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५५१
- कार - वि० कुकमी; व्यभिचारी, दुश्चरित्र । -कारीस्त्री० कुकर्म, दुराचार; व्यभिचार, परस्त्री गमन । - क़िस्मत- वि० अभागा । -ख़त वि० जिसके अक्षर खराब हों | -ख़ती-स्त्री० बुरी लिखावट -ख़्वाहवि० बुरा चाहनेवाला, दुश्मन। -ख़्वाही - स्त्री० द्वेष, शत्रुता । - गुमान - वि० दूसरेके विषयमें बुरी धारणा रखनेवाला; संदेह करनेवाला; शक्की । -गुमानी - स्त्री० कुधारणा; शक । - गोई-स्त्री० बुराई, निंदा। -चलन - वि० दुश्चरित्र, व्यभिचारी । -ज़बान - वि० अपशब्द, गाली-गलौज करनेवाला; मुँहफट । - ज्ञात- वि० खोटा, नीच, कमीना | जायका - वि० जिसका स्वाद खराब हो, कुस्वाद । - तमीज़ - वि० जिसे तमीज, सलीका न हो, गँवार, अशिष्ट, गुस्ताख । - तमीज़ी - स्त्री० अशिष्टता, गुस्ताखी । -तर- वि० अधिक बुरा, ज्यादा खराब । -तरीन - वि० तुरे से बुरा, निहायत खराब । - तहज़ीब - वि० असभ्य, अशिष्ट; उजड्ड । - तहज़ीबी - स्त्री० अस भ्यता, अशिष्टता, उजड्डपन । - दयानस - वि० जिसकी नीयत दूसरे की जमा मार लेनेकी हो, बेईमान, बदनीयत । - दयानती - स्त्री० खयानत, बेईमानी । - दु (दु) आ - स्त्री० शाप, अहित कामनाका उद्गार । नज़र - वि० बुरी नजरवाला | स्त्री० बुरी निगाह, कुदृष्टि । - नसीब - वि० अभागा, बदकिस्मत । -नसीबी-स्त्री० दुर्भाग्य । - नस्ल - वि० बुरी नस्लका, नीच, कमीना । -नामवि० लोग जिसकी निंदा करते हों, जिसकी बुराईको प्रसिद्धि हो । - नामी स्त्री० लोकनिंदा, अपकीर्ति । - निगाह - वि०, स्त्री० दे० 'बदनजर' । नीयत - वि० बुरी नीयतवाला, बेईमान । नीयती स्त्री० इरादेका खोटा होना, बेईमानी । -नुमा - वि० जो देखने में बुरा लगे, भद्दा, कुरूप | - परहेज़ - वि० कुपथ्य करनेवाला । - परहेज़ी - स्त्री० कुपथ्य, अयुक्त आहार-विहार । - फेलवि० कुकर्मी, व्यभिचारी । -बख़्त-वि० अभागा, बदनसीब । - बू- स्त्री० दुर्गंध, कुबास । -मज़गी - स्त्री० बदमजा होना, कटुता, विगाड़। -मज्ञा - वि० जिसका स्वाद अच्छा न हो, कुस्वाद, फीका । मस्त - वि० शराब के नशे में चूर, मतवाला, मदहोश; कामुक । -मस्ती - स्त्री० मतवालापन; कामुकता । - मा ( आ ) श - वि० दुष्कर्म से जीविका करनेवाला; बुरे चाल-चलनका, दुर्वृत्त, दुष्ट, लुच्चा | पु० गुंडा, दुर्वृत्तजन । - मा ( मआ ) शीस्त्री० बदचलनी, खुटाई, दुष्टता। -मिज़ाज-वि० बुरे, तीखे स्वभाववाला, चिड़चिड़ा, बिगडैल । -मिज़ाजीस्त्री० स्वभावका तीखा होना, चिड़चिड़ापन । -रंगवि० बुरे रंगका, जिसका रंग उड़, बिगड़ गया हो, फीका । पु० जिस रंगको चाल हो उससे भिन्न रंग ( ताश ); भिन्न रंगको गोट ( चौसर ) । -राह-वि० बुरे चलनवाला, कुचाली, दुष्ट, खोटा । - रिकाब - वि० (घोड़ा) जो सवार होते समय शरारत करे। रोबी - स्त्री० रोब बिगड़ना; अप्रतिष्ठा । रौँह * - वि० दे० 'बदराह' । - लगाम - वि० मुहँ जोर, सरकश ( घोड़ा ); मुहँफट । -शकल, - शक्लवि० कुरूप, भोंड़ा। शगून- वि० अशुभ, मनहूस । - सलीकगी - स्त्री० बेशऊरी, फूहड़पन; बदतमीज़ी
