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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२९ कंठी-ककनू कंठी-स्त्री० [सं०] कंठ; घोड़ेके गलेकी रस्सी; छोटे मनकों- काँवर आदि एकसे दूसरे कंधेपर लेना। -लगना-जुएकी का कंठा; [हि०] तुलसीके छोटे दानोंकी छोटी माला जो रगड़से कंधे में घाव हो जाना। कंधेसे कंधा छिलनावैष्णवत्वका प्रधान चिह्न है। मु०-तोड़ना-वैष्णवत्वका | भारी भीड़ होना । त्याग; मांस-मछली फिर खाने लगना । कंधार-पु० अफगानिस्तानका एक नगर और प्रदेश, गांधार; कंठो(ठौ)ष्ठ्य-वि० [सं०] जिसका उच्चारण कंठ और ओठ * दे० 'कर्णधार' दोनोसे हो ( 'ओ', 'औ'-व्या० )। कंधारी-वि० कंधारका; कंधार में उपजा हुआ। पु० कंधार कंव्य-वि० [सं०] कंठ-संबंधी; कंठके लिए उपयुक्त या हित- देशका घोड़ा। कर; कंठसे उच्चरित ।-वर्ण-पु० वह वर्ण जिसका उच्चारण कधावर-पु० छोटा दुपट्टा जो कंधेपर डाल लिया जाता कंठसे होता है ( अ-आ, क, ख, ग, घ, ह और विसर्ग)। है; जुएका वह भाग जो बैलके कंधेपर रहता है । कंडा-पु० वह गोबर जो यों ही पड़ा-पड़ा सूख गया हो, | कंधेला-पु० साड़ीका कंधेपर डाला हुआ छोर । बिना पाथा उपला; सूखा मल; सरकंडा। मु०-होना- | कंधैया-पु० दे० 'कन्हैया' । मर जाना; ऐंठ जाना। कंप-पु० [सं०] हिलना; काँपना; एक सात्त्विक भाव । कंडाल-पु० गोल मुंहका गहरा लोहे-ताँबे आदिका बरतन | कँपकँपी-स्त्री० कॉपना; कंप। जो पानी रखनेके काम आता है; नरसिंहा। कंपति-पु० [सं०] समुद्र । कंडी-स्त्री० छोटा कंडा; सूखा मल, गोटा । कंपन-पु० [सं०] काँपना; कँपकँपी; शिशिर ऋतु । कंडील-स्त्री० दे० 'कंदील'। कँपना-अ० क्रि० काँपना, हिलना; डरना । कंडु, कंडू-स्त्री० [सं०] खाज, खारिश । कंपनी-स्त्री० [अं०] संयुक्त धनसे व्यापार करनेवाले कंडुर-वि० [सं०] खुजली पैदा करनेवाला । व्यक्तियोंका समूह; जत्था सेनाका एक विभाग। कंडूयन-पु० [सं०] खुजलाना। कंपा-पु० बाँसकी तीलियों में लासा लगाकर बनाया हुआ कंडोल-पु० [सं०] बाँस या ३तका टोकरा, दौरी । एक तरहका फंदा जिससे बहेलिये चिड़ियोंको फंसाते है। कंडौरा-पु० कंडे रखनेकी जगह कंडोंका ढेर । कपाना-स० क्रि० हिलाना; डराना । कंत-* पु० पति, प्यारा; ईश्वर । कंपायमान-वि० [सं०] काँपता हुआ। कंथ-पु० दे० 'कत'। कंपास-स्त्री० [अं०] दिग्दर्शक यंत्र, कुतुबनुमा; परकार । कथा-स्त्री० [सं०] गुदड़ी कथरी । कंपित-वि० [सं०] काँपता, हिलता हुआ। कंथी (थिन् )-वि० [सं०] गुदड़ी धारण करनेवाला। कंपू-पु० [अ० कैप] फौजकी छावनी, पड़ाव खेमा, फौज । पु० साधु, फकीर । कंपोज़िटर-पु० [अं०] टाइप बैठानेवाला । कंद-पु० [सं०] गाँठदार या गूदेदार जड़ सूरन; बादल। कंबल-पु० [सं०] कम्मल; गाय-बैलके गले में नीचे लटकनेक्रंद-पु० [अ०] सफेद शकर, मिस्री । वाली.खाल, सास्ना; जल; एक छोटा कीड़ा। | गुफा, अंकुश, सोंठ । * मुल; बादल। बु-पु०सं०] शंख, गला; हाथी। वि० कई वर्णांका। कंदरा, कंदरी-स्त्री० [सं०] गुफा; घाटी । -ग्रीव-वि० शंख जैसी सुराहीदार गरदनवाला । कंदर्प-पु० [सं०] कामदेव । -दहन, मथन-पु० शिव । | कंबुक-पु० [सं०] शंख, घोंघा; अधम व्यक्ति । कंदला-पु० तार खींचने में व्यवहृत चाँदीकी गुल्ली; पासा; कंबोज-पु० [सं०] एक प्राचीन जनपद जो अब अफगासोने-चाँदीका तार । निस्तानका भाग है। कंदा-पु० शकरकंद; अरुई। कॅवल-पु० दे० 'कमल' । -गट्टा-पु० कमलका बीज । कंदील-स्त्री० [अ०] कागज, मिट्टी या अबरकका ले कंस-पु० [सं०] काँसा; एक मापकटोरा सुराही; झाँझा जिसमें दिया जलाकर लटकाते हैं। काँसेका बरतन; उग्रसेनका लड़का, कृष्णका मामा। - कंदक-पु० [सं०] गेंद; गलतकिया; सुपारी । -क्रीड़ा- निषूदन,-शत्रु-पु० कृष्ण । स्त्री० गेंदका खेल। | कँसहँड-पु. काँसेके बरतनों के टुकड़े। कंदैला-वि० गॅदला; मिट्टी कीचड़वाला । कॅसहँडी-स्त्री० देग या बटलोहीके ढंगका एक बरतन । कंध-पु० [सं०] बादल; मोथा; * तनेका ऊपरी भाग कंसाराति, कंसारि-पु० [सं०] कृष्ण । कंधा। क-पु० [सं०] ब्रह्मा, विष्णु; कामदेव, सूर्य, अग्नि, वायु कंधनी-स्त्री० करधनी मेखला । यम, मेघ; आनंद; पानी इ० । कंधर-पु० [सं०] गरदन बादल; मोथा; एक शाक । कहन, कइनी -स्त्री० बाँसकी पतली, लंबी टहनी टहनी। कंधरा-स्त्री० [सं०] गरदन । कई-वि० एकाधिक, कुछ, चंद । ० शरीरका गरदन और बाहुमूलके बीचका भाग, ककडी-स्त्री० गरमी और बरसातमें भी होनेवाली एक बेल स्कंध, शाना, मोढ़ा; बैल या भैंसेकी गरदनके ऊपरका जिसका फल खीरेसे मिलते-जुलते आकारका होता है । भाग जिसपर जुआ रखा जाता है। मु०-डाल देना- | ककना-पु० दे० 'कंगन' । बैलका कंधेपर जुआ न लेना; हिम्मत हारना; (कोई) ककनी-स्त्री० दे० कँगनी'; दानेदार चक्कर; कँगनीके वोझ, जिम्मेदारी उठानेसे भागना । -देना-अरथी ढोने- आकारकी एक मिठाई। में कंधा लगाना; मदद देना। -बदलना-पालकी, ककनू*-पु० एक तरहका पक्षी जिसके गानेपर घोंसले में For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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