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कटक-कव्याना
१३२ टट्टी; घास, सरपत; शव; अरथी; श्मशान; [अं०] काट, कटाछनी-स्त्री० मारकाट । तराश ।-पीस-पु० नये कपड़ोंके टुकड़े; वह नया कपड़ा कटान-स्त्री० कटने या काटनेकी क्रिया। जो बुनाईके समय ही कट गया हो।
कटाना-स० क्रि० काटनेकी क्रिया दूसरेके कराना; डसकटक-पु० [सं०] सोना; सोनेका कड़ा; सेना, फौजा वाना; गाड़ी आदि बगलसे घुमाकर ले जाना (गाड़ीवान
समूह; पहाड़का मध्य भाग; राजधानी; लवण; चटाई। कटार-स्त्री० एक दुधारा हथियार, खंजर । कटकई-स्त्री० सेना, फौज ।
कटारी-स्त्री० छोटी कटार । कटकट-स्त्री० दाँतोंके एक दूसरेपर लगनेसे होनेवाला कटाव-पु० काट; काट या खोदकर बनाये हुए फूल आदि । शब्द; किचकिच ।
-दार-वि० जिसपर कटावका काम हुआ हो। कटकटना*-अ० कि० दे० 'कटकटाना।
कटावन-पु० कटाई करनेका काम; कतरन । + वि० काटने कटकटाना-अ० क्रि० दाँत पीसना ।
वाला, भयंकर । कटकाई*-स्त्री० कटक, सेना।
कटाह-पु० [सं०] कड़ाह; कछुएकी पीठका कड़ा आवरण; कटकी (किन्)-पु० [सं०] पहाड़ ।
सूप; टूटे हुए घड़ेका टुकड़ा; भैसका बच्चा । कटखना-वि० काट खानेवाला; चिड़चिड़ा, क्रोधी कटि-स्त्री० [सं०] कमर; कमरके नीचेका मांसल भाग; कटघरा-पु० दे० 'कठघरा'।
पेड़ ; हाथीका गंडस्थल । -जेब-पु० [हिं०] करधनी । कटजीरा-पु० स्याहजीरा ।
-देश-पु० पेड़ ; श्रोणि । -बंध-पु० कमरबंद; सरदीकटताल-पु० दे० 'करताल'।
गरमीकी कमी-बेशीके विचारसे किये गये पृथ्वीके विषुवत् कटती-स्त्री० बिक्री; खपत; छंटना ।
रेखाके समानांतर पाच विभागों में से एक। -बद्ध-वि० कटना-अ० क्रि० दो टुकड़े होना; टुकड़े होना; विभक्त कमरबस्ता, तैयार, आमादा। -सूत्र-पु० करधनी, होना; किसी धारदार चीजका शरीर में धंसना, जख्मी कमरपट्टी। होना; पिसना; अलग होना; दूर होना; बीतना; खत्म कटियाना-अ० त्रि.० कंटकित, रोमांचित होना। होना; लज्जित होना; काटा जाना; कतरा जाना; युद्ध में कटीला-वि० काँटेदार; नुकीला, तीक्ष्ण, पैना; तेज असर मारा जाना मिलना, हाथ लगना (माल कटना); रद्द करनेवाला; मुग्ध करनेवाला; आनबानवाला। होना; खारिज होना; मुजरा या मिनहा होना; खाने या कटु-वि० [सं०] कड़वा, चरपरा; अप्रियः बुरा लगनेवाला । क्यारीके रूपमें विभाजित होना; किसी संख्याका पूर्ण पु० ६ रसोंमेसे ए.क; कड़वापन । -त्रय-पु० त्रिकुटा। विभाजन या बराबर हिस्सों में बँट जाना; गाड़ी आदिसे -भाषी(षिन)-वि० कड़वी बात बोलनेवाला राहमें मालका चुरा लिया जाना । मु०कट मरना-लड़ कटुआ -वि० अनेक टुकड़ोंमें कटा हुआ मरना । कटपर नमक छिड़कना-दुखियाको और दुःख कटूक्ति-स्त्री० [सं०] कड़वी बात । देना, कष्ट पाते हुएको कष्ट पहुँचाना ।
कटया-पु० काटनेवाला; फसल काटनेवाला स्त्री० कटनास*-पु० नीलकंठ।
भटकटैया। कटनि*-स्त्री० काट; आसक्ति ।
कटोरदान-पु० पीतल आदिका एक ढक्कनदार बरतन । कटनी-स्त्री० फसलकी कटाई काटनेका औजार । कटोरा-पु० [सं०] फूल, काँसे आदिका प्याला । मु०कटरा-पु०. छोटा चौकोर बाजार; * कटार ।
चलाना-चोरका पता लगानेके लिए मंत्रकी शक्तिसे कटोरेकटवाँ-वि० जिसमें कटाईका काम हुआ हो।-ब्याज-पु० | को चलाना।
वह सूद जो कुछ मूल धन चुकता हो जानेपर शेषपर लगे। कटोरिया-स्त्री० दे० 'कटोरी' । कटवाँसी-पु० एक तरहका ठोस बाँस ।
कटोरी-स्त्री० छोटा कटोरा, कटोरीकीसी शकलवाली चीज कटवाना-स० क्रि० दे० 'कटाना।
अँगियाका वह भाग जिसमें स्तन रहते हैं; तलवारकी कटसरैया-स्त्री० एक काँटेदार पौधा ।
मूठमें ऊपरका गोला भाग; हरी पत्तियोंका कटोरीके कटहर* --पु० दे० 'कटहल'।
आकारका वह भाग जिसमें फूल निकलते और रहते है। कटहरा-पु० दे० 'कठघरा' । स्त्री० एक छोटी मछली। कटौती-स्त्री० किसी रकममेंसे (धर्मादा, दस्तूरी आदिके कटहल-पु० एक बड़ा फल जो खानेके तथा तरकारीके रूपमें ) कुछ काट लेना । -का प्रस्ताव-किसी विभागके काम आता है। इसका पेड़ ।
कार्यपर असंतोष प्रकट करनेके लिए उसके खर्चकी माँगसे कटहा-वि० काटनेवाला।
कोई छोटी रकम घटा देनेका प्रस्ताव । कटा*-स्त्री कटाकटी, मारकाट; हत्या प्रहार, चोट । कट्टर-वि० काट खानेवाला; दृढ़ः जिसे अपने मत या कटाइक*-वि० काटनेवाला ।
विश्वासका अधिक आग्रह हो, दुराग्रही असहिष्णुः अनुकटाई-स्त्री० काटनेका काम; काटनेकी मजदूरी; भटकटैया।
दार विचारवाला। कटाउ*-पु० दे० 'कटाव' । वि० काटे जाने लायक । कहा-वि० तगड़ा, मोटा-ताजा। कटाकट-पु० कटकट शब्द ।
कट्ठा-पु० जमीनकी एक नाप, जरीबका बीसवाँ भाग; कटाकटी-स्त्री० मारकाट, खून-खराबा।
एक प्रकारका (लाल) गेहूँ। कटाक्ष-पु० [सं०] तिरछी निगाह; आक्षेप, चोट, तनज । कट फल-पु० [सं०] कायफल । कटाच्छ*-पु० दे० 'कटाक्ष'।
कठ्याना*-अ०नि० दे० 'कटियाना'।
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