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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गाहकताई-गिरह २१० गाहकताई -स्त्री० खरीदारी कद्रदानी। रखना-बहुत धीरे-धीरे चलना, छोटे-छोटे कदम रखना। गाहकी-स्त्री० खरीदारी; बिक्री। पु० ग्राहक । गिन-गिनकर गालियाँ देना-घरके हर आदमीका गाहन-पु० [सं०] पानीमें धंसना, पैठना, गोता लगाना, नाम ले-लेकर गालियाँ देना। गिन देना-तुरत चुकता निमज्जन; थाह लेना; छानना; बिलोड़ना। कर देना । गिने-गिनाये, गिने-चने-थोड़ेसे, गिनतीके । गाहना-स० क्रि० थाह लेना; अवगाहन करना बिलोड़ना; गिनवाना-स० दे० क्रि० "गिनाना' । पार करना;-'फेरि भीमरा कृष्णा गाही'-छत्र० ग्रहण गिनाना-स० क्रि० गिननेका काम दूसरेसे कराना । करना; अनाज माँड़नेमें दाना झाड़नेके लिए डाँठको गिनी-स्त्री० [अं०] एक विलायती घास सोनेका अंग्रेजी डंडेसे उठाना। सिक्का जो २१ शिलिंगका होता है। -गोल्ड-पु. वह गाहा*-स्त्री० कथा, गाथा, वृत्तांत । सोना जिसमें ताँबेका मेल हो। गाहित-वि० [सं०] गाहन किया हुआ। गिसी-स्त्री० चक्कर दे० 'गिनी'। गाहिता(त)-वि० [सं०] गाहन करनेवाला । गिय*-स्त्री० गला, गरदन । गाही-स्त्री० पाँच चीजोंका समूह या गिननेका मान । गिर*-पु० दे० 'गिरि' । -धर,-धारन,-धारी*-पु. गिजना-अ० क्रि० गीजा जाना। दे० 'गिरिधर'। -वर*-पु० बड़ा, श्रेष्ठ पहाड़, गिरिवर । गिँजाई-सी० गीजनेकी क्रिया; बरसातमें पैदा होनेवाला गिरगिट-पु० छिपकलीकी जातिका एक जंतु जो कई तरहएक कीड़ा। के रंग बदल सकता है । मु०-की तरह रंग बदलनागिदुरी-स्त्री० दे० 'ई"डुरी' । मत, वृत्ति बदलते रहना; कभी कुछ, कभी कुछ बनना। गिंदुक-पु० [सं०] गेंद, कंदुक । गिरगिटान-पु० गिरगिट । गिदौड़ा(रा)-पु० मोटी रोटीकी शकलमें जमायी हुई गिरजा-पु० ईसाइयोंका उपासनागृह; एक पक्षी । * स्त्री० चीनी। दे० 'गिरिजा'। गिआन*-पु० दे० 'ज्ञान' । गिरद*-अ० दे० 'गिर्द' । गिउ*-स्त्री० ग्रीवा, गला । गिरदा -पु० चक्कर तकिया; फरशीके नीचे रखनेका गीला गिचपिच-वि० पास-पास लिखा हुआ, अस्पष्ट । कपड़ा; ढाल; खंजरीका मेंडरा । गिचर-पिचर-वि० दे० 'गिचपिच'। गिरदान*-पु० गिरगिट । गिजगिजा-वि० गीला; पिलपिला। गिरदावर-वि० दे० 'गिर्दावर'। ग़िज़ा-स्त्री० [अ०] आहार, खाद्य पदार्थ । गिरना-अ० क्रि० ऊपरसे, अपनी जगहसे नीचे आना; ग़िज़ाई-वि० [अ०] आहार-संबंधी; जो आहार-रूपमें हो। ढहना (घर, दीवार); उखड़ना; झड़ना; (नदी आदिका) गिजाई-स्त्री० गिंजाई या ग्वालिन नामक कीड़ा। बड़ी नदी आदिमें मिलना; छीजना; अवनत होना; मंदा गिटकिरी-स्त्री० तान लेनेमें स्वरको कँपाना । होना, घटना (भाव); बरसना; घायल होकर गिर जाना, गिटपिट-स्त्री० विकृत, अर्थहीन शब्दावली । -भाषा- हारना; मारा जाना या पतन होना; (शक्ति, प्रतिष्ठा स्त्री० अंग्रेजी । मु०-करना-टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलना। आदिका) घटना, ह्रास होना; बीमार होना, खाट पड़ना; गिट्टक-पु० चिलमके छेदपर रखनेकी कंकड़ी; लकड़ी, टूटना (बाजका शिकारपर); किसी चीजके लिए बहुत चाव लोहे आदिका छोटा और मोटा टुकड़ा। दिखाना; सुस्त, उत्साहरहित होना; ऐसे रोगका होना गिट्टा-पु० चिलमके छेदपर रखनेकी कंकड़ी। जिसका सिर या दिमागसे नीचेकी ओर आना माना गिट्टी-स्त्री० पत्थरके छोटे तोड़े हुए टुकड़े जो छत बनाने जाता हो (फालिज, नजला गिरना)। गिरते-पड़ते-अ० आदिमें काम आते हैं; मिट्टीके बरतनका छोटा टुकड़ा | गिरते-उठते, बड़ी कठिनाईसे। गिरा-पड़ा-वि० जमीनचिलमके छेदपर रखनेकी कंकड़ी; धागेकी गोली। पर पड़ा हुआ; छूटा-छटका हुआ; ढहा हुआ, जीर्ण-शीर्ण । गिड़गिड़ाना-अ० क्रि० दीन भावसे प्रार्थना करना, गिरफ्त-स्त्री० [फा०] पकड़ा भूल पकड़ना; एतराज; मूठ । आजिजी करना, चिरौरी करना। गिरफ्तार-वि० [फा०] पकड़ा हुआ; फंसा हुआ; बंदी। गिड़गिड़ाहट-स्त्री०गिड़गिड़ानेका भाव । गिरफ्तारी-स्त्री० [फा०] गिरफ्तार करना या होना; कैद । गिद्ध-पु० मरे जानवरोंका मांस खानेवाला एक बड़ा पक्षी गिरमिट-पु० बड़ा बरमा [अं० 'एग्रीमेंट'] एकरारनामा। जिसकी दृष्टि बड़ी तीक्ष्ण होती है। -राज-पु. जटायु । गिरमिटिया-पु० किसी उपनिवेशमें गया हुआ शर्त बंद गिनगिनानाt-अ० त्रि.० देहका काँपना, गनगनाना | हिंदुस्तानी मजदूर। रोमांच होना। सक्रि० झकझोरना । गिरवान*-पु० दे० 'गीर्वाण'; दे० 'गरीबान'। गिनती-स्त्री० गिननेकी क्रिया, गणना; संख्या; मूल्य गिरवाना-सक्रि० 'गिराना'का प्रेरणार्थक । महत्त्व: हाजिरी (सेना)। -के-गिने हुए, थोड़ेसे । गिरवी-स्त्री०बंधक, रेहन; बंधक रखी हुई चीज ।-गाँठा म.-पर जाना-हाजिरी देने जाना 1-में आना-में -पु० बंधक । -दार-पु० बंधक रखनेवाला, रेहनदार । होना-कुछ मूल्य, महत्त्वका होना, कुछ समझा जाना । | गिरस्ती-स्त्री० दे० 'गृहस्थी'। गिनना-स० क्रि० संख्या, गिनती मालूम करना, गणन, गिरह-स्त्री० [फा०] गाँठ, बंधन; गुत्थी, उलझन; जेब, टेंट; गणना करना; हिसाब लगाना; समझना, कुछ मूल्य, ईख आदिके पोरोंका जोड़ा वैर, बुराई जो अधिक दिनसे महत्त्व रखनेवाला मानना । मुगिन-गिनकर कदम मनमें हो; कलाबाजी; एक माप जो सवा दो इंचके बराबर For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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