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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेघांत-मेवा रावणका बेटा इंद्रजित् । -माला-स्त्री० वादलोंकी पंक्ति। मेध-पु० [सं०] यश, हवि । -योनि-पु० कुहरा धुआँ । -रेखा,-लेखा-स्त्री० मेधा-स्त्री० [सं०] धारणाशक्ति, बुद्धि । मेघपंक्ति । -वाई*-स्त्री० मेघमाला, बादलोंका समूह। मेधावान(वत्)-वि० [सं०] मेधावी । -वाहन-पु० इंद्र । -व्रती(तिन् )-पु० चातक । मेधावी (विन्)-वि० [सं०] मेधायुक्तबुद्धिमान् ; पंडित । -सार-पु० चीनिया कपूर । मेध्य-वि० [सं०] स्मृति, बुद्धि बढ़ानेवाला; पवित्र; यशमेघांत-पु० [सं०] वर्षाका अंत; शरत्काल । संबंधी; यशके योग्य । पु० जौ खदिर; बकरा । मेघा-पु. मेंढक (ग्रामगीत)। मेनका-स्त्री० [सं०] एक अप्सर। जिसके गर्भसे शकुंतलामेघागम-पु० [सं०] बर्षाकाल वर्षाका आरंग। की उत्पत्ति हुई; हिमवान्की पत्नी, मेना। मेघाच्छन्न-वि० [सं०] बादलोंसे ढका हुआ। मेनकात्मजा-स्त्री० [सं०] शकुंतला; पार्वती । मेघाडंबर-पु० [सं०] बादलोंका गरजना । मेना-स्त्री० [सं०] हिमवान्की पत्नी, मेनका । मेघानंद-पु० [सं०] वक; मयूर । मेम-स्त्री० विवाहिता अंग्रेज या यूरोपीय स्त्री ताशका पत्ता मेधारि-पु० [सं०] वायु । जिसे 'रानी' भी कहते है । -साहबा-स्त्री० प्रतिष्ठित मेघावरि*-स्त्री० धनघटा । अंग्रेज या यूरोपीय महिला मेमकी तरह रहनेवाली स्त्री। मेधोदय-पु० [सं०] घटाका उठना । मेमना-पु० भेड़का बच्चा; * घोड़ेकी एक जाति । मेचक-वि० [सं०] काला, कृष्णवर्ण । पु० कालिमा, अंध- मेमार-पु० [अ०] इमारत वनानेवाला, राज, थवई । कार मेध । मेर*-पु० दे० 'मेल'। मेचकता-स्त्री० [सं०] श्यागता, स्याही । मेरवना*-स० कि० दे० 'मिलाना'। मेचकताई-स्त्री० मेचकता। मेरा-सर्व० 'मैं'का संबंधकारक रूप, मदीय । * पु० दे० मेज़-स्त्री० [फा०] लकड़ी, संगमरमर आदिकी बनी ऊँची 'मेला'। चौकी जो खाना खाने, लिखने आदिमें आधारके रूपमें मेराउ, मेराव-पु० मिलाप, मेल, भेंट-'गहन छूट काममें लायी जाती है, टेबुल । -पोश-पु० मेजपर | दिनअरकर ससिसो भयेउ मेराउ'-५०। बिछानेका कपड़ा। -बान-पु० आतिथ्य करनेवाला, मेराना -सक्रि० मिलाना। भोजनका निमंत्रण देनेवाला । -बानी-स्त्री० अतिथि- मेरु-पु० [सं०] सुमेरु पर्वत जपमालामें सबसे ऊपर रहनेसत्कार, मेहमानदारी। वाला प्रधान मनका; हारका मध्यमणि लघु-गुरुके विचारसे मेजा-पु. मेढक । छंदोंकी संख्या जाननेकी प्रक्रिया (पिंगल); उत्तर ध्रुव । मेट-पु० कुलियों, मजदूरोंका