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५२२ सुसबाट (टी) पुं० तेज हवा चलनेको को १० तम्बाकका चरा:जरदा:सुरती आवाज'; सरसराहट; शरांटा
सूग स्त्री० घिन; नफ़रत सुस्त वि० सुस्त; मालसो (२) बीमा; सूचन न० सूचन; सुझाव मंद; सुस्त
सूचव, सक्रि० सूचित करना;जताना; सुस्ती स्त्री० सुस्ती; मालस्य; नींदका ध्यान पर लाना; सुझाना .. खुमार(२)मंदता; सुस्ती-उतावी सूचवाई अ०क्रि० 'सूचव'का कर्मणि; देवी, का। नालवी-ठोक-पीटकर सुझाया जाना सीधा करना । -करवी : अंगड़ाई सूज स्त्री० सूजन;शोथ [फूल जाना लेना; बेदार होना। -करवी, राजवी सूजवं अ०क्रि० सूजना, किसी अंगका आलसी होना. .
सून स्त्री० सूझ ; समझ; पहुँच सुहाग पुं० सुहाग; सौभाग्य
सूमतुं नं० जो अपनी पसंद या सूझके सुहागण वि० स्त्री. सुहागिन ; सुहागन; अनुरूप हो; उदा० तमे तमारं सूझतुं सौभाग्यवती (२) पतिकी चहेती . करो छो ए चाले?' सुहान स्त्री शान्ति; संदेहनिवारमा सम, अ० कि० दिखाई देना; सूझना
समाधान [सुंदर लगना (२)खयाल या ध्यानमें आना; सूझना सुहा, ब० क्रि० सुहाना; शोभित होना; सूट वि० इकट्ठा सादा (ब्याज) (२) सुंबाळा (0) पुं०व०व० दशाहकी क्रिया पुं०; न० मूल ; जड़ (३) न० जोतनेस संवाळी (०)स्त्री०.पूरी जैसी नाश्तेकी पहले खेतमेंसे खूटी, डंठल, झाड़ चीज; सुहारी
आदिकी सफाई करना संवाळू (०) वि. चिकना और मुला- सूचलो पुं० एक प्रकारका तोता; सूमा यम; सुकुमार (२)नरम स्वभावका; सूरी स्त्री० छोटा सरीता (२) सूएकी नर्मदिल; मृदु (३) न० बालकके मादा
[तोता; सूबा जन्मका सूतक; सूतकाशीच
सूगे पुं० सरौता (२) एक तरहका सूकगळं न० बालकको होनेवाला एक सूपअ० क्रि० सूजना [सूतक रोग; सूखा रोग; सुखंडी; 'रिकेट्स
सूतक न० जननाशीच या मरणाशीच; सकवचं स० कि० देखिये 'सुकाव' ।
सूतकी वि० सूतकी (जन्म या मरणका) सर्छ वि. जिसमें गीलापन न हो; सूखा;
सूतर न० सूत कच्चा धागा।[-तांतने खुश्क ; शुष्क (२) दुबला; सुखंडी। बंधायल = प्रेमके धागेसे बंधा हुआ.] [-रही नवं कुछ असर न होना; सूतरफेगी (1) स्त्री० एक तरहकी कोरा रह जाना । सूको काळ =बारिश मिठाई, फेनी; सुषाफेनी न होनेसे पड़नेवाला अकाल; सूखा। सूतरशाळ स्त्री० एक प्रकारका धान सूको दम-खाली धमकी;बंदरघुड़की। सूतळी स्त्री० सुतली
को प्रवेश= वह विभाग जहाँ नशा- सूत्र न० सूत्र; तंतु; सूत; धागा (२) बंदी हो; 'ड्राय एरिया'.]
सूत; रुईका धागा (३)सूत्र व्यवस्था; सूकुंभ(-स)ट वि० बिलकुल सूखा नियम (४) सूत्र-अंय (कल्पसूत्र,
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