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व्याघात-व्यावसायिक प्रतिनिधित्व व्याघात-पु० [सं०] चोट, आघात; पराजयः क्षोभा खलल; व्यापना-अ० क्रि० व्याप्त होना, फैलना । बाधा, विघ्न (दो कथनोंका) परस्पर विरोध; एक काव्या- व्यापादक-वि० [सं०] नाशकारी; घातक (जैसे रोग)। लंकार जहाँ एक व्यक्ति द्वारा जिस उपायसे जो. कार्य व्यापादनीय, व्यापाद्य-वि० [सं०] नष्ट, वध करने योग्य । किया जाय, वहाँ अन्य व्यक्ति द्वारा उसी उपायसे उसके | व्यापादित-वि० [सं०] नष्ट किया हुआ, ध्वस्त; हत । विपरीत किया जाय, अथवा जहाँ परस्पर विरोधी क्रियाओं व्यापार-पु० [सं०] कार्य, काम; क्रिया; कारबार, पेशा; द्वारा एक ही कार्यका होना दिखलाया जाय।
वाणिज्य प्रयोग अभ्यास उद्योग प्रभाव सहायता करना। व्याघ्र-पु० [सं०] एक हिंस्र जंतु, बाघ । वि० (समासांतमें) | -चिह्न-पु० (ट्रेडमार्क) किसी व्यापारी या उद्योगपति सर्वश्रेष्ठ, प्रधान ।-चर्म(न)-पु० बाधकी खाल । नख- द्वारा अपने मालपर अंकित किया जानेवाला वह विशेष पु० बाघका नख या पंजा; नखी नामक गंधद्रव्य । चिह्न जिससे उक्त माल अन्य किसीके मालसे अलग पह-पुच्छ,-पुच्छक-पु० बाघकी पूँछ, एरंड। -लोम- चाना जा सके। -मंडल-पु. (चैवर ऑफ कामर्स) (न)-पु० शेरके बाल; मुँहपरके बाल, मूंछ ।-वक्त्र- व्यापारियोंका प्रतिनिधित्व करनेवाली संस्था । वि० बाघकसे मुखवाला।
व्यापारिक-वि० [सं०] व्यापार-संबंधी। व्याघ्राण-पु० [सं०] सूंघनेकी क्रिया।
व्यापारी-वि० व्यापार-संबंधी । व्याघ्री-स्त्री० [सं०] बाधिन; कंटकारी; एक कौड़ी। व्यापारी(रिन् )-पु० [सं०] काम करनेवाला रोजगारी, व्याज-पु० [सं०] छल, धोखा, फरेब; बहाना; कौशल, व्यवसायी; अभ्यास करनेवाला । वि० किसी व्यवसाय या धूर्तता; दुष्टता। -निंदा-स्त्री० स्तुतिकी भोटमें निंदा | एक काव्यालंकार जहाँ किसीकी स्तुतिसे वस्तुतः निंदा | व्यापी(पिन्)-वि० [सं०] व्याप्त होनेवाला; सर्वत्र ही प्रकट हो अथवा जहाँ एककी निंदा करनेसे किसी फैलनेवाला; आच्छादक । अन्यकी निंदा प्रकट हो। -स्तुति-स्त्री० निंदाके बहाने व्याप्त-वि० [सं०] पूरित, भरा हुआ; आच्छादित समास्तुति; एक काव्यालंकार जहाँ देखने में तो किसीकी निंदा- क्रांत; स्थपित परिवेष्टित प्राप्त; ढकनेवाला; अंतर्भूता की जाय किंतु समझनेपर वह स्तुति प्रकट हो अथवा जहाँ प्रसिद्ध फैला हुआ; नित्य साथ रहनेवाला।। किसी एककी बड़ाई करनेसे अन्यकी बड़ाई जान पड़े। व्याप्ति-स्त्री० [सं०] व्याप्त होनेका भाव; एक पदार्थ में व्याजी-स्त्री० [सं०] तौलनेके बाद कुछ दे देना, धलुआ। दूसरेका पूर्णतः मिल जाना; नित्य साहचर्य; विश्वजनीन ध्याजोक्ति-स्त्री० [सं०] छलपूर्ण बात; एक काव्यालंकार नियम; पूर्णता प्राप्ति; व्यापकता; आठ ऐश्वर्यों में से एक। जहाँ प्रकट होती हुई बातका कपटसे, बहाना आदि व्यामूढ-वि० [सं०] बहुत घबड़ाया हुआ। बनाकर, गोपन किया जाय ।
व्यामोह-पु० [सं०] अशान; घबड़ाहट । व्याड-पु० [सं०] (व्याघ्रादि) शिकारी जानवर; सर्पः खल । | व्यायाम-पु० [सं०] फैलाना; कसरत; अभ्यास, वांति; दुष्ट, बढ़ । वि० द्वेषी; बुराई करनेवाला ।
श्रम; फौजकी कवायद ।-भूमि,-शाला-स्त्री० व्यायाम व्यादान-पु० [सं०] खोलने, फैलानेकी क्रिया।
करनेका स्थान। व्याध-पु० [सं०] शिकार द्वारा जीविका चलानेवाली एक व्यायामी(मिन्)-वि० [सं०] व्यायाम, कसरत करने
संकर जाति; यह पेशा करनेवाला आदमी, बहेलिया। । वाला, कसरती; परिश्रमी । व्याधि-स्त्री० [सं०] पीड़ा; रोग; झंझट; कष्ट पहुँचानेवाला व्यायोग-पु० [सं०] एक प्रकारका रूपक जो एक ही अंकव्यक्ति या वस्तु (ला०); एक संचारी भाव (सा०)।-कर- का और वीररसप्रधान होता है। वि० रोग उत्पन्न करनेवाला, अस्वास्थ्यकर । -ग्रस्त- व्याल-पु० [सं०] दुष्ट हाथी; सर्प; सिंह बाध; चीता; वि० रोगग्रस्त, रुग्ण, बीमार। -निग्रह-पु. रोगका राजा; ठग; विष्णु । -खजा-नख-पु० व्याघ्रनख नामक दबाया जाना। -पीडित-वि० रोगग्रस्त । -भय- गंधद्रव्य । -ग्राह-ग्राही (हिन् )-पु० सर्प पकड़नेपु० रोगका भय । -मंदिर-पु. शरीर। -युक्त-वि० वाला, सँ पेरा । -पाणि,-प्रहरण,-बल,-वल-पु० रुग्ण । -रहित-वि० रोगमुक्त ।-हर-वि० रोगनाशक । दे० 'व्यालनख' । -सूदन-पु० गरुड़ । व्याधित-वि० [सं०] रोगग्रस्त, रुग्ण ।
| व्यालाद-पु० [सं०] सर्प खानेवाला, गरुड़ । व्यान-पु० [सं०] शरीरस्थ पाँच वायुओंमेंसे एक। व्यालू-पु० दे० 'ब्यालू'। व्यापक-वि० [सं०] दूरतक, सर्वत्र फैला हुआ, जो किसी व्यावर्तक-वि० [सं०] घेरनेवाला; अलग करनेवाला, चीजके सारे विस्तारमें हो; आच्छादक; जिसमें बहसके ___ हटानेवाला; भेद, अंतर करनेवाला । सारे विचारणीय विषयोंका अंतर्भाव हो; जो एक भावसे | व्यावर्तन-पु० [सं०] पराङ्मुख होना; निवारण, अलग किसीमें हमेशा रहता हो; जो व्याप्यसे अधिक विस्तृत | करना; सर्पकुंडली; लौटना, मुड़ना; चक्कर खाना; परिहो (न्या०)। -पुरुषमताधिकार-पु. (यूनिवर्सल | वेष्टित करना; बराबर होनेवाला परिवर्तन । मैनहुड सफरेज) देशके या राज्यके प्रायः प्रत्येक प्राप्त- व्यावर्तित-वि० [सं०] मोड़ा, लौटाया हुआ; चक्कर वयस्क व्यक्तिको, जो पागल न हो तथा जिसने किसी खिलाया हुआ; बदला हुआ। बड़े अपराध दंड न पाया हो, दिया गया मत प्रदान | व्यावसायिक प्रतिनिधित्व-पु० [सं०] (फंक्शनल करनेका अधिकार ।
रेप्रेजेंटेशन) व्यवसाय या पेशेके आधारपर दिया गया ध्यापन-पु० [सं०] सर्वत्र फैलना, भरना, व्याप्त होना। । प्रतिनिधित्व ।
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