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टेम-ठकुरई
३०४ टेम-स्त्री० दीयेकी लौ । पु० [अं० 'टाइम'] समय । टोटक*---पु० दे० 'टोटका'। टेर-स्त्री० पुकार, हाँक; ऊँचा गायन ।।
टोटका-पु० टोना ।-(के)हाई-स्त्री० टोना करनेवाली। टेरना-सक्रि० तार स्वरमें गाना; पुकारना दूरसे बुलाना टोटा-पु० कारतूस, बाँस आदिका टुकड़ा. घाटा, कमी। मददके लिए पुकारना; बिताना, काटना; पूरा करना। टोड़ा-पु० पुराने ढंगके मकानों में दीवार में गाड़ा जानेवाला टेलीप्रिंटर-पु० [अं॰] वह यंत्र जिसमें तार द्वारा प्राप्त विशेष बनावटका पत्थर या लकड़ीका टुकड़ा जो आगे बढ़ी संदेश स्वयं टाइप हो जाता है, दूरमुद्रक ।
हुई छाजनकी रोकके लिए लगाया जाता है । टेलीफोन-पु० [अं०] वह यंत्र जिसमें तारके संबंधसे टोड़ी-स्त्री० एक रागिनी, भैरव रागकी स्त्री।
दूरके शब्द ज्योंके त्यों सुनाई देते हैं, दूरभाष । | टोनहा-पु० दे० 'टोनहाया। टेलीविज़न-पु० [अं०] व्यवधान रहते हुए भी दूरकी | टोनहाई-स्त्री० टोना, तंत्र-मंत्र करनेवाली स्त्री। वस्तुको देखनेकी क्रिया ।
टोनहाया-पु० टोना, जादू करनेवाला । टेव-स्त्री० लत, आदत, स्वभाव (पड़ना)।
टोना-पु० जादू, टोटका; * एक शिकारी पक्षी । स० क्रि० टेवना -स० कि० दे० 'टेना'।
उँगलियोंसे दबाकर या छूकर मालूम करना, टटोलना । टेवैया -पु. धार तेज करनेवाला ।
टोप-पु० बड़ी टोपी; शिरस्त्राण, लोहेकी टोपी; + बूंद । टेसुआ-पु० दे० 'टेसू'।
टोपा-पु० बड़ी टोपी; शिरस्त्राण; टोकरा। टेसू-पु० पलाशका फूल; * लड़कोंका एक खेल।
टोपी-स्त्री० सिरका एक पहनावा; गोल और गहरा ढकन क-पु० [अं०] लड़ाईके काम आनेवाली मोटरकार जैसी शिकारी जानवरके मुँह पर चढ़ानेकी थैली। -दार-वि० गाड़ी जो तोप आदिसे लैस और लोहेकी मोटी चादरसे टोपीवाली (बंदूक); जिसमें टोपी लगी हो । ढकी रहती है।
टोभ-पु० टाका। टैक्स-पु० [अं०] कर, महसूल, टिकस ।
टोर*-स्त्री० कटारी, कटार । टेक्सी-स्त्री० [अं०] किरायेपर चलनेवाली मोटर कार । टोरना*-सकि० तोड़ना । टोचना-स० क्रि० गड़ाना; गोदना । पु० उलाहना ताना। टोल-स्त्री० दल, समुदाय, झुंडा टुकड़ा, रोड़ा; पाठशाला। टॉट-स्त्री० चोंच।
पु० एक राग; [अं०] यात्रियों आदिपर लगनेवाला कर। टोटनी-स्त्री० जलपात्र में लगी हुई टोंटी।
टोला-पु० छोटी बस्ती; महला। टो टी-स्त्री० बरतन आदिमें लगी हुई पानी गिरानेकी टोली-स्त्री० छोटा महला मंडली; झुंडा सिल । नली; थूथन ।
टोह-स्त्री० खोज, अनुसंधान; पता देख-भाल । टोक-स्त्री० टोकनेकी क्रिया, रोक; पूछ-ताछ । -टाक-टोहक विमान-पु० (रिकानेसेंस प्लेन) शथुकी स्थितिका स्त्री० पूछ-ताछ।
पता लगाने, सैनिक आवश्यकता या पुल आदि बनानेकी टोकना-स० वि० चलते समय यात्राके विषयमें पूछ-ताछ दृष्टिसे आसपासके भूक्षेत्रका पर्यवेक्षण करनेवाला विमान । करना; किसी बातकी याद दिलाना; अशुद्धिपर बोल टोहना-स० क्रि० खोजना, सुराग लगाना; टटोलना । उठना; एतराज करना । पु० हंडा टोकरा।
टोहाटाई-स्त्री० खोज, छान-बीन; देख-भाल । टोकनी-स्त्री० टोकरी, देगची; छोटा हंडा।
टोहिया-वि०, पु० टोह लगानेवाला; खुफिया । टोकरा-पु० बड़ी टोकरी; झाबा, खाँचा ।
टोनहाल-पु० दे० 'टाउनहाल'। टोकरी-स्त्री० धास, फल, तरकारी आदि रखनेका बाँसट्रॅक-पु० [अ०] लोहे या टीनका कपड़े आदि रखनेका संदूक । या झाऊ आदिका बना गोला, गहरा पात्र, बँचिया । ट्रेन-स्त्री० [अं०] रेल गाड़ी।
ठ-देवनागरी वर्णमालाका बारहवाँ व्यंजन वर्ण ।
मुलम्मा जो बिना आँचके चढ़ाया जाय । मु०-करना-वि०जिसकी डालियाँ और पत्तियाँ सूख या कटकर | क्रोध शांत करना । -पड़ना-क्रोध शांत होना; आवेशगिर गयी हों, हूँठा।
रहित होना । -होना-मर जाना । ठंठनाना-स० क्रि० 'ठं-ट'की ध्वनि निकालना। ठंढाई-स्त्री० तरी पहुँचानेवाली औषधियाँ पेय विशेष । ठंड-स्त्री० सरदी, जाड़ा।
ठंढी-वि०स्त्री०दे० 'ठंडा' ।-आग-स्त्री०पाला।-सासठंडक-स्त्री० दे० 'ठंड'।
स्त्री० दुःखभरी साँस । मु०-साँस लेना-आह भरना । ठंडा-वि० सर्द, शीतल; बुझा हुआ; बेरौनक, श्रीहत । ठंढे-टंढे-अ० आराममें, धूप कड़ी होनेसे पहले । ठंडाई-स्त्री० दे० 'ठंढाई'।
ठ-पु० [सं०] शिव; भारी शब्द; चंद्रमंडल; शून्य स्थान । ठंडी लड़ाई-स्त्री० (कोल्ड वार) दे० 'शीत युद्ध'। ठक-पु० काठपर काठ बजानेका शब्द । * स्त्री० हठ । वि० ठंढ-स्त्री० दे० 'ठंड' ।
भौंचक्का, स्तब्ध । -ठक-स्त्री० मनमुटाव, झगड़ा; 'ठकठंढई-स्त्री० दे० 'ठंढाई।
ठक' शब्द । मु०-हो जाना-स्तंभित हो जाना, भौचका ठंदक-स्त्री० दे० 'ठंड' (ला) सुख, तृप्तिः संतोष शांति।। हो.जाना। ठंढा-वि० दे० 'ठंडा'। -मुलम्मा-पु० सोने-चाँदीका ठकुरई -स्त्री० दे० 'ठकुराई'।
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