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४८१ शेह (रों) स्त्री० हराना; दबाना; मात सोच पुं० शोध; शोक (२) बिर्ता [प.](२)दाब; प्रभुत्व; रोब; नियंत्रण; फ़िक; शोच (३) पछतावा; सोच अंकुश (३) शंतरंजमें बादशाहको शोचना स्त्री० देखिये 'शोच'; सोच दी गयी किश्त; शह (४) पतंगको शोचवं स० क्रि० शोच, शोक करना धीरे-धीरे डोर पिलानेकी क्रिया; ढील (२) सोचना; बिचारना देना; शह।[-आपवी, देवी-शह देना; शोष पुं०;स्त्री० शोध; खोज; तलाश किश्त देना (शतरंजमें)। -आववी, __ अन्वेषण(२)खोजी हुई चीज आविष्कार पडवी, लागवी = दबना; शहमात । शोषखोळ स्वी० खोजना; तलाश करना होना; शहका असर होना।
(२)आविष्कार करना का बिलकुल डर जाना; भीगी शोषवं सक्रि० खोजना;शोधमा तलाश बिल्ली बनना। -छोरवी, मूकबी
करना (२)परखना; जाँच करना (३) पतंगको शह देना; ढील देना......
शुद्ध करना; शोधना; साफ़ करना (४) शेळी पुं० एक प्रकारका जंतुः कांटाचूहा
नयी बात खोज निकालना; नयी चीज़ शें (श०) अ० किस कारण; काहे [५]; बनाना; आविष्कार करना क्यों (२)किसलिए (प्रश्नवाचक शब्द)
शोषंशोषा, शोधाशोष स्त्री० खोज पर शोक (शॉ) पुं० देखिये 'शोख' ..
खोज (करना) शोक (शॉक,) स्त्री० सौत; सपत्नी
शोभ, अ०क्रि० शोभित होना; सुन्दर शोक पुं० शोक ; दिलगीरी; मृत्यु
लगना; सुहाना; फबना (२) शोमा शोक (२)मृत्युके बाद मातम मनानेका
देना; -के लायक होना; छाजना; लोकाचार । [-करवो, घरवो =
जेबा देना ग़म करना; शोक करना। -पाळको
शोभा स्त्री० सुन्दर देखाव; सौंदर्य; = शोक करना; मातम मनाना.] शोकियं न० देखिये 'सोगियुं'
शोभा (२) शान; प्रतिष्ठा ला| शोकीन (शॉ) वि० शौक़ीन; छैला
[-आपवी= शोभा देना; जेबा देना। शोख (शॉ) पुं० शौक ; प्रबल इच्छा;
-लेवी = आनन्दका सुख भोगना(२) अरमान; रुचि (२) मौज; भोग
यश प्राप्त करना; यश,मान कमाना विलास; ऐश
छैला शोभीतुं न० सुन्दर लगनेवाला; शोभायशोखी (०न, लं) (शॉ) वि० शौक़ीन; मान; शोभायुक्त; सुहावना शोग पुं० शोक; मातम ; सोग [प.] शोर पुं० शोर; कोलाहल शोगटाबाजी स्त्री० एक खेल ; चौसर; शोरवकोर पुं० शोरगुल; कोलाहल
चौपड़ - [(चौसरकी) शोष पुं० सूखने या जलहीन होनेका शोगटी स्त्री०, (ई) न० गोटी; गोट भाव ; सूखना; प्यास'; शोष। [-पडवी शोनि वि० शोक करनेवाला; शोक- = प्याससे गला सूख जाना.] पूर्ण; शोकी(२)शोक-सूचक; मातमी शोषण न० सोखनेकी क्रिया; सुखानेकी (३) न० मातमी वस्त्र, साड़ी
क्रिया; शोषण
गु. हिं-३१
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