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मुला-मुसम्मात
६५० मुलाँ-पु० मुल्ला।
मुश्की-वि० [फा०] कस्तूरीके रंगकी, स्याह । पु० स्याह मुलाकात-स्त्री० [अ०] एक दूसरेसे मिलना, भेंट मिलना- रंगका घोड़ा।
जुलना, हेल-मेल; जान-पहचान साहब-सलामत । मुश्त-पु० [फा०] मुद्री; घुसा, मुक्का । वि० मुट्ठीभर मुलाक़ाती-पु० [अ०] मिलनेवाला, मित्र; परिचित। थोड़ासा। एकमुश्त-एक साथ या एक ही बार में मुलाज़मत-स्त्री० [अ०] गैकरी, सेवा। -पेशा-पु० दिया जानेवाला (धन)। नौकरीसे जीविका करनेवाला।
मुश्तरका-वि० [अ०] जिसमें कोई शरीक हो, साझेका, मुलाज़िम-पु० [अ०] नौकर, सेवक कर्मचारी। संयुक्त ।-खानदान-पु० संयुक्त परिवार ।-जायदादमुलायम-वि० [अ०] नरम, कोमल, सुकुमार; अनुकूल । स्त्री० संयुक्त संपत्ति, साझेकी चीज । मुलायमत-स्त्री० [अ०] मुलायमपन, नरमी, कोमलता। | मुश्ताक-वि० [अ०] इच्छुक, आकांक्षी,शौक रखनेवाला। मुलायमी-स्त्री० मुलायमत ।
मुषल-पु० [सं०] मूसल । मुलाहजा-पु० [अ०] देखना, निरखना लिहाज, मुरौवत । मुपली(लिन)-पु० [सं०] बलराम (मूसल जिनका एक मुलुक-पु० दे० 'मुल्क' ।
अस्त्र है)। मुलेठी-स्त्री० गुंजा लताकी जड़ जो दवाके काम आती मुषित-वि० [सं०] चुराया हुआ; वंचित । है, यष्टिमधु, जेठीमधु ।
मुषुर*-स्त्री० गुंजार । मुल्क-पु० [अ०] देश; राज्यप्रदेश। -गीरी-स्त्री० मुष्टि-* वि० मष्ट, मौन-"मिले असंत मुष्टि करि रहियेदूसरे देशोंको जीतना और उनपर शासन करना, राज्य- कबीर । स्त्री० [सं०] मुट्ठी; मुट्ठीभरकी मात्रा; धूंसा; मूंठ । विस्तार । -दारी-स्त्री० शासन ।
-चूत-पु. एक तरहका जुआ जिसमें मुट्ठोके भीतरकी मुल्की-वि० [अ०] मुल्कका, देशी; शासन-प्रबंध-संबंधी, चीजका नाम, उसकी संख्या सम (जुफ्त) है या विषम असैनिक । -लाट-पु० गवर्नर-जेनरल ।
(ताक) आदि पूछा जाता है। -द्वंद्व-पु० (बॉक्सिग) वह मुल्तवी-वि० [अ०] देर करनेवाला, आगेके लिए टालने आपसका द्वंद्व जिसमें गद्दीदार (गुलगुले) दस्तानोंसे एक
वाला; रोका या आगेके लिए टाला हुआ, स्थगित । दूसरेपर मुक्कोंका प्रहार किया जाय । -बंध-पु० मुट्टी मुल्लह-पु० दे० 'कुट्टा'।
बाँधना। -भिक्षा-स्त्री० मुट्ठीभर चावलकी भिक्षा । मल्ला-पु० [अ०] मौलवी; मसजिद में रहने या नमाज -मेय-वि० मुट्ठीसे नापने योग्य; मुट्ठीभर; थोड़ा। पढ़ानेवाला; मसजिद या मकतबमें बच्चों को पढ़ानेवाला । -युद्ध-पु० घुसेबाजी (बाक्सिग)। मुल्लाना-पु० मुल्ला (तिर०); मसजिदकी रोटियाँ खाने- मुष्टामुष्टि-स्त्री० [सं०] घुसोंकी लड़ाई, घुसेबाजी। वाला; कट्टर मुसलमान (मौलानाका हिंदुस्तानी रूप)। मुष्टिक-पु० [सं०] कंसके दरबारका एक पहलवान जो मुल्लानी-स्त्री० मुल्लाकी पत्नी।।
