________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०
मतराई लड़ने पर उतारू होना; आपेसे बाहर होना; डांटना; (३) उलहना देना] उतरावं अ० क्रि० 'ऊतरवू' क्रियाका
भावेरूप; उतरा जाना उतरेलू वि. निकृष्ट ; उपयोगमें से रद्द किया हुआ (कपड़ा वगैरह); उतरन; 'सेकंड हैन्ड' ऊतवू अ० क्रि० हवा या पानीके असरसे
(लकड़ीका) ऐंठ जाना; उकठना ऊतळ वि० उथला; कम गहरा । ऊबलपायल वि० उलट-पलट;परिवर्तित
(२) स्त्री० उथल-पुथल ऊचल(-ला) अ० क्रि० आँधा होकर गिरना; उलटना ऊथलो पुं० पलटा; पलटा खाना (२) अच्छा होनेके बाद फिर रोगका आक्रमण होना; दौरा (३) कवितामें छंदांतर सूचित करनेवाला पद्य (४) प्रत्युत्तर। [-खावो= उलटना; औंधा या उलटा होना (२) बीमारीमें से उठकर फिर रोगग्रस्त होना।मारवो पलट देना; नीचेका भाग ऊपर करना (२) पलटा खाना; उलट जाना.] अदबत्ती स्त्री० ऊदबत्ती; अगरबत्ती ऊ, वि० बैगनी; ऊदा ऊपई स्त्री० दीमक ऊबड वि० मोल-तोल किये बिना ऐसे ही दिया, लिया या अंदाजसे ठहराया हुआ (ऐसी दर, नाप, खरीद) ऊबई वि० देखिये 'ऊघड' (२) न० ऐसा काम। [-लेवू = आड़े हाथों लेना; खूब धमकाना. ऊपर(-रा)अ० क्रि० खर्च में लिखा जाना (२) दूर होना; टलना (३) पलना
112!!!!!!
ऊपसाईं ऊनवा (न') पुं० एक मूत्ररोग; सूजाक अनु(नु') वि. गरम; तप्त (२) ज्वरयुक्त। [ऊनी आंच (माववी, लागवी) = आँच आना; कुछ नुकसान, भय, जोखिम या बेइज्जती हो ऐसा प्रसंग या समय । ऊनी बराळ काढबी -दिलका गुबार निकालना; अपना दुखड़ा रोना.] ऊपज स्त्री० उपज; पैदावार (२)
आमदनी; प्राप्ति (३) नफ़ा ऊपजनीपज स्त्री० पैदावार और बढ़ती (२) उपज (३) शुद्ध आय; असल आमदनी ऊपजवू अ०क्रि० उपजना; उत्पन्न होना; जनमना (२) बनना; परिणत होना (३) मिलना; सिद्ध होना; प्राप्त होना या आमदनी होना (४) दाम मिलना (५) असर पड़ना; बस चलना ऊपजवेरो पुं० आयकर ऊपटवू अ० क्रि० उड़ना (रंग आदिका) ऊपड अक्रि० उभरना; ऊँचा होना (२) उठाया जाना (३) प्रस्थान करना; निकलना; उठना; चलना; छूटना (४) अचानक शुरू होना; उठना (पीड़ा, रोग आदिका) (५) चुराया जाना; हड़प हो जाना (६) पैसोंका वापस लिया जाना (७)बिकना; खपना (८) झपटना; लपकना।
ऊपडता(-ती)ने एकदम ; यकायक.] ऊपण, स० क्रि० ओसाना ऊपणा, अ० क्रि० ओसा जाना ऊपणुं न० खाटके सिरहाने या
पांतेके तरफ़की लकड़ी ऊपस (-सा) अ० क्रि० उभरना (२) फूलना (३) सूजना
For Private and Personal Use Only