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इंडळ
इंडगळ स्त्री अंडे लेकर जानेवाली . चींटियोंकी पंक्ति (२) छोटे छोटे बंडोंका ढेर (३) बच्चोंकी धाड़; कच्चे-बच्चे ला.]
'न• अंडा (२) मंदिरका कलश इंडोनी स्त्री० ईंडुरी; गेंडुरी; ईंटरी षण (-) न. इंधन; जलावन
उ पुं० नागरी वर्णमालाका पांचवां
अक्षर - एक मुख्य स्वर उकरडी स्त्री० कूड़ेका छोटा ढेर (२)
ब्याहके अवसर पर कूड़ा-करकट : डालनेकी जगह(३)एक मलिन देवता
उकरडो पुं० धूरा (२) मंदा स्थान; - गंदगी [ला.] : . [व्याकुलता उकरांटो पुं० जोश; आवेश (२) उकळाट पुं० ऊमस (२) गुस्सा (३) संताप उकाळवं स० क्रि० उबालना (२)फ़ायदा
करना [ला.] (३) बिगाड़ना (व्यंग्यमें) उकाळावं अ० कि० उबाला जाना उकाळो पुं० उबालना (२) काढ़ा धनिया, लौंग आदि मसालोंको पानीमें
औटाकर बनाया हुआ पेय (३) ऊमस (४) कुढ़न; संताप उकांटो पुं० आवेश; जोश (२)उबकाई
(३) अरुचि; उकताना (४) कंप; सिहरन (५) अव्यवहृत किनारा उकांसण न० उकसाहट; उत्तेजना उकास, स० क्रि० खोद निकालना; बाहर निकालना (२) ध्यान पर लाना; पुरानी भूली हुई बातोंको याद दिलाना [ला.] (३) 'उकसाना; उभारना उकेरो पुं० देखिये "उकरडो' उकेल पुं० ; स्त्री० सूझ; समझ (२) रास्ता', हल; सुलझाव । [-काठको
= निबटारा या फ़ैसला करना; उपाय बताना; सुलझाना।-पडवो सूझना; हल होना; निबटना.] उकेलवं स० क्रि० खोलना; उधेड़ना; (लपेट, बट, गुत्थी, टांका आदि)(२) बाँचना (३) खत्म करना; निबटाना (४) उकेलना; खोलना; खुला करना उकेला अ० कि० 'उकेलq' क्रियाका
कर्मणिरूप; उकेला जाना उखडियो पुं० खुरचनी उखरडं (-गुं) वि० खुला (२) न.
दूसरेकी बात जाहिर करना जसरांटु वि० खुला, उखरांटो पुं० धातुके पात्र परका दाग़ उखा सक्रि० 'ऊखड' क्रियाका प्रेरणार्थक रूप(२)उखाड़ना(३)पदच्युत करना [ला.] (४) नाश करना उखाणुन., (-णो) पुं० समस्या;पहेली
(२) कहावत; मिसाल; दृष्टांत । उखाळवंसक्रि० उखाड़ना(२)उकेलना; उधेड़ना (३) भूली हुई बातोंको याद दिलाना [ला. उखेर वि. जोतनेके अयोग्य (जमीन); खराबा (२)जो परती रहा हो; वीरान (३)पुं०; स्त्री० उखाड़ी हुई चीज़; परत उडवं स० क्रि० देखिये 'उखाडवू'
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