बलरामके हाथों मारा गया; घुसा सुनार । मुवकल-पु० [अ०] वह जिसे कोई काम सौंपा गया हो मुष्टिकांतक-पु० [सं०] बलराम । रखवाला; कार्यविशेषपर नियुक्त फरिश्ता ।
मुष्टिका-स्त्री० [सं०] मुट्टी; चूसा। मुवक्किल-पु० [अ०] वकील करनेवाला काम सौंपनेवाला। मुसकनि, मुसकनिया*-स्त्री० दे० 'मुसकान'। मुवज्ज़िन-पु० [अ० ] दे० 'मुअज्ज़िन' ।
मुसकराना-अ० कि० इस तरह हँसना कि न शब्द हो, मुवना*-अ० क्रि० मरना।
न दाँत दिखलाई दें, होंठोंमें हँसना, मंद-मंद हँसना । मुवानिक-वि० [अ०] अनुकूल, अनुसार: तुल्य, सदृश, मुसकराहट-स्त्री० मुसकरानेकी क्रिया, मंद हास । मिलता-जुलता; योग्य, उचित ।
मुसकान, मुसकानि*-स्त्री० दे० 'भुसकराहट'। मुशजर-वि० [अ०] बूटेदार, बेल-बूटेवाला । पु० बूटेदार मुसकाना-अ० क्रि० दे० 'मुसकराना'। कपड़ा।
मुसकिराना, मुसकुराना-अ० क्रि० दे० 'मुसकराना'। मुशल-पु० [सं०] धान इत्यादि कूटनेका मोटा डंडा, | मुसकिराहट, मुसकुराहट-स्त्री० दे० 'मुसकराट'।
मुसक्यान*-स्त्री० दे० 'मुसकान'। मुशली(लिन)-पु० [सं०] मुशलधारी बलराम । मुसक्याना*-अ० क्रि० दे० 'मुसकराना। मुशाइरा-पु० [अ०] शायरोंका इकट्ठा होकर शेर पढ़ना, मुसजर*-पु० दे० 'मुशज्जर' । कवितापाठकी मजलिस।
मुसटी-स्त्री० चुहिया। मुशाहरा-पु० [अ०] मासिक वेतन, वजीफा। मुसना*-अ० क्रि० छीना या चुराया जाना । स० क्रि० मुश्क-पु० [फा०] कस्तूरी । स्त्री० कंधे और कोहनीके | दे० 'मूसना'। बीचका हिस्सा, बाँह । -बिलाव-पु० गंधबिलाव । मसन्ना-पु० [अ०] असल(लेख)की ठीक नकल, दूसरी मुश्किल-वि० [अ०] कठिन, कष्टसाध्या लिष्ट, कठिनाईसे प्रति; रसीदका अद्धा जो देनेवालेके पास रह जाता है। समझमें आनेवाला; स्त्री० कठिनाई; कष्ट । -पसंद- मुसब्बर-पु० घीकुआरका जमाकर सुखाया हुआ रस जो पु० रचनामें क्लिष्ट शब्दावली रखनेवाला, क्लिष्टताप्रिय ।। दवाके काम आता है। मु०-आसान होना कठिनाई दूर होना, संकट कटना । मुसमुंद, मुसमुंध-वि० ध्वस्त, ढहा हुआ। मुश्की-वि० [फा०] कस्तूरीके रंगका, स्याह; कस्तूरीकी मसम्मात-वि० स्त्री० [अ०] नामवाली, नामधेया। स्त्री. गंधवाला; जिसमें कस्तूरी मिली हो।
स्त्री (वो०)।
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