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उर्मि-उलेल उर्मि-स्त्री० दे० 'ऊमि'।
बायें हो; औंधा; विपरीतकम; असमान; जो होना चाहिये उर्वर-वि० उपजाऊ, जिससे बहुतसे विचार, सुझाव आदि | उसके विपरीत, बेठीक, बेढंगा; विरुद्ध; बर-अकश । अ० निकलें (मस्तिष्क)।
जैसे होना चाहिये उसके विपरीत, अनुचित रूपमें, बेजा उर्वरक-पु० (फर्टिलाइजर) बह रासायनिक खाद जो तौरपर । पु० एक पकवान, बेसनका पराठा ।-ज़मानाभूमिकी उर्वरता बढ़ाने में सहायक हो।
पु. वह काल जिसमें उलटी रोति चलती हो, अंधेरका उर्वरता-स्त्री० उपजाऊपन ।
जमाना। -तवा-वि० (ला०) बहुत काला । उलटाउर्वरा-स्त्री० [सं०] उपजाऊ, जरखेज जमीन; जमीन । पलटा,-पुलटा-वि० अंडबंड, बेसिर-पैरका। -सीधाउर्वशी-स्त्री० [सं०] इंद्रलोककी एक प्रसिद्ध अप्सरा। वि० सही-गलत; अच्छा-बुरा । मु. उलटी खोपड़ीकाउर्विजा*-स्त्री० दे० 'उवीजा'।
मूर्ख, नासमझ, उलटी अक्लवाला। -गंगा बहानाउ:-स्त्री० [सं०] पृथ्वी, जमीन । -जा-स्त्री० पृथ्वीसे उलटीरीति चलाना; रीतिविरुद्ध बात करना । -पट्टी उत्पन्न, सीता। -तल-पु० धरातल, पृथ्वीकी सतह । पढ़ाना-बहकाना । -माला फेरना-मारण आदिका -धर-पु० पर्वत; शेषनाग । -धव,-पति-पु० राजा। प्रयोग करना; बुरा मनाना; कोसना। -सॉस चलना-रुह-पु० पौधा, वृक्ष ।
दम उखड़ना; मरणासन्न होना । -साँस लेनाउर्वीश, उर्वीश्वर-पु० [सं०] राजा ।
जल्द-जल्द साँस लेना; मरणासन्न होना। -सीधी उर्स-पु० [अ०] किसी मुसलमानसाधु-संतकी निधनतिथि- सुनाना-खरी-खोटी सुनाना, फटकारना । -हवा को मनाया जानेवाला उत्सव ।
बहना-उलटी रीति चलना। -उलटे काँटे तौलनाउलंग-वि० नंगा।
कम तौलना । -छुरेसे मूंड़ना-बेवकूफ बनाकर पैसा उलंगना, उलंघना*-स० क्रि० लाँधना, उल्लंघन करना; ऐंठना । -पाँव फिरना,-पाँव लौटना-तुरत लौटना । न मानना।
-मुँह गिरना-दूसरेकी क्षति करनेके प्रयत्नमें अपनी उलका*-स्त्री० दे० 'उल्का'।
क्षति कर लेना। उलछना*-स० कि० उलीचना; छितराना, फैलाना। उलटाना-स० क्रि० दे० 'उलटना' । उलछारना*-स० क्रि० ऊपरकी तरफ फेंकना, प्रकट उलटाव-पु० चक्कर; पलटाव । करना।
उलटी-स्त्री० कै, वमन, मालखंभकी एक कसरत । उलझन-स्त्री० फँसाव; गुत्थी; कठिनाई; चिंता, सोच . उलटे-अ० जैसा होना चाहिये उसके विपरीत, बेजातौरपर । उलझना-अ० क्रि० तागा, डोरी आदिका गुँथ जाना; उलथना*-अ० क्रि० उलटना; उछलना । स० क्रि० उलटलिपटना झगड़ा, तकरार करना आसक्त होना; लीन या| पलट करना। मशगूल होना; अटक जाना। उलझा-सलमा-वि० उलथा-पु० करवट बदलनाः बठे-बैठे अंगीको मोड़ना; टेढ़ा-सीधा; बुरा-भला।
कलाबाजी; दे० 'उल्था । उलझाना-स० क्रि० फँसाना; गुत्थियाँ डाल देना; अट- उलद*-स्त्री० झड़ी, लगातार वर्षा । काना लगाये रखना । * अ० क्रि० उलझना।
उलदना*-स० क्रि० उड़ेलना; बरसाना । उलझाव-पु० उलझन; बखेड़ा फेर ।
उलफत-स्त्री० [अ०] प्रेम, मुहब्बत, चाह । उलझौहा*-वि० उलझानेवाला; फँसाने, लुभानेवाला।। उलमना*-अ० क्रि० दे० 'उरमना। उलटना-अ० क्रि० सीधेका औंधा होना; एकसे दूसरे उलरना*-अ० क्रि० ऊपर-नीचे होना; उछलना झपटना । रुख होना; विपरीत स्थितिमें जाना; पलटना; धूमना,
उलरुआ-पु० गाड़ीको उलार होनेसे रोकनेके लिए पीछेकी मुड़ना; उमड़ना; टूट पड़ना; कुछका कुछ हो जाना, बिल- ओर लगायी जानेवाली लकड़ी। कुल बदल जाना; अस्त-व्यस्त होना; के करना नष्ट होना; उललना*-अ० क्रि० ढरकना; उलटना । चित होना; बेहोश होना; मरना; गर्वसे बदल जाना |
उलसना*-अ० क्रि० शोभित होना; प्रसन्न होना। ऐंठना। सक्रि० नीचेका ऊपर कर देना एकसे दसरे कख उलहना*-अ० कि० फूटना निकलना; खिलना, हुलकरना, पलटना; चित करना; नष्ट करना; बदल देना;
सना । पु० दे० 'उलाहना'। कुछका कुछ कर देना; बात दुहराना; उड़ेलना; खोद-उलाँघना*-स० कि० लाँधना; आज्ञाका उल्लंघन करना । कर फेंक देना; रटना; बोये खेतको फिरसे बोनेके लिए। उलारी-वि० पीछेकी ओर (अधिक बोझसे) झुका हुआ। जोतना; सरसरी तौर पर देखना या पढ़ना । -पलटना- | उलारना*-स० क्रि० उछालना; ओलारना । सक्रि० ऊपरसे नीचे, इस बलसे उस बल करना; अस्त- उलाहना-पु० किसी व्यवहार, बरतावकी शिकायत, उपाव्यस्त करना; कुछका कुछ कर देना । अ० क्रि० इस बलसे | लभ । * स० कि० दोष देना, गिला करना । उस बल होना, पलटे खाना ।
उलिचना, उलीचना-स० क्रि० (पानी) बाहर फेंकना। उलट-पलट, उलट-पुलट-पु० अदल-बदल, परिवर्तन; उलक-पु० [सं०] उल्लू पक्षी, घुग्घू; इंद्र; * लुक, उस्का।
गड़बड़ा अस्त-व्यस्तता । वि० अस्त-व्यस्त; परिवर्तित। -दर्शन-पु० वैशेषिक दर्शन । उलट-फेर-पु० उलट-पलट, परिवर्तन ।
उलूखल-पु० [सं०] ओखली; खल । उलटा-वि० जो स्वाभाविक स्थितिमें न होकर विपरीत | उलेडना, उलैंडना*-स० क्रि० उड़ेलना। स्थिति में हो, जिसका ऊपरका भाग नीचे या दाहिनेका उलेल*-पु०बाद उमंग उछल-कूद । वि०लापरवाह; अबोध ।
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