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खींचातानी-खुदा
खींचातानी - स्त्री० दे० ' खींचतान' |
खीज - स्त्री० खीजनेका भाव; झुंझलाहट, कुढ़न, गुस्सा । खीजना - अ० क्रि० झुंझलाना, क्रुद्ध होना । खीझ * - स्त्री० दे० 'खीज' |
खीझना * - अ० क्रि० दे० 'खोजना' ।
खीन* - वि० दे० ' क्षीण' । - ता- दे० 'खीनताई' | खीनता ई * - स्त्री० दुर्बलता, सूक्ष्मता; घटी । खीर - स्त्री० दूध में पकाया हुआ चावल ( या सूजी, लौकी, मखाना आदि ) । पु० दूध । - चटाई - स्त्री० अन्नप्राशन । - मोहन- ५० छेनेसे बननेवाली एक मिठाई । खीरा - पु० ककड़ीकी जातिका एक फल । मु०खीरे ककड़ी की तरह काटना - धड़ाधड़, बिना प्रयास, काटना | खीरी - स्त्री० गाय, भैंस आदिके थनके ऊपरका मांस * खिरनी ।
खुबी, खुंभ* - स्त्री० दे० 'खुभी' । खुआरी* - स्त्री० दे० 'वारी' । खुक्ख, खुक्खा - वि० खाली, छू छा; नादार | खुखड़ी - स्त्री० तकुएपर लपेटा हुआ सूत, ऊन; एक तरहका बड़ा छुरा, नेपाली कटार, करौली । खुगीर - पु० दे० 'खोगीर' ।
खुचड़, खुचर, खुचुर - स्त्री० किसीके काम में खाहमखाह दोष निकालना, छिद्रान्वेषण ( करना, लगाना ) । खुचड़िया, खुचरी, खुखुरी - वि० खुचड़ निकालनेवाला । खुजलाना - अ० क्रि० खुजली मालूम होना, त्वचामें ऐसी चुलकन उठना जो सहलाने, रगड़ने से मिटे; (अंगविशेषका) किसी काम के लिए बेचैन होना । स० क्रि० खुजली मिटानेके लिए त्वचाको मलना, नाखून से खरोचना | खुजलाहट - स्त्री० खुजली ।
खुजली - स्त्री० चुलकन या सुरसुरी जो खुजलानेसे मिटे, खाज; एक रोग जिसमें त्वचापर दाने निकलते और उनमें तीव्र खुजली होती है, खारिश; ( किसी बातकी ) तीव्र इच्छा ।
खुजाना- अ० क्रि०, स० क्रि० 'खुजलाना' । खुज्झा, खुशड़ा * - पु० दे० 'खुझा' |
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: खील- स्त्री० भुना हुआ धान, लावा; + दे० 'कील' । खीलना - स० क्रि० पानके बीड़े, दोने आदिमें तिनका गोदना । खुट्टी - स्त्री० खुरंड, घावके ऊपरकी पपड़ी । खीला + - पु० कील, खूँटी ।
खीली - स्त्री० पानका बीड़ा ।
स्टक * - स्त्री० खटका, शंका ।
खुटकना - स० क्रि० किसी पौधेकी फुनगी या ऊपर का भाग नोच लेना, खोंटना ।
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खुटका - पु० दे० 'खुटक' ।
खुटचाल * - स्त्री० खोटापन, दुष्टता । खुटचाली* - वि० खोटा, दुष्ट ।
खुटना* - अ० क्रि० दे० 'खुलना' - 'खुटै न कपट-कपाट'बि० समाप्त होना |
खुटपन (ना) - पु० खोटापन, दुष्टता, पाजीपन | खुटाई - स्त्री० खोटापन, दोष ।
खुटाना * - अ० क्रि० पूरा होना, समाप्त होना । खुटिला - पु० करनफूल ।
