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झिलँगा-झुराना इकट्टा हो; पाला।
स्वीकार करना प्रवृत्त होना, लगना किसी और पक्षपात झिलेगा-पु० पुरानी खाट जिसकी बुनावट ढीली हो गयी। करना; मानना; * हुँझलाना; ऋद्ध होना-'भैयनसों या टूट गयी हो; ऐसी खाटका बाध ।
प्रभु झुकत हैं."-राम + मरना । झिलना-अ० क्रि० घुसना; तृप्त होना; मगन होना; झेला झुकमुख*-पु० झुटपुटा ।
जाना (झेलनाका कर्म०) । स० कि० हमला करना। झुकराना*-अ० क्रि० झोंका खाना । झिलम-स्त्री० लोहेका बना टोप या शिरस्त्राण ।
झुकवाना-सक्रि० झुकानेका काम दूसरेसे कराना । झिलमिल-स्त्री० हिलती, रह-रहकर चमकती हुई रोशनी | झुकाई-स्त्री० झुकानेकी क्रिया या भाव; झुकानेकी उजरत । झिलमिलानेका भाव । पु० एक महीन वस्त्र । वि० झिल- | झुकाना-स० क्रि० टेढ़ा करना, लटकाना; मोड़ना; नीचा मिलाता हुआ।
करना; प्रवृत्त करना, लगाना । झिलमिला-वि० झीना; जिससे झिलमिलाती हुई रोशनी झुकामुखी*-स्त्री० दे० 'झुकमुख'। निकले; चमकता हुआ।
झुकाव-पु० झुकनेकी क्रिया या भाव; ढाल, प्रवृत्ति चाह । झिलमिलाना-अ०क्रि० रोशनीका हिलना, कभी चमकना, झुकावट-स्त्री० दे० 'झुकाव'। कभी न चमकना; टिमटिमाना।
झुझकावना*-स० क्रि० रेलना, आक्रमणके लिए प्रेरित झिलमिलाहट-स्त्री० झिलमिलानेकी क्रिया या भाव । करना। झिलमिली-स्त्री० खिड़कियों आदिमें जड़ा जानेवाला आड़ी | झुटपुटा-पु० सबेरे या शामका समय जब प्रकाश इतना पटरियोंका ढाँचा जो पीछे लगी लकड़ीको खींचनेसे खुलता, | कम हो कि कोई चीज साफ दिखाई न दे, वह समय जब बंद होता है; चिक, चिलमन; एक तरहकी जाली । कुछ-कुछ अँधेरा और कुछ-कुछ उजाला हो। झिलवाना-स० क्रि० झेलनेका काम दूसरेसे कराना । झुटुंग-वि० झोटेवाला, जटाधारी। झिली*-स्त्री० झींगुर ।
झुठकाना-स० क्रि० दे० 'झुठलाना' । झिल्लड़-वि०जिसकी बुनावट दूर-दूर हो, झीना। झुठलाना-स० क्रि० झूठा साबित करना; झूठी बात. कहझिल्लिका-स्त्री० [सं०] झींगुर, झींगुरकी झनकार; सूर्य- कर धोखा देना। प्रकाश दीप्ति ।
झुठवना*-स० कि० झूठा बनाना। झिल्ली-स्त्री० चमड़े आदिकी पतली तह; बारीक छिलका; झुठाई-स्त्री० झूठापन, असत्यता। [सं०] दे० 'झिलिका' ।
झुठाना-स० क्रि० दे० 'झुठलाना। झिल्लीक-पु० [सं०] झींगुर ।
झठालना-स० कि० दे० 'झुठलाना'; दे० 'जठारना। झीकना-अ० क्रि० दे० 'झी खना'।
झुनकना-अ० क्रि० 'झुन-झुन' बजना । झीका-पु० अन्नकी वह मात्रा जो पीसनेके लिए चक्कीमें | झुनकारा*-वि० झीना। एक बार डाली जाय: छीका।
झुन-झुन-पु० नूपुर, पैजनी आदिके बजनेकी आवाज । झीखना-अ० क्रि० दुःखी होना, कुढ़ना; दुखड़ा रोना । झुनझुना-पु. काठ, टिन आदिका बना खिलौना जो झींगा-पु. एक छोटी मछली।
हिलानेसे 'झुन-झुन' बजता है, घुनघुना । झींगर-पु. तेज आवाजवाला एक छोटा कीड़ा। झुनझुनाना-अ० क्रि० 'झुन-झुन' ध्वनि होना । स० क्रि० झीवर*-पु० दे० 'झीवर'।
'झुन-झुन' शब्द उत्पन्न करना । झाँसी-स्त्री० नन्हीं-नन्हीं बूंदोंमें होनेवाली वर्षा, फुहार। | झुनझुनियाँ-स्त्री० 'झुन-झुन' शब्द करनेवाला गहना; झीका-पु० छीका।
बेड़ी सनईका पौधा । झीखना-अ० क्रि० दे० 'झी खना' ।
झुनझुनी-स्त्री० हाथ-पाँवके एक हालतमें देरतक रहने या झीठ-वि० झूठ, मिथ्या।
दबनेसे पैदा होनेवाली सनसनाहट । झीड़ना*-अ० क्रि० घुसना; धंसना-'मानहुँ सुधासिंधुमें अपरी*-स्त्री० दे० 'झोंपड़ी। झीड़त मकर पानके हेत'-सू०।
झुबझुबी -स्त्री० कानका एक गहना। झीना-वि० बहुत बारीक; दूर-दर बुना हुआ, झाँझर । झुमका-पु० कानमें पहननेका एक गहना जो करनफूलकी झीनासारी*-पु० एक तरहका चावल ।
तरकीसे लटकता रहता है। एक पौधा; उसका फूल । झील-स्त्री० प्रकृति-निर्मित सरोवर; बहुत बड़ा ताल । झुमिरना* अ० क्रि० दे० 'झूमना'। झीलर-पु० छोटी झील या तालाब ।
| झरझरी-स्त्री० जूड़ी-बुखारकी कँपकँपी। झीवर-पु० माँझी, मछुआ, धीमर ।
झरना-अ०क्रि० सूखना; दुःख या चिंतासे क्षीण होना। झुंगना-पु० जुगनू ।।
झुरमुट-पुक पास-पास उगे हुए पेड़ या झाड़, समूह, झुंझना*-पु० झुनझुना, एक खिलौना।
मंडली; चादरको इस तरह ओढ़ना कि सारा शरीर ढक झुंझलाना-अ० क्रि० खीझना, चिढ़ना, बिगड़ना । जाय ( मारना)। झुंझलाहट-स्त्री० झुंझलानेका भाव, चिढ़, खफगी। झुरसना*-अ० क्रि० स० क्रि० दे० 'झुलसना'। झुंड-पु० समूह, विशेषतः पशु-पक्षियोंका गिरोह, गिल्ला। सुरसाना*-स० क्रि० दे० 'झुलसाना' । झकना-अ० क्रि० टेढ़ा होना, लटकना; मुड़ना; नीचा झुरहुरी-स्त्री० दे० 'झुरझुरी'। होना (आँखोंका); दबना, नमित होना; हार या छुटाई झुराना*-अ० क्रि० सूखना । स० क्रि० सुखाना।
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