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वानप्रस्थ्य-वारंट संन्यासी।
वामागम, वामाचार-पु० [सं०] एक तांत्रिक मत (इसमें वानप्रस्थ्य-पु० [सं०] वानप्रस्थकी अवस्था ।
पंचमकारोंके आश्रयसे उपास्यकी पूजा की जाती है)। वानर-पु० [सं०] बंदर । -केतन,-केतु,-ध्वज-पु० वामाचारी(रिन्)-पु० [सं०] तांत्रिक मतका अनुयायी, अर्जुन।
वाममार्गी । वानरी-स्त्री० [सं०] केवाँच; मर्कटी, बंदरी; * बंदरोंकी सेना | वामावर्त-वि० [सं०] बायीं ओरको घूमा हुआ; बायी
-'करिहौं महि विनु वानरी बाढ़ी मन यह जोम'-रघु०।। भोरसे घूमकर की जानेवाली (परिक्रमा)। पु० वह शंख वानरेंद्र-पु० [सं०] सुग्रीव या हनूमान् ।
जिसमें बायीं ओरका धुमाव हो। वानस्पतिक खाद-स्त्री० (कंपोस्ट) गोबर, मल, पौधों | वामी-स्त्री० [सं०] घोड़ी; गधी; गीदड़ी।
आदि(के मिश्रण)से निर्मित खाद, कूड़े आदिसे बनी खाद । वामी(मिन्)-वि० [सं०] वामाचारी वमन करनेवाला। वानस्पत्य-वि० [सं०] वृक्ष-संबंधी; वृक्षसे प्राप्त या प्रस्तुत वामेक्षणा-स्त्री० [सं०] दे० 'वामनयना' । होनेवाला; वृक्षके नीचे होनेवाला (यज्ञादि); वृक्षके नीचे | वामोरु, वामोरू-स्त्री० [सं०] सुंदर उरु-जाँघोंवाली स्त्री रहनेवाला (शिव) । पु० पौधा; फूल-फल देनेवाला वृक्ष, सुंदरी स्त्री।
आम, जामुन आदि किसी वृक्षका फल; वृक्षोंका समूह । वाय-* स्त्री० वापी; वायु । * सर्व वाहि, उसको । पु० वाना-स्त्री० [सं०] बटेर ।।
[सं०] बुनना; सीना तागा; पक्षी; नायक । -दंडवानिक-वि० [सं०] जंगल में रहनेवाला ।
पु० करधा। -रज्जु-स्त्री० करघेकी बै। वानीर-पु० [सं०] बेत या सरकंडा; चित्रक । -गृह- वायक-पु० [सं०] जुलाहा। पु० सरकंडेका मंडप।
पायन-पु० [सं०] देवपूजाके लिए या विवाहादिके अवसरवानीरक-पु० [सं०] मुंज।।
पर बननेवाली मिठाई। वापस-वि० [फा०] लौटा हुआ लौटाया, फेरा हुआ। | वायव-वि० [सं०] वायु-संबंधी; पश्चिमोत्तर । वापसी-वि० फेरा, लौटाया हुआ। स्त्री० वापस होने, | वायवी-स्त्री० [सं०] उत्तर-पश्चिमका कोण । करनेका भाव । -किराया-पु० वापसी यात्राका वायवीय-वि० [सं०] वायु-संबंधी। किराया। -टिकट-पु. वापसी यात्राके लिए मिलने-वायव्य-वि० [सं०] वायु-संबंधी । पु० पश्चिमोत्तर कोण । वाला टिकट । -मुलाकात-स्त्री० मुलाकातके बदले में वायव्या-स्त्री० [सं०] पश्चिमोत्तर दिशा। की जानेवाली मुलाकात । -यात्रा-स्त्री०,-सफर-पु० वायस-पु० [सं०] अगर तारपीन कौवा । प्रस्थानके स्थानको लौटनेकी यात्रा लौटानीकी यात्रा। वायसाराति, वायसारि-पु० [सं०] उल्लू । वापि-स्त्री० [सं०] तालाब ।
