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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७११ लेखाध्यक्ष-लैला हो, मुनीम । मु०-डेवढ़ करना-हिसाब साफ करना; | ले रखना-खरीदकर रख छोड़ना। चौपट करना। -पूरा या साफ करना-हिसाब चुकता लेप-पु० [सं०] लेपने, पोतनेकी क्रिया; पोतनेके काम करना। आनेवाली कोई गीली चीज; उबटन; मरहम लगाव । लेखाध्यक्ष-पु० (अकाउंटें) दे० 'लेखापाल'। लेपक-पु० [सं०] लेप करनेवाला; सफेदी करनेवाला । लेखिका-स्त्री० [सं०] छोटी रेखा; लेख या ग्रंथ लिखनेवाली। लेपन-पु० [सं०] लेपनेकी क्रिया, लेप चढ़ाना; उबटन । लेखित-वि० [सं०] लिखवाया हुआ; लिखा हुआ । लेपना-स० क्रि० गीली चीज पोतना, चुपड़ना । लेखे-अ० विचारानुसार, समझमें। लेमू-पु० [फा०] नीबू । -निचोड़-पु० वह आदमी जो लेख्य-वि० [सं०] खरोंचने योग्य लिखने योग्य; जो हर एकके साथ खानेमें शामिल हो जाय । लिखनेके लिए हो । पु० लेख-लिखनेकी कला; चित्र पत्र; | लेरुआ-* पु० बछड़ा; लड्डू । दस्तावेज(डाकूमेंट) दे० 'प्रलेख'। -कृत-वि. जो | लेलिहान-वि० [सं०] चखने, बार-बार चाटनेवाला; लिखा-पढ़ी करके पक्का किया गया हो। -पत्र,-पत्रक- | लुब्ध, ललचाया हुआ। पु० लेख पत्र; दस्तावेज ताड़का पत्ता। लेव-पु० घाव आदिपर लगानेकी दवा; आँचसे बचानेके लेख्यारूढ-वि० [सं०] लिखा-पढ़ी किया हुआ, दस्तावेजी। | लिए हंडी आदिकी पेंदीपर लगाया जानेवाला राख या लेज़म-पु० [फा०] एक तरहकी कमान जिसमें ताँतकी मिट्टीका लेप दीवारपर लगानेका गिलावा। जगह लोहकी जंजीर लगी होती है और जिसके सहारे | लेवा-वि० लेनेवाला (यौगिक रूपमें प्रयुक्त-जैसे नामलेवा)। कसरत की जाती है; नरम और लचीली कमान जिसपर पु० कह गिल, गिलावा; वर्षाके पानी में मिट्टीका घुल जाना। तीरंदाजीका अभ्यास किया जाता है। लेवादेई-स्त्री० लेन-देन ।। लेजिम-पु० दे० 'लेजम'। लेवाल-पु० लेने, खरीदनेवाला । लेजुर*-स्त्री० रस्सी कुएँसे पानी निकालनेकी रस्सी। लेश-पु० [सं०] अणु; सूक्ष्म अंश, अल्पता; समयका एक लेटौ-स्त्री० लेटने, पौढ़नेकी क्रिया; चूने-सुरखी आदिका मान; एक अर्थालंकार जहाँ गुणको दोषके समान और बिछाया हुआ मसाला। दोषको गुणके सदृश दिखानेका प्रयत्न किया जाय । लेटना-अ० कि. किसी आधारपर पड़ रहना; पौढ़ना; लेष* -पु० दे० 'लेश', 'लेख'। आराम करना; किसी चीजका झुककर गिरना। लेषना*-स० कि० दे० 'लखना', 'लिखना। लेटरबक्स-पु० [अ०] भेजी जानेवाली चिट्टी डालनेका | लेषनी*-स्त्री० दे० 'लेखनी' । संदूक; आनेवाली चिट्ठी छोड़नेका, मकानके द्वारपर लगा लेषे*-अ० दे० 