SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 274
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | 38 पदमेकं न गच्छेत्तु 30 पादाङ्गुलीः श्रीधरी च कराली अई केशिनी / 28 तत्र तवार्थ लाभव 40 परमैश्वर्यमतुलं 31 रोमकूपाणि कौवेरी { कौवेरौ वागौखरी पार्वती 41 त्रैलोक्ये तु भवेत्पूज्यः 32 मन्त्राणि कालरात्रिच कालरात्रिः मुकुटेश्वरौं 42 यः पठेत् प्रयतो नित्यं | पद्मावती चूड़ामणि: 43 जौवेर्ष शतं साय 33 ज्वालामुखी नखज्वाला | ज्वालामुखी अभेद्या 44 स्थावरं जङ्गमं वापि ब्रह्माणी छत्रेश्वरी 45 भूचराः खेचराश्चैव 34 अहङ्कारं मनोबुद्धिं { धर्मचारिणी 46 अन्तिरक्षचरा घोरा 25 यशःकौर्तिञ्च लक्ष्मो गई चक्रिणी इन्द्राणी चण्डिका 47 ब्रह्मराक्षसताला: 48 मानोतिर्भवेदानः 48 जपेत्सप्तशती चण्डी क्षेमकरी विजया 50 तावत्तिष्ठति मेदिन्यां 51 प्राप्नोति पुरुषो नित्यं 37 रक्षाहीनन्तु यत्स्थानं { देवी जयन्ती पापनाशिनी / पलाया जपला पापनाना | कवचं साईपञ्चाशच्छोकात्मकम् 36 पुत्रान् रक्षेन्महाली , महालक्ष्मी भैरवी For Private and Personal Use Only
SR No.020362
Book TitleGuptavati Yukta Durga Saptashati
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages302
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy