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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बंदगी-बंधाना ५४४ हुआ, कैद; कुंडी, ताला लगा हुआ, भिड़ा हुआ; जो खुला बंदोबस्त-पु० [फा०] प्रबंध, इंतजाम; जभीनका प्रबंध, न हो; जो चलता न हो; जिसकी गति, क्रिया रुद्ध हो खेतका लगान ठहराकर किसीको जोतने-बोनेके लिए देना; (समासके अंतमें) बाँधनेवाला (नालबंद)।-गोभी-स्त्री० जमीनकी नाप और लगान-मालगुजारी ते करनेका काम करमकल्ला । -बंद-पु० जोड़-जोड़, गाँठ-गाँट (टूटना)। (सेटिलभेंट)। -अफसर-पु० बंदोबस्तका काम करनेवाले -वान*-पु० कारागारका रक्षक, जेलर ।-साल-स्त्री० महकमेका प्रधान अधिकारी। -इस्तमरारी-पु० स्थायी बंदीगृह, कैदखाना । मु०-बंद ढीले कर देना-थका | बंदोबस्त । देना, पस्त कर देना। बंध-पु० [सं०] बंधन बाँधनेका साधन; बाल पाँधनेकी बंदगी-स्त्री० [फा०] सेवा; वंदना, अराधना नमस्कार । चोटी; जंजीर, वेड़ी; बाँधकैद; गाँठ पकड़ना, बाँधना; बंदन-पु० दे० 'वंदन'; ** सिंदूर, रोली; बंदनवार । निर्माण व्यवस्था; संयोगपट्टी; सामंजस्य, प्रदर्शन; बंदनधार-पु० सुंदर पत्तों, फूलों आदिकी झालर जो मंगल- | जीवका बंधन (मुक्तिका उलटा); परिणाम; बंधक रखी हुई अवसरोंपर दरवाजे, मंडप आदिपर बाँधी जाती है। वस्तु । -करण-पु० कैद करना। -तंत्र-पु० पूरी बंदना-स्त्री० दे० 'वंदना' । स० कि० * वंदना करना, सेना (जिसमें उसके सारे अंग हों)। -पत्र-पु० (बौंड) प्रणाम करना। सरकार द्वारा या किसी सार्वजनिक संस्था (नगर-निगम बंदनी-स्त्री० सिरपर पहननेका एक गहना, सिरबंदी । * आदि) द्वारा जारी किया गया वह ऋणपत्र जिसमें इस वि० स्त्री० वंदनीया (समासमें)। बातकी लिखित प्रतिज्ञा की जाती है कि निर्धारित अवधि बंदनीमाल-स्त्री० पैरोतक लटकनेवाली माला । समाप्त होनेपर ऋण ली गयी सारी रकम अदा कर दी बंदर-पु० एक स्तनपायी पशु जिसकी कुछ बातें मनुष्यसे जायगी; कही हुई बात पूरी न होनेपर किसीको कुछ रुपया मिलती हैं और जिसमें बुद्धि कुछ विकसित होती है, | या हरजाना आदि देनेका प्रतिज्ञापत्र; किसी पदपर मर्कट, कपि । -घुड़की-स्त्री० महज डरानेके लिए दी | नियुक्ति होने के पूर्व नियुक्त व्यक्ति या नियोजक द्वारा जानेवाली धमकी। मु०-का घाव-वह धाव जो कभी लिखा गया वह प्रतिज्ञापत्र जिसमें इस बातका निश्चय सूखे नही (बंदरका घाव जब सूखने लगता है तो वह दिलाया गया हो कि निर्दिष्ट अवधिके पूर्व नियुक्त व्यक्ति खुजलाकर उसे छील देता है)। अपने पदसे न हटेगा अथवा न हटाया जायगा । -मोचबंदर-पु० [फा०] जहाजके रुकने ठहरनेकी जगह, बंदर- निका,-मोचनी-स्त्री० एक योगिनी। -स्तंभ-पु० गाह । -गाह-पु० समुद्रकिनारे बसा हुआ नगर जहाँ हाथी आदि बाँधनेका खूटा।। जहाज ठहरते हों, पोर्ट। बंधक-पु० [सं०] बाँधने, पकड़नेवाला; रस्सी; बाँध; बंदरिया, बँदरी-स्त्री० मर्कटी, वानरी । गिरवी; अंगन्यास; वादा; भंग करनेवाला; बंधन; कैद; बंदा-पु० [फा०] सेवक, दास; वशवती (वक्ता विनय विनिमय ।-कर्ता(त)-पु० (मार्टगेजर) अपना घर, खेत दिखानेके लिए अपने आपको कहता है)। आदि किसीके पास रेहन रखनेवाला । -गृहीता(त)बंदारु-वि० दे० 'वंदारु'; पूजनीय, वंदनीय । पु० (मार्ट गेजी) वह महाजन आदि जिसके पास कोई बंदि-स्त्री० [सं०] बंधन, कैद । पु० कैदी; चारण। चीज रेहन रखी गयी हो, रेहनदार । -छोर*-पु० दे० 'बंदीछोर'। बंधन-पु० [सं०] बाँधना; जंजीर, बेड़ी, रस्सी; पकड़ना; बंदिश-स्त्री० [फा०] बाँधनेका भाव; रोक, प्रतिबंध; गाँठ; कैद; कैदखाना; निर्माण, संयोग; रोक क्षति पहुँचाना; शब्दयोजना, रचना; उपाय, पेशबंदी; साजिश। डंठल; पेशी; स्नायुः पट्टी बाँध; पुल; धातुओंका मिश्रण; बंदी-स्त्री० [सं०] कैद; [हिं०] सिरका एक गहना, बंदनी; दमन । -कारी (रिन्)-पु० बाँधनेवाला; आलिंगन दूकानों, कामकाज आदिका बंद रहना; [फा०] बाँधना, करनेवाला । -स्तंभ-पु० हाथी आदि बाँधनेका खूटा। बंद करना; कैद करना; बाँदी; लागत ।-खाना,-धर- -स्थान-पु० तबेला, अस्तबल । पु० कैदखाना। -छोर*-पु० बंधनसे छुड़ानेवाला। बंधना-अ० क्रि० बाँधा जाना, कसा-जकड़ा, लपेटा जाना; -वान*-पु० कैदी। कैद होना; मुग्ध होना; फैसना; गठना; पाबंद होना; बंदी (दिन)-पु०[सं०] चारण कैदी।-कोष्ट,-खाना- निश्चित होना; मोरचा नियत होना । पु० बंधन; बाँधनेपु० (लॉक अप) न्यायालय में मामलेपर विचार होनेतक | का साधन (रस्सी, डोर आदि); * दे० 'बधना' । बंदियोको तालेमें बंद कर या पहरेमें रखनेकी जगह, हवा- | बंधनागार-पु० [सं०] कारागार । लात । -प्रत्यक्षीकरण-पु० (हैवियस कॉर्पस) बंदीको बंधनालय-पु० [सं०] कारागार ।। न्यायाधीशके सामने उपस्थित करनेका लिखित आदेश। बंधनि*-स्त्री० बंधन; बाँधने, फंसानेवाली चीज । बंदक-स्त्री[फा०] एक प्रसिद्ध आग्नेयास्त्र, लकड़ीके कुंदेमें बंधनीय-५०[सं०] वाँध वि० बाँधने योग्यःरोकने योग्य। लगी लोहेकी लंबी नली जिसमें गोली भरकर बारूदकी बंधव-पु० दे० 'बांधव'। सहायतासे दागी जाती है।-ची-पु.बंदूक चलानेवाला | बंधवाना-स० क्रि० बाँधनेका काम दूसरेसे कराना। सिपाही। मु०-छतियाना-भरी हुई बंदूकको छातीसे बंधान-पु० बँधा हुआ क्रम, परिपाटी; दस्तूरी; बाँध; लगाकर निशाना बाँधना। -दागना-बंदूक चलाना। | तालका सम । बंदूखा-स्त्री० दे० 'बंदूक' । बँधाना-स० क्रि० बाँधनेका काम दूसरेसे कराना; धारण बँदेरी-स्त्री० दासी, बाँदी। कराना कैद कराना। For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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