मुखिया, जमादार । -दंड-पु० रीढ़ एकसे दूसरे ध्र वको जानेवाली कल्पित मेटक-पु० मिटाने, नाश करनेवाला । सरल रेखा। मेटनहार*-पु० मिटाने, अन्यथा करनेवाला । मेल-पु० प्रीति, मनका मिलन; मित्रता; अनुकूलता, मेटना*-स० कि० दे० 'मिटाना' । संगति मिलावट; जोड़ या. टक्कर; तरह, किस्म । [सं०] मेटा*-पु० भाँडा, घड़ा-'औ अमृत गुरंब भरे मेटा'--५०। मिलन, मिलाप; संग; मेला। -जोल,-मिलाप-पु. मेड़िया-स्त्री० मढ़ी। [हिं०] प्रीति-संबंध, राहोरस्म, घनिष्ठता। मु०-खाना,मेढक-पु. एक छोटा जंतु जो जल-स्थल दोनोंमें रह सकता बैठना-पटना, अनुकूलता होना; संगतिक उपयुक्त होना। है, मंडूक । मेलन-पु० [सं०] मिलन; संग मुठभेड़, मिलाना;मिलावट । मेढकी-स्त्री० मादा मेढक, मंडूकी । मु०-को जुकाम मेलना*-स० क्रि० मिलाना डालना, उँडेलना; पहनाना होना-छोटे आदमीमें बड़ोंकी बराबरी करनेका हौसला -'मेली कंठ सुमनकी माला-रामा०; फेंकना, चलाना होना। -'जापै मेलत सूल वह सुनिये त्रिभुवन राय'-राभ०% मेढ़ा-पु० नर भेड़, मेष । ढकेलना । अ०कि.मिलना, समागम होना; पहुँचना । मेढ़ियाँ-स्त्री० मढ़ी, घर । मेला-पु. भीड़, जमाव; चीजोंकी खरीद-बिक्री, देवदर्शन, मेढी-स्त्री० तीन लड़ियोंवाली चोटी। तीर्थस्थान, सैर-तमाशे आदिके लिए नियत तिथि और मेथिका-स्त्री० [सं०] मेथी। स्थानमें होने वाला लोगोंका जमाव । स्त्री० [सं०] मिलन, मेथी-स्त्री० एक पत्रशाक जिसके दाने मसाले और दवाके | समागम; जमाव । -ठेला,-तमाशा-पु० [हिं०] मेला, भी काम आते हैं। सैर-तमाशा । मु०-लगना-जमाव होना,भीड़ लगना । मेथौरी-स्त्री० मेथीका साग मिलाकर बनायी हुई वरी। मेलान*-पु० मंजिल, पड़ाव; डेरा डालना-'सागर तीर मेद(स)-पु० [सं०] मांससे उत्पन्न एक धातु, चवीं; ची | मेलान पुनि करिहैं रघुकुल नाह'-राम । या मोटाई बहुत बढ़ जानेका रोग । * स्त्री० दे० 'मेदा'। मेलापक-पु० [सं०] मिलाने, इकट्ठा करनेवाला; ग्रहोंका मेदस्वी(स्विन)-वि० [सं०] मोटा, जिसके बदनमें संयोग, भीड़, जमाव । अधिक चबी हो। मेली-वि०अधिक लोगोंसे हेल-मेल रखनेवाला,मिलनसार । मेदा-पु० [अ०] आमाशय, पेट । पु० मित्र, संगी।-मुलाकाती-पु० संगी-साथी, मित्र । मेदिनी-स्त्री० [सं०] पृथ्वी, धरती; मेदा; एक शब्दकोष। मेवा-पु० [फा०] फल; सुखाया हुआ फल (चिलगोजा, मेदर-वि० [सं०] अतिशय चिकना, मोटा। | बादाम आदि)।-फरोश-पु० ताजे या सुखाये हुए फल For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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