SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 701
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रोआब-रोना ६९२ रोआब-पु० दबदबा, प्रभाव, 'रुआब' । रोचिष्णु-वि० [सं०] चमकदार, दीप्तिमय । रोक-पु० [सं०] नकद रुपया, रोकड़ । वि० नकद । स्त्री० रोज-पु० रोना-धोनाविलाप, रोना-पीटना। [हिं०] अटकाव, रुकाव, छेक; रोकनेवाली चीज; प्रतिबंध | रोज़-पु० [फा०] दिन; वक्त । अ० प्रति दिन, हर रोज, मनाही, निषेध । -झोंक,-टोक-स्त्री० बाधा, अवरोध, नित्य । -नामचा-पु. वह किताब जिसमें दैनिक प्रतिबंध; मनाही । -थाम-स्त्री० रोकटोक, अवरोध ।। विवरण लिखा जाय (डायरी); बही जिसमें रोजका रोकड़-स्त्री० नकद रकम, रुपया; जमा, पूँजी। -बही- हिसाब लिखा जाय; वह रजिस्टर या किताब जिसमें स्त्री० वह बही जिसमें नकद रुपयोंके लेन-देनका हिसाब पटवारी अपना हर रोजका काम लिखता है। पुलिस थानेहो। -बिक्री-स्त्री. वह बिक्री जो नकद दामपर की गयी का रजिस्टर न०१ जिसमें पुलिसके दैनिक कार्योंका विवहो । मु०-मिलाना-आय-व्ययका हिसाब लगाकर । रण लिखते हैं। -ब-रोज़-अ० प्रति दिन, हर रोज; रकमके घटने-बढ़नेका पता लगाना। क्रमशः, लगातार । -मर्रा-अ० नित्य, प्रति दिन, हर रोकड़िया-पु० रोकड़ रखनेवाला, मुनीम, खजांची । रोज । पु० अहले जबानकी भाषा, उनकी बोल-चालके रोकना-स० क्रि० गति, चाल बंद करना; जानेसे मना शब्द और मुहावरे । करना; किसी काम, बातका क्रम बंद करना; बाधा, | रोज़गार-पु० [फा०] जीविका कारबार, व्यापारव्यवसाय । अड़चन डालना; मना करना; ऊपर न आने देना (लाठी, रोज़ा-पु० [फा०] एक मजहबी फर्ज जिसमें प्रातःकाल तलवार आदिका प्रहार); वश, काबू में रखना, संयत एक घड़ी रातसे संध्याके एक घड़ी बादतक बिलकुल नहीं रखना; सामना करना (आक्रमण रोकना); छेकना। खाते (मुसलमानों में); उपवास, अनाहार; रोजेका दिन; रोख*-पु० दे० 'रोष'। रोजेका महीना, रमजान । -दार-पु. वह जो रोजा रोग-पु० [सं०] शरीरकी विकारपूर्ण अवस्था, अस्वास्थ्य, रखता है। बीमारी कोई बीमारी (हैजा, प्लेग, चेचक इ०)।-कारक- रोज़ाना-अ० [फा०] नित्य, हर रोज । वि० बीमारी पैदा करनेवाला। -ग्रस्त-वि० बीमार, रोजी-स्त्री० [फा०] खूराक; जीविका । -दार-वि० जिसे रोगसे पीड़ित ।-नाशक-वि० बीमारी दूर करनेवाला। खर्च के लिए नित्य कुछ दिया जाय। -निदान-पु० रोगके मूल कारण, उसके लक्षणोंकी पह| रोज़ीना-पु० [फा०] दैनिक वेतन, मजदूरी (जो रोजाना चान करना। -निरोधक द्रव्य-पु० (प्रोफिलैक्टिक मिले); खूराक (जो रोजाना दी जाय); पेंशन, वजीफा। ड्रग) रोगोंकी उत्पत्ति तथा प्रसार रोकनेवाली दवा। रोझो-स्त्री. नीलगाय (पु० भी) 'हम भी पाहन पूजते -प्रतिबंधनिरोधा-स्त्री० (कारैनटान) दे० 'निरोधा'। होते बनके रोश'-साखी। । [फा०] कोई चिकनी चीज, तेल, घी इ० रोट-पु.