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३५-क
बद-बदलाना
- सलीक़ा - वि० बेशऊर, बदतमीज ।-सलूकी - स्त्री० दुर्व्यवहार । - सूरत - वि० कुरूप, भोंदा, बुरी शकलका । - हज़मी - स्त्री० अपच, अजीर्ण । - हवास - वि० जिसका होश- हवास ठिकाने न हो, घबराया हुआ, उद्विग्न । -हवासी - स्त्री० होश- हवासका ठिकाने न होना, घबरा हट । - हाल - वि० जिसका हाल बुरा हो, दुर्दशाग्रस्त | बदन - पु० दे० 'वदन'; [फा०] शरीर, देह । मु० - जलनाबुखार की तेजी होना । - टूटना - जोड़ों में हलका दर्द, तनाव होना । - तख़्ता होना-बदन अकड़ जाना । - दुहरा होना - बदन झुक जाना। - फलना-बदनपर फोड़े-फुंसियाँ निकलना । - मेँ आग लगना- बहुत क्रोध होना । - साँचे में ढला होना- हर एक अंगका सुंदर और मुनासिब होना । सूखकर काँटा हो जानाबहुत दुबला हो जाना। -हरा होना- बदनका तर और ताजा होना ।
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बदना - स० क्रि० ठहराना; नियत, पक्का करना (कुश्ती, उसका दिन, स्थान आदि); शर्त लगाना; गिनना, समझना (वह किसी को कुछ बदता नहीं); मानना ( गवाह बदना ) | बदकर - अ० शर्त लगाकर, पूरे जोर के साथ | बदना* - स० क्रि० कहना, वर्णन करना - 'विप्र बदत बहु बढ़ि बढि बाता' - रघु० ।
बदमाश - वि० [फा०] दे० 'बद' के साथ ।
बदर - पु० [सं०] बेरका पेड़ या उसका फल; कपास । बदरा - स्त्री० [सं०] कपासका पौधा । * पु० बादल । बदराई * - स्त्री० बदली ।
बदरिका- स्त्री० [सं०] बेरका पेड़ या फल; गंगाका एक उद्गम स्थान तथा उसका निकटवर्ती आश्रम स्थान । बदरी - * स्त्री० बादल; [सं०] कपासका पौधा; दे० 'बदरिका' । - नाथ- पु० बदरिकाका मंदिर। -नारायणपु० बदरिकाश्रम प्रतिष्ठित नारायण-प्रतिमा; बदरिका नामक स्थान । - फल- पु० बेरका फल |
बदल - पु० [अ०] फेरफार, परिवर्तन; एवज, बदला । बदलना - अ० क्रि० एकसे दूसरी स्थितिमें जाना, भिन्न होना, रंग-रूप दूसरा हो जाना; एककी जगह दूसरा हो जाना, दूसरी जगह भेजा जाना, नियुक्त होना, तबादला होना; ( मत, विचार, स्वभावका ) दूसरा हो जाना ( अब वे बिलकुल बदल गये हैं ); बात से हटना, मुकरना । स० क्रि० दूसरा रंग-रूप देना, फेरफार करना; एकको छोड़कर या एकके बदले में दूसरी चीज लेना, काम में लाना ( कपड़ा, मकान ); एक चीज देकर दूसरी चीज लेना, बदला करना । बदलवाना - स० क्रि० बदलनेका काम दूसरे से कराना । बदला- पु० बदलनेकी क्रिया, अदल-बदल; एकके बदले दूसरी चीज देना, लेना; वह चीज जो किसी चीजके बदले में दी-ली जाय, मुआवजा; वह काम जो किसी कामके बदले में, जवाब में किया जाय, पलटा, प्रतिकार (चुकाना, लेना) ।
बदलाई - स्त्री० बदलनेकी क्रिया; बदले में ली या दी जानेवाली चीज; बदलने में ऊपर से लगनेवाली रकम ।
बदलाना - स० क्रि० दे० 'बदलवाना' ।
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