'लेखे। हुआ संदूक। लेस-* पु० दे० 'लेश+ गिलावा, कहगिल; पानीमें लेटाना-स० क्रि० दे० 'लिटाना' । घोलकर गाढ़ी बनायी हुई चीज, लस। -दार-वि० लेडी-स्त्री० [अं॰] महिला, भले घरकी स्त्री; अंग्रेजी फैशन- | लसीला, लसदार। वाली स्त्री । -डॉक्टर-स्त्री० स्त्री डॉक्टर। लेसना-सक्रि० जलाना, प्रज्वलित करना; पोतना, लेन-पु० लेनेकी क्रिया; प्राप्य धन, लहना, पावना। | चिपकाना; दीवार पर मिट्टी आदि पोतना चुगली खाना। -दार-पु० महाजन, लहनेदार, उत्तमर्ण । -देन-पु० | लेहन-पु० [सं०] चाटनेकी क्रिया । लेना-देना, आदान-प्रदान; ऋण लेने-देनेका काम, महा-लेहाज़ा-अ० दे० 'लिहाजा' । जनी। -हार*-पु० लइनेदार, लेनेवाला। मु०-देन लेहाड़ा-वि० दे० 'लिहाड़ा'। न होना-सरोकार-संबंध न होना। लेहाड़ी-स्त्री० दे० 'लिहाड़ी। लेना-स० क्रि० प्राप्त करना, पकड़ना, थामना; खरीदना; लेहाफ-पु० दे० 'लिहाफ'। जीतना, अधिकार, कब्जे में करना; उधार, कर्ज ग्रहण लेह्य-वि० [सं०] चाटने योग्य । पु० चाटने योग्य चीज, करना; भागते हुएको पकड़ना; अगवानी करना; किसी । चटनी। कामका भार उठाना; किसीको स्वीकार, धारण करना | लैंग-वि० [सं०] लिंग-संबंधी (व्या०) । (पूजाके लिए फूल लेना); सेवन करना; संभोग करना। लैंगिक-वि० [सं०] लिंग, चिह्नोंसे प्राप्त (प्रमाण); लिंगले आना-लाना । लेना-देना-पु० लेन-देन । मु० ले संबंधी; स्त्री-पुरुषकी जननेंद्रियसे संबंध रखनेवाला; यौन उड़ना-कोई चीज लेकर भाग जाना बिना समझे बातका (सेक्सुअल)। बतंगड़ करना । ले डालना-नष्ट, खराब करना; इराना | लैंप-पु० [अं०] चिराग, दीपक, लालटेन । पूरा करना, निबटाना (कोई काम)। ले ड्रबना-अपने | लै*-अ० तक, पर्यंत । साथ दूसरोंको भी नष्ट करना । ले-देकर-जोड़-जाड़करः | लैटिन-स्त्री० इटलीकी पुरानी भाषा जो रोमनकालमें प्रचकठिनाईसे । ले दे करना-हुज्जत करना; अत्यधिक यत्न | लित थी, लातीनी। करना। लेना एक न देना दो-कोई प्रयोजन, मतलब | लैन-स्त्री० [अ० 'लाइन'] रेखा, सीमा-रेखा पंक्ति पैदल न होना। लेनेके देने पड़ना-लाभके बदले हानि होना। सेनासिपाहियोंका निवासस्थान, बैरक । ले बैठना-बोझ सहित डूब जाना (नाव आदिका); अपने लैरु-पु० बछड़ा, छोटा बच्चा । साथ नष्ट करना; किसी कारबारका पूँजी सहित नष्ट हो लैला-स्त्री० [सं०] लैला-मजनूँ की प्रेम-कहानीकी नायिका जाना । ले मरना-अपने साथ बरबाद करना।। और मजनूंकी प्रेमिका प्रेयसी; सुंदरी; श्यामा ।-मजनूं ४५-क For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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