बहत मोटी रोटी; शरबत, महएके रसमें बनायी एक पतला लेप, वार्निश, पालिश (जूते, लकड़ी आदिपर हुई मोटी मीठी रोटी लिट्ट, हाथियोंका रातिब । चमक लानेके लिए प्रयुक्त); लाख आदिका बना मसाला | रोटिका-स्त्री० [सं०] फुलकी, हलकी-छोटी रोटी । (मिट्टीके बरतनोंपर चढ़ाया जाता है); बरके तेलका बना रोटिहा-पु. रोटियोंके बदलेमें काम करनेवाला नौकर । मसाला (चमड़ेको मुलायम करनेके लिए)। -दार-वि० रोटी-स्त्री० [धे आटेकी तवेपर या आगपर सिंकी गोल रोगन चढ़ाया हुआ, चमकीला । टिकिया, चपाती, फुलका; खाना, आहार, भोजन । रोग़नी-वि० [फा०] तेल, घी लगा या चुपड़ा हुआ -कपड़ा-पु० खाना-कपड़ा, गुजर-बसरकी सामग्री । वार्निश किया हुआ। मु०-कमाना-जीविका, रोजी चलाना । रोगाक्रांत-वि० [सं०] रोगी, रोगसे पीड़ित । रोठाt-पु. एक तरहका बाजरा (प०)। रोगातुर-वि० [सं०] रोगसे घबराया हुआ, पीड़ित । रोड़ा-पु० कंकड़, ईट-पत्थरके टुकड़े; बाधा । रोगार्त-वि० [सं०] रोगसे दुःखी, ब्याकुल । रोदन-पु० [सं०] रोना, विलाप करना। रोगिणी-वि० स्त्री० [सं०] रोगसे पीड़ित (स्त्री)। रोदसी-स्त्री० [सं०] पृथ्वी, स्वर्ग । रोगिया, रोगिहा-पु० बीमार, रोगी। रोदा-पु० धनुषकी डोरी, प्रत्यंचा बारीक, सूक्ष्म ताँत । रोगी(गिन)-वि० [सं०] अस्वस्थ, व्याधिग्रस्त, बीमार। रोध-पु० [सं०] रोक, निषेध, बाधा; धेरतीर, किनारा। -वाहक गाड़ी-स्त्री० (एंबूलेंसकार) दे० 'परिचारगाड़ी'। रोधक-पु० [सं०] रोकनेवाला ।। रोगोत्तर स्वास्थ्यलाभ-पु० [सं०] (कनवेलेसेंस) रोग रोधन-पु० [सं०] बुध ग्रह रोक, अवरोध; दमन । अच्छा हो जानेके बाद स्वास्थ्यकी पूर्वस्थिति तथा पूर्वबल रोधना-स० कि० रोकना। प्राप्त करनेकी क्रिया। रोना-अ० कि० शोक, कष्टजनित विकलताके कारण कुछ रोचक-वि० [सं०] रुचनेवाला, प्रिय; मनोरंजक । कह उठना; कुछ विशेष प्रकारके स्वर निकलना और आँसू राचन-वि० [सं०] प्रिय, अच्छा लगनेवाला शोभावान् बहना; चिल्लाना तथा आँसू बहाना, रुदन या विलाप दीप्तियुक्त । पु० काला सेमर; सफेद सहिजन, प्याज; करना, आँसू बहाना; शिकायत करना; अफसोस करना; गोरोचन रोचना,रोली; कामदेवके पाँच वाणोंमेंसे एक।। शोक करना; कुढ़ना; वावैला करना; फरियाद करना; रोचना-स्त्री० [सं०] रक्त कमल; वंशलोचन, उज्ज्वल दुःख बयान करना; पछताना। वि० रोनेवाला; चिड़आकाश काला सेमर; गोरोचन; सुंदर स्त्री। चिड़ा। पु० रुदन, कुहराम; मातम; अफसोस, गम; रोचि(स)-स्त्री० [सं०] प्रभा, चमक, कांति; किरण।। शिकायत तकलीफ; फरियाद, वावैला; कुढ़न ।-मु० For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy