________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महालक्ष्मयारूपान्तरमार सर्वदेवेति // 7 // 8 // 8 // सहस्रमुजेति वस्तुतोऽनन्तभुजा सर्वदेवशरीरेभ्यो याविर्भूतामितप्रभा / विगुणा सा महालक्ष्मीस्माक्षान्महिषमर्दिनी // 7 // श्वेतानमा नीलभुजा सुश्वेतस्तनमण्डला। रक्तमध्या रक्तपादा नौलजजोरुरुन्मदा // 8 // सुचिवजघना चिवमाल्याम्बरविभूषणा। चित्रानुलेपना कान्तिरूपसौभाग्यशालिनी // 6 // अष्टादशभुजा पूज्या सा सहस्रभुजा सती। आयुधान्यव वक्ष्यन्ते दक्षिणाधःकरक्रमात् // 10 // अक्षमाला च कमलं बाणोऽसि: कुलिशं गदा। चक्र विशूलं परशुः शङ्को घण्टा च पाशकः // 11 // शक्तिर्दण्डश्चर्मचापम्यानपावं कमण्डलुः / अलङ्कृतभुजामेभिरायुधैः कमलासनाम् // 12 // सर्वदेवमयीमौशां महालक्ष्मीमिमां नृप! पूजयेत्सर्वदेवानां खलॊकानां प्रभुर्भवेत् // 13 // पौत्यर्थः // 10 // 11 // 12 // 13 // For Private and Personal Use Only