खुट्टी+ - स्त्री० संबंध-विच्छेद सूचित करनेवाली बालकों की एक क्रिया जिसमें वे दूसरेकी कानी उँगली से अपनी कानी उँगली मिलाकर चूम लेते हैं ।
खुतबा - पु० [अ०] वह धार्मिक व्याख्यान जो जुमे या ईद की नमाज के बाद इमाम मेंवरपर खड़ा होकर करता है और जिसके अंत में उस समय जो खलीफा होता हैं उसके लिए दुआ की जाती है; व्याख्यान, भाषण (पढ़ना); पुस्तककी भूमिका |
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खीवन, खीवनि - स्त्री० मस्ती, मत्त होना । खीस - स्त्री० खिसियानेका भाव; लज्जा; खीझ; ऐसी हँसी जिसमें दाँत खुल जायँ; बाहर निकले हुए दाँत; पेउस; + नुकसान, खराबी - 'अब सलाह इनसों करे कछू न खीस'-छत्र०; नाश । * वि० नष्ट, विध्वस्त | मु०कादना, -निकालना - इस तरह हँसना किं दाँत दिखाई दें; वेढंगी हँसी हँसना; गिड़किड़ाकर माँगना । खीसना * - अ० क्रि० नष्ट होना, खराब, बरबाद होना । खीसा - पु० थैली, बटुआ, जेव । खुटकढ़वा - पु० कानका मैल निकालनेवाला । खुदवाना - स० क्रि० घोड़ेकी टापसे कुचलवाना, रौंदवाना । खु दाना-स० क्रि० घोड़ा कुदाना ।
खुत्थ- पु० कटे हुए पेड़की जड़ और उसके ऊपरका भाग खुत्थी - स्त्री० छोटा खुत्थ, खूँटी; धरोहर, थाती; कमर में रुपये बाँधकर रखनेकी पतली लंबी थैली, बसनी । .खुद- अ० [फा०] स्वयं, आप । - इख्तियार - वि० स्वतंत्र,
स्वयं अधिकार रखनेवाला । - काश्त - वि० अपनी जमीन में खुद खेती करनेवाला । स्त्री० वह (सीर से भिन्न) जमीन जिसे जमींदार खुद जोते। -कुशी - स्त्री० आत्महत्या; आत्मघातक कार्य । -ग़रज़-वि० अपनी गरज, मतलब देखनेवाला, स्वार्थी, मतलबी । -परस्तवि० घमंडी; स्वार्थी । - पसंद- वि० हठी, खुदराय; घमंडी | -ब-खुद - अ० अपने आप स्वतः । - मतलब - वि० खुदगरज - मुस्तार - वि० जिसपर किसीका दाव, नियंत्रण न हो, स्वतंत्र ।
खुड्डी, खुड्डी - स्त्री० पाखाने में बैठने के पायदान, कदमचा पाखाना फिरनेका गढ़ा ।
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खुदना - अ० क्रि० खोदा जाना । खुदरा -५० दे० 'खुर्दा' । खुदवाई - स्त्री० खुदवाने की क्रिया या मजदूरी । खुदवाना-स० क्रि० खोदनेका काम दूसरे से कराना । खुदा-५० [फा०] स्वयंभू ; ईश्वर, मालिक । - ई-स्त्री० ईश्वरता; ईश्वरकी महिमा, विभूति, सृष्टि, दुनिया । वि० खुदाका, ईश्वरीय । -का कारखाना - विश्व-प्रपंच, दुनिया | - का घर - अर्श, वैकुंठ; उपासनास्थल, मस्जिद । -की राहपर - खुदा के नामपर ईश्वरके प्रीत्यर्थ । - परस्त - वि० ईश्वरको मानने, पूजनेवाला, भक्त । - वंद - पु० मालिक, स्वामी; ( संबोधन में ) श्रीमन् । - वंदी - स्त्री० मालिकी, बादशाहत; अनुग्रह | मु० - के घर जाना - मरना । - खदा करके- बड़ी कठिनाईसे । - गंजेको ना. खुन न दे-ईश्वर ओछे,