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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ४०३ नामांकनपत्र - पु० [सं०] (नॉमिनेशन पेपर) वह आवेदनपत्र जो विधान सभा, नगरपालिका आदिके चुनाव में उम्मेदवारकी हैसियत से खड़े होनेवाले व्यक्ति द्वारा अपनी अर्हता, नाम, प्रामाणिकता आदिका स्पष्टीकरण करते हुए चुनावके उपयुक्त अधिकारीके सामने उपस्थित किया जाय । नामांकित - वि० [सं०] जिसपर नाम लिखा या खुदा हो । नामांतर - पु० [सं०] दूसरा नाम, उपनाम । नामावली - स्त्री० [सं०] नामोंकी सूची; + कपड़ा जिसपर किसी देवताका नाम सर्वत्र अंकित हो, रामनामी । नामी - वि० नामवाला, नामकः प्रसिद्ध, विख्यात, मशहूर । -गिरामी - वि० प्रसिद्ध, मशहूर । नामोल्लेख- पु० [सं०] ( नेमिंग ) किसी कदाचरण या असंसदीय कार्यके लिए अध्यक्ष द्वारा सदनमें सदस्य के नामका उल्लेख किया जाना । | नाम्य - वि० [सं०] झुकाने योग्य; लचीला | नायँ * - * - पु० दे० 'नाम' । अ० नहीं । नायक - पु० [सं०] ले जाने या पहुँचानेवाला, राह दिखानेवाला; किसी समुदाय या जनताको विशिष्ट उद्देश्यकी कार्य सिद्धिका मार्ग-निर्देश करनेवाला प्रभावशाली व्यक्ति या अधिकारी, अग्रेसर; बीस हाथियों और घोड़ोंके दलका अध्यक्ष; प्रभु, अधीश्वर; हारका प्रधान मणि; श्रेष्ठ पुरुष, किसी समुदायका अग्रगण्य व्यक्ति; शृंगारका आलंबन रूपयौवन आदि से संपन्न पुरुष; वह पुरुष जिसके चरितको लेकर किसी काव्य या नाटक आदिकी रचना की गयी हो । नायका- स्त्री० नायिका; वेश्याकी माता, कुटनी । नायन - स्त्री० दे० 'नाइन' | नायब- वि० [अ०] प्रतिनिधित्व करनेवाला, स्थानापन्न, सहायक | पु० सहायक, मुनीम । नायबी - स्त्री० [अ०] नायबका काम; नायबका पद । नायिका - स्त्री० [सं०] यौवन तथा रूप गुणसे संपन्न स्त्री; वह स्त्री जिसका चरित किसी काव्यमें मुख्य रूपसे वर्णित हो । नायिकाधिप- पु० [सं०] राजा । नारंगी - स्त्री० एक तरहका मीठा नीबू, संतरा । वि० नारंगी के रंगका । नार - वि० [सं०] नर-संबंधी, मनुष्य-संबंधी; आध्यात्मिक । पु० नरसमुदाय; जल; हालका पैदा हुआ बछड़ा; सोंठ । नार - स्त्री० गर्दनः स्त्री; जुलाहोंकी ढरकी । + पु० नाला; घाँघरा आदि बाँधनेकी सूतकी डोरी; मोटा रस्सा; आँवल । मु० - नवाना, नीची करना लज्जा, संकोच आदिके कारण सिर नीचा कर लेना । नारकी ( किन ) - वि० योग्य | नारकीय - वि० [सं०] नरक-संबंधी; नरक-भोगीकी तरहका, अति निकृष्ट, अति अधम । नारना * - स० क्रि० ताड़ना, समझना, भाँपना । नारा - पु० पूजा या कथा आदिमें प्रयुक्त लाल रंगका डोरा, रक्षासूत्र; चोटीबंधन, इजारबंद; नवजात शिशुका नाल; पेटकी अंतड़ी; बरसाती पानीकी मोटी धारा या उससे २६ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नामांकन पत्र - नाव बना हुआ गड्ढा, नाला- 'चहुँ दिस फिरेउ धनुष जिमि नारा' - रामा०; किसी माँग या शिकायतकी ओर ध्यान दिलाने के लिए बार-बार बुलंद की जानेवाली आवाज । स्त्री० [सं०] जल (मनु० ) । नाराइन* - पु० नारायण, विष्णु । नाराच - पु० [सं०] लोहेका बाण; बाण; एक वर्णवृत्त । नारायण - पु० [सं०] विष्णु, भगवान्, परमात्मा । नारायणी - स्त्री० [सं०] लक्ष्मी; दुर्गा; कृष्णकी सेना जिसे उन्होंने कुरुक्षेत्र में दुर्योधनकी सहायता के लिए दिया था । नारि* - स्त्री० दे० 'नारी'; गरदन । नारिकेर, नारिकेल - पु० [सं०] नारियल | नारिदान - पु० पनाला । नारियल - पु० लंबोतरे और तिपहले फलोंवाला एक ताड़की तरहका पेड़ जो गरम देशोंमें समुद्रका किनारा लिये हुए होता है; इस पेड़में लगनेवाला फल । नारी - स्त्री०हरिसमें जूआ बाँधनेकी रस्सी या तस्मा; * दे० 'नाडी'; दे० 'नाली'; [सं०] स्त्री, औरत । नारू - पु० जूँ; अधिकतर गरम देशके लोगोंको होनेवाला एक रोग जिसमें विशेषकर शरीरके निचले भागमें फुंसियाँसी हो जाती हैं जिनमेंसे डोरकी तरहकी पतल पतली सफेद चीज निकलती है, नहरुवा । नाल - वि० [सं०] नरकुल-संबंधी या उससे बना हुआ । स्त्री० कमल आदिकी डंडी; पौधेका पोला तना, कांड; नली; नाडी बंदूकी नली । पु० आँवल; हरताल; मूठ; नाला; [[हिं०] कसरत करनेके लिए बना हुआ भारी गोल पत्थर । - कटाई - स्त्री० [हिं०] नाल काटनेका काम; नाल काटने की उजरत । मु० ( कहीँ पर ) - गढ़ा होना- किसी स्थानसे बहुत अधिक प्रेम होना; किसी स्थानपर स्वत्व होना । नाल - पु० [अ०] रगड़से बचाने के लिए घोड़ेकी टाप और जूतेकी एड़ी के नीचे लगाया जानेवाला लोहेका अर्द्धचंद्राकार टुकड़ा । - बंद - पु० वह जो घोड़ेकी टाप या जूतेकी एड़ीमें नाल जड़नेका काम करे । नालकी - स्त्री० एक तरहकी खुली पालकी । नाला - पु० दूरतक गया हुआ लंबा-चौड़ा गड्ढा या प्रणाली जिसमें होकर बरसातका पानी किसी नदी आदिमें पहुँचता है; उससे होकर बहनेवाली जलकी धार । नालिकेर - पु०, नालिकेली- स्त्री० [सं०] दे० 'नारिकेर' । नालिश - स्त्री० [फा०] किसी प्रकारकी क्षति या कष्ट पहुँचानेवालेके विरुद्ध ऐसे व्यक्ति या अधिकारीके निकट किया गया आवेदन जो दोषीको उचित दंड दे सके, फरियाद, अभियोग | मु० - दागना - नालिश करना । नाली - स्त्री० जल बहनेका मार्ग, मोरी । [सं०] नरकभोगी; नरकमें जाने नाव * - पु० नाम । नाव - स्त्री० जलके ऊपर तैरनेवाला काठ या टिनका लंबो तरा खुला यान जो नदी, नाला आदि पार करने, मछली मारने तथा जलयात्रा करने आदिके काम आता है, तरणि, वहित्र, नौका । -घाट- पु० वह घाट जहाँ नावें या ठहरें । मु० (सूखे में ) - चलाना - असंभव कार्य करने चलना । - में धूल उड़ाना - एकदम झूठी बातें कहना, सफेद झूठ बोलना । For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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