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उच्चारवं
३८ उच्चार, सं० क्रि० उच्चारण करना
(२) बोलना उच्चालक पुं० ऊँचा उठानेका मुख्य
साधन; उत्तोलन दंड; 'लीवरप.वि.] उच्चालन न० ऊँचा करना; उचकाना
(२) लीवरकी मददसे बल लगानेकी . एक योजना [प.वि.] उच्छेद, स० क्रि० उच्छेद करना उच्छेवियु वि० लावारिस; निवंश (२)
उच्छेदी(३) न० लावारिसकी जायदाद उखरंग पुं० आनंद या आनंदकी उछाल उछरंगी वि० हर्षोन्मत्त ; आनंदविभोर उछळाट पुं० उछाल; आवेग उछळामणी स्त्री० होड़; स्पर्धा (२) नीलाम उछाळ स्त्री० उछाल उहाळ, सक्रि० उछालना (२) ऊपरनीचे करना (शाक इ०)(३) (धनका)
दुरुपयोग करना उछाळाबंध अ० उछलते हुए उछालो पुं० उछाल; छलांग (२) यकायक बढ़ती (३) आवेश; जोश (४) हमला (५) उबकाई। [-आववो . =एकदम उछल पड़ना; ऊँचे जाना।
-मारवो= ज़ोरसे उछलना.] उछांछळावेडा पुं०ब०व० उद्धत बरताव उछांछं वि० उद्धत(२)बेहया; निर्लज्ज उछीतुं (-) वि० लौटानेकी शर्त पर
मांगकर लिया या दिया हआ:मॅगनीका उछेवि वि० (२) न० देखिये 'उच्छेदियुं' उछेर पुं० स्त्री० पालन-पोषण;परवरिश
(२) शिक्षा-दीक्षा; तालीम उछेर, स० कि० पाल-पोसकर बड़ा । करना (२) शिक्षा-दीक्षा देना; संस्कारवान बनाना
उटांग उजवणी स्त्री० (पर्व, तिथि, त्योहारादि)
उत्सव मनाना (२) वनभोजन । उजवणुं न० व्रतादिकी समाप्तिका
उत्सव उजवाव, स० क्रि० 'ऊजवयु' क्रियाका प्रेरणार्थक रूप; किसी कार्यको संपन्न करवाना
[उच्चजातीय उजळियात वि० उच्च (ऊँच)जातिका; उजागर वि० उजागर; चमकदार उजागरो पुं० उजागरा; रतजगा (२) चिंता उजाड स्त्री० बरबादी; तबाही उजार स० क्रि० उजाड़ना उजाणीस्त्री० वनभोजन (२) जियाफ़त उजाश (-स) पुं० उजास; रोशनी उजाळवं स० क्रि० उजालना (२)
चमकाना; रोशन करना [ला.] उजेश (-स) पुं० देखिये 'उजाश' उज्जर वि० उजाड़; वीरान उमरउवं स० क्रि० नोचना उझरडावू अ०क्रि० नुचना; नोचा जाना उझरडो, उमेडो पुं० खरोंच; रगड़ उटकंटो पुं० एक वनस्पति ; उत्कटा उटकामण न० (बरतन)मांजनेमें काम आनेवाली चीज़ (२) मांजनेकी मजदूरी; मजाई उटकाववं स० क्रि० मंजवाना उटपट (-टां)ग वि० (२) न० देखिये 'उटंग' उटवणुं न० उबटन । उटंग वि० ऊटपटांग; असंगत (२) न० वेसिर-पैरकी बात; गप (३) तरंग; मनकी लहर उटंगी वि० मनगढंत (२) गप्पी उटांग वि० देखिये 'उटंग'
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