबीर । स्त्री० हाथी (उत्तरका दिग्गज); विश्वका साम्राज्य । मैना; सारंगीकी खूटी (?); पाँसा-'बैठि कुँअरि सब खेलहिं सार्वभौमिक-वि० [सं०] सारी पृथ्वीपर फैला हुआ। सारी'-५०।-फलक-पु० बिसात ।
सार्वरात्रिक-वि० [सं०] सारी रात टिकनेवाला (दीपक सारिउ*-स्रो० मैना।
भादि)। सारिका-स्त्री० [सं०] मैना पक्षी; चांडालवीणा: तंत्रवाधका सावलौकिक-वि० [सं०] सबको ज्ञात; सारे संसार में व्याप्त पुल जैसा वह हिस्सा जिसपर तार टिके रहते है, घोरिया। सार्वजनिक । -मुख-पु० एक विषैला कीड़ा।
सार्वत्रिक-वि० [सं०] सब स्थानोंसे संबंध रखनेवाला; सारिखा*-वि० दे० 'सरीखा'।
सब स्थानों या अवस्थाओं में लागू होनेवाला । सारिणी-स्त्री० [सं०] सहदेई; दुरालभा; प्रसारिणी; रक्त सार्षप-वि० सं०] सरसों-संबंधी। पु० सरसोंका शाक, पुनर्नवा; जल-धारा, जलप्रणाली।
तेल आदि। सारिवा-स्त्री० [सं०] अनंतमूल ।
सालंकार-वि० [सं०] आभूषणयुक्त, अलंकृत । सारी-स्त्री० [सं०] सारिका, मैना; सप्तला; भ्रभंगिमा सालंब-वि० [सं०] जिसे किसीका सहारा हो (समासमें)। गोटी; पासा; साढ़ी, मलाई; साली; * साड़ी:-क्रीड़ा- साल-* स्त्री. शाला। पु० जस्म पीड़ा छेदा काँटा; स्त्री० शतरंज जैसा एक खेल।
वह जो दुःख देता हो; *धान । [सं०] वृक्षविशेष, साखू सारूप्य-पु० [सं०] एकरूप होनेका भाव; रूप सादृश्य । सालका निर्यास; जड़ वृक्षः परकोटा, प्राकार, दीवार; सारो-+पु० एक अगहनिया धान । * स्त्री०दे० सारिका'। एक तरहकी मछली। -ग्राम-पु० दे० 'शालग्राम' । सारोपा-स्त्री० [सं०] लक्षणाका एक प्रकार जिसमें एक -रस-पु० राल । -वाहन-पु० शालिवाहन नरेश ।
पदार्थमें दूसरेका आरोप किया जाता है (सा०)। साल-पु० [फा०] बरस, १२ महीनेका काल । -आइंदासार्थ-वि० [सं०] अर्थयुक्त,अभिप्राययुक्त; उपयोगी; धनी। पु० आनेवाला वर्ष । -गिरह-स्त्री० वार्षिक जन्मतिथि, पु० धनी आदमी; कारवाँ, वणिक्समूह; जनसमूह समूह नव वर्ष में प्रवेशका उत्सव, वरसगाँठ। -गुज़श्ता-पु० व्यापारिक माल (को०); व्यापारी । -न-वि. कारवाँको बीता हुआ साल, गतवर्ष । -तमाम-पु० वर्षका अंत । नष्ट करनेवाला। पु. डाकू। -पति-पु. कारवाँका -तमामी-स्त्री० वार्षिक विवरण । -नामा-पु० किसी मुखिया। -पाल-पु० कारवाँका रक्षक । -भृत्-पु. पत्र-पत्रिकाका विशेषांक जो नये वर्ष में प्रवेशके अवसर पर कारवाँका नेता। वि० मालदार। . हा(हन)-वि० निकाला जाय । मु०-पलटना-बरस पूरा होकर दूसरा कारवाँको नष्ट करनेवाला । पु० डाकू। -हीन-वि० आरंभ होना। -भारी होना-वर्षका अशुभ, अनिष्टकर जिसका कारवाँसे साथ छूट गया हो।
होना। सार्थक-वि० [सं०] अर्थपूर्ण; उपयोगी; लाभदायक । सालक*-वि० सालने, दुःख देनेवाला । सार्थकता-स्त्री० [सं०] महत्त्व; उपयोगिता ।
सालन-पु. मांस रसेदार तरकारी; [सं०] सालनिर्यास । सार्दूल-पु० दे० 'शार्दूल'।
सालना-स० क्रि० कष्ट देना; चुभाना; चारपाईकी पाटी सार्द्ध, सार्ध-वि० [सं०] आधेके साथ पूर्ण (संख्या)। ठीक करना । अ० क्रि० चुभना; कष्टकर होना; खटकना। अ० सहित, साथ।
सालम मिस्री-स्त्री० क्षुपविशेष, सुधामूली । साई-वि० [सं०] नम, गीला, भीगा हुआ।
सालसा-पु. एक रक्तशोधक औषध ।। सार्पिष, सार्पिष्क-वि० [सं०] घृत संबंधी; धीमें बनाया साला-पु० पत्नीका भाई। इस संबंधके आधारपर बनी
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