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फली-फागुनी
५३६ फली-स्त्री० लंबोतरे पतले फल जिनमें एक साथ कई दाने रूपमें विभाजित अंश जो छिलकेके अंदर होता है। या बीज होते हैं, मटर, सेम, केवाँच आदि ।
फाँकना-सक्रि० चूर या दानेकी शकलवाली चीजको फलीकृत-वि० [सं०] माँड़ा या कूटा हुआ; फटककर साफ हाथको होंठसे सटाये बिना मुँह में डाल लेना, फंका मारना। किया हुआ।
| फाँका-पु० फाँकनेकी क्रिया, फंका; उतनी चीज जितनी फलीता-पु० [अ० 'फतीला'] बत्ती; ताबीजकी बत्ती ___एक बार में फाँकी जाय; * फाँक । जिसकी धूनी प्रेतबाधावाले रोगीको देते है; वह बत्ती फाँकी-स्त्री० दे० 'फॉक'; फाँकनेकी चीज । जिससे बंदूक या तोपकी बारूदको आग देते हैं । मु०- फाँग, फागी*-स्त्री० एक तरहका साग । दिखाना-आग लगाना; बंदूक या तोपको दागना। फाँड़-स्त्री० दे० 'फाँड़ा'; * कमर- 'फाड़े सोहै गुजराती -सुंघाना-ताबीज या यंत्रकी धूनी देना।
फेटा'-ग्राम। फलीभूत-वि० [सं०] फलरूपमें परिणत, फलित, सफल । फाँडा-पु० धोतीका कमरमें बाँधा हुआ भाग, फेंटा । फलंदा-पु० जामुनका एक भेद जिसके फल अधिक गूदे मु०-पकड़ना-फेंटा पकड़कर भागनेसे रोकना; किसी दार और मीठे होते हैं ।
स्त्रीका किसी पुरुषको भरण-पोषणके लिए जिम्मेदार ठहफलेंद्र-पु० [सं०] बड़ा जामुन, फले दा।
राना । -बाँधना-कमर कसना, तैयार होना । फलोत्पत्ति-स्त्री० [सं०] फलकी उत्पत्ति लाभ । फाँद-स्त्री० उछाल, छलाँग फंदा, जाल । फलोदय-पु० [सं०] फलोत्पत्ति; लाभ; हर्ष; दंड; स्वर्ग। फाँदना-अ० कि० उछलना, छलाँग भरना । स० कि. फलोद्भव-वि० [सं०] जो फलसे उत्पन्न हुआ हो। कूदकर लाँघना; * फंदे में फाँसना। फलोपजीवी(विन)-वि०, पु० [सं०] फलका व्यवसाय | फाँदा-पु० फंदा। करनेवाला।
| फाँस-स्त्री० पाश, फंदा; बाँस आदिका कड़ा रेशा जो फल्ग-वि० [सं०] साररहित निरर्थक क्षुद्र शक्तिहीन । काँटेकी तरह चभ जाय, किरिचः मनमें चभने-खटस्त्री० वह नदी जिसके किनारे गया आबाद है।
कनेवाली बात (चुभना, निकलना, निकालना); बास फसकड़ा-पु० चूतड़ टेककर और टाँगें फैलाकर बैठनेका आदिकी पतली तीली । मु०-निकलना-कोटा निकलना; दंग । मु०-मारना-उक्त प्रकारसे बैठना।
चित्तमें तुभनेवाली वस्तुका दूर होना। फसडी*-वि० दे० 'फिसद्धी'।
फाँसना-स० कि० फंदेम कसना (रस्सी में डोल); फंदेमें फसल-स्त्री० खेतीकी पैदावार, उपज; किसी चीजके उप- फसाना; दाँव-पेंच में बाँधना; बसमें, हाथमें करना । जने, फल नेका काल, मौसम । -की चीज़-ऋतुविशेषमें फाँसी-स्त्री० ररसोका फंदा जिससे गला घुटकर जान पैदा होनेवाले फल, शाक आदि ।
निकल जाय; वह टिकटिकी या फंदा जिसपर प्राणदंड पाये फसली-वि० फसलका, मौसमी । पु० हैजा । -कौआ- हुए अपराधीको लटकाते है। इस रातिमे दिया जानेवाला पु० पहाड़ी कौआ । वि० मतलबका यार। -बुखार- प्राणदंड । मु०-चढ़ना-फांसी चढ़ाया जाना ।-चढ़ाना, पु० मौसमी बुखार, जूड़ी, मलेरिया। -सन,-साल- -देना-फदेसे गला घोंटकर मौतकी सजा देना ।-पड़नापु० अकबर द्वारा हिजरी सन्में कुछ परिवर्तन कर चलाया। फाँसीकी सजा पाना । -लगना-फंदेसे गला कराना। हुआ सन् जिसका उपयोग जमीन, लगान, मालगुजारी फाइल-स्त्री० [अं०] नुकीला तार जिसपर जरूरी कागज आदिका हिसाब रखने में किया जाता है।
नत्थी किये जाते है; सिलसिलेवार रखे हुए कागज,मिसिल; फ्रसाद-पु० [अ०] बिगाड़, खराबी; बखेड़ा झगड़ा, लड़ाई। अखबार आदिके सिलसिलेसे नत्थी किये हुए अंक । मु०फ्रसादी-वि० [अ०] फसाद करनेवाला, उपद्रवी । करना-नत्थी करना; मिसिल में शामिल करना। फसाना-पु० [फा०] कहानी, आख्यायिका ।-नवीस,- नाना-पु० [अ०] भूखा रहना, उपवास, अनाहार । निगार-पु० कहानीकार ।
-कश-वि० फाका करनेवाला, क्षुधापीड़ित । - कशीफस्द-स्त्री० [अ०] रगको काट या छेदकर रक्त निकालना। स्त्री० भूखों मरना, लगातार कई दिनोंतक अन्न न मु०-खोलना,-लेना-रगपर नश्तर देना।
मिलना । (फाक)मस्त-वि० मुफलिसी में भी मस्त रहने, फ्रस्ल-स्त्री० [अ०] खेतीकी पैदावार; किसी चीजके उप- चिंता-परवाह न करनेवाला । -मस्ती-स्त्री० तंगदस्तीकी
जनेका काल; अंतर, बिलगाव; परदा; पुस्तकका परिच्छेद । हालतमें भी मस्त रहना । मु० (फानो)का मारा-जो फस्ली -वि०, पु० [अ०] दे० 'फसली' ।
फाके करते करते दुबला, कमजोर हो गया हो।-मरनाफ़स्साद-पु०[अ०फस्द खोलनेवाला, नश्तर लगानेवाला। भूखों मरना। फहरना-अ० कि० फहराना, हवामें उड़ना।
फाखताई-वि० फाखता(पेंडुकी)के रंगका, सुखीमायल, फहरान-स्त्री० फहरानेका भाव ।
खाकी रंगका । पु० सुखीमायल, खाकी रंग। फहराना-अ० क्रि० हवामें हिलना, झोंके खाना, लहराना ! फाखता-स्त्री० [अ०] पेंडकी, पंडुक; कुमरी । (पताका फहराना)। स० क्रि० किसी चीजको इस तरह फाग-पु० फागुनमें होनेवाला रागरंग, होली; फागुनमें खड़ा करना कि हवामें हिले-लहराये, उड़ाना ।
गाया जानेवाला गीत। फहरानि*-स्त्री० दे० 'फहरान' ।
फागुन-पु. माधके बाद आनेवाला महीना जिसमें होली फाँक-स्त्री० फल आदिका चाकू आदिसे लंबाईमें तराशा होती है, फाल्गुन । हुआ टुकड़ा, खंड; नारंगी, चकोतरे आदिका प्राकृतिक | फागनी-वि० फागुनका ।
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