वायसी-स्त्री० [सं०] कौवेकी मादा; काकमाची, छोटी वापिका-स्त्री० [सं०] चौड़ाकुआँ, बावली; छोटा तालाब। मकोय; सफेद धुंधची। वापी-स्त्री० [सं०] तालाब; बावली।
वायु-स्त्री० [सं०] हवा ( पाँच तत्त्वों में से एक); साँस । वाम-* स्त्री० स्त्री, वामा। वि० [सं०] बायाँ; विरुद्ध | -ग्रस्त-वि. गठिया या उन्माद रोगसे आक्रांत ।-घट टेढ़ा; नीच; बुरा; कठोर, निर्दयः सुंदर; प्रिय । -दृशी- -पु. (गैसजार) बेलनकी शक्लका शीशेका लंबासा विशेष स्त्री० दे० 'वामनयना'। -देवी-स्त्री० दुर्गा सावित्री । पात्र जिसमें ओषजन आदि वायव्य द्रव्य भरकर विविध -नयना,-लोचना-स्त्री० सुंदर नेत्रोंवाली स्त्री-पंथी, प्रयोग किये जाते हैं। -तनय,-नंदन,-पुत्र,-सुत, -पक्षी-पु. (लेफ्टिस्ट) राजनीति भादिमें उग्र विचारों- -सूनु-पु० हनूमान्; भीम। -पंचक-पु० शरीरस्थ का अनुयायी ।-भ्र-स्त्री० सुंदर भौंओंवाली स्त्री बायीं पाँच वायुओंका समाहार । -पथ,-मार्ग-पु० (एयरभौं। -मार्ग-पु. वेदविरुद्ध तंत्रमत (इसमें मद्य, मांस, वेज) आकाशमें वायुयानोंके आने-जानेका-विमान-यात्रामैथुन आदि निषिद्ध बातोंका विधान है)। -मोष-पु० का-मार्ग। -भक्ष,-भोजन-वि० वायु पीकर रहने बहुमूल्य वस्तुओंकी चोरी। -रथ-पु. एक गोत्रकार वाला । पु० साँप; योगी, तपस्वी। -भक्षक-वि०, पु० ऋषि, वामरथ्य गोत्रके मूल पुरुष । -शील-वि० बुरे हवा पीकर रहनेवाला । -भक्ष्य-वि० हवा पीकर रहनेस्वभावका । -स्वभाव-वि० अच्छे स्वभावका । वाला । पु० सर्प । -भारमापक यंत्र-पु० (बैरोमीटर) -हस्तिक-वि० (लेफ्ट हैडर) दे० 'बयँहत्था'। वायु-मंडल में हवाका दबाव या भार नापनेका यंत्र । वामक-वि० [सं०] वमन करनेवाला प्रतिकूल; निष्ठुर । । -भुक्(ज)-वि०, पु० दे० 'वायुभक्ष' । -मंडल-पु. पु० एक संकर जाति; एक भावभंगी।
आकाशा वातावरण बवंडर ।-यान-पु० हवाई जहाज । वामन-वि० [सं०] बौना, बहुत छोटे डील-डीलका हस्व, -लोक-पु० एक लोक (पु०)।-वर्म(न)-पु० आकाश ।
खर्व, नीच । पु० बौना आदमी; विष्णुका एक अवतार ।। -वाह-पु० धुआँ वाष्प । -वाहन-पु० धुआँ विष्णु; वामनक-वि० [सं०] छोटे कदका, बौना । पु० छोटे कद- शिव ।-संभव-पु० हनूमान्ः भीम ।-सख,-सखिका आदमी, बौना; एक पहाड़, ठिंगनापन।
पु० अग्नि । वामांगिनी, वामांगी-स्त्री० [सं०] पत्नी ।
वारंट-पु० [अं॰] वह आज्ञापत्र जिससे किसीको कोई धामा-स्त्री० [सं०] स्त्री; दुर्गा, गौरी लक्ष्मी, सरस्वती विशेष कार्य करनेका अधिकार दिया जाय ।-गिरफ्तारीएक वर्णवृत्त; स्कंदकी एक अनुचरी।
पु० [हिं०] सरकारी कर्मचारीको किसीको गिरफ्तार करनेके वामाक्षी-स्त्री० [सं०] दे० 'वामनयना'।
लिए दिया गया अधिकार-पत्र । -तलाशी-पु० [हिं०]
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