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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org काबोल यांकाबोलुं (०) वि० कहनेके बाद इनकार करनेवाला; मुकर जानेवाला वांकिj (०) न० नल आदिको जोड़नेवाला टेढ़ा टुकड़ा ४५८ वांकुं (०) वि० जो सीधा न हो; टेढ़ा; व; झुका हुआ ( २ ) [ला.] जो सरल न हो; कुटिल; चालबाज ( ३ ) आड़ा; झूठा; उलटा (४) विरुद्ध ; विरोधी (५) न० हरज; अनबन; ग़लतफ़हमी ; विरोध (६) वक्रता; टेढ़ापन । [ वांकी नजरे जो बुं = चोरी-चोरी देखना (२) गुस्सा होना ( ३ ) कामातुर दृष्टिसे देखना; आँख सेंकना (४) कुदृष्टि करना । वांकी पाघडी मूकवी = बनाव"सिंगार करना; बाँकपन करना ( २ ) दिवाला निकालना । - चालबुं = अनीतिकी राह चलना (२) उलटा, टेढ़ा जाना। -पडवुं = बुरा लगना; गुस्सा होना ( २ ) उलटा, विरुद्ध, प्रतिकूल लगना । - बोलवु = मुकर जाना; झूठ बोलना (२) निंदा करना (३) गुस्से यारीसमें बोलना । - वळबुं - टेढ़ा होना (२) परिश्रम करना ( ३ ) मुड़ना; दिशा बदलना । - वळी जबुं = झुक जाना । वांको बहाडो= शामत आना; सत्यानासका समय । वांको वाळ थवो - = बाल का होना; ज़रा भी बाधा होना या अड़चन पड़ना. ] वांकुंकुं (०) वि० टेढ़ा-मेढ़ा वांकुंटेड (०) वि० बिलकुल टेढ़ा वधुं (०) न० नाला ( नदीका) वचन (०) न० वाचन; पढ़ना ( २ ) पढ़नेका तर्ज़ पढ़ाई (३) अभ्यास; अध्ययन ; पढ़ाई , ['वाचनमाळा' देखिये वचनमाळा (०) स्त्री० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बांदरो वांचj (०) स० क्रि० पढ़ना; बाँचना ( २ ) [ला. ] भविष्य कहना ; ज्योतिषका फल बताना ( ३ ) चाह करना; इच्छा करना । [ यांची काढवं, यांची जयं= पूरा पढ़ डालना (२) जल्दी-जल्दी पढ़ डालना । वांचो जोबुं = ध्यानसे पढ़ना (२) पढ़नेका प्रयत्न करना. ] airi (०) स० क्रि० इच्छा करना; चाहना . वांझ (०णी) (०) स्त्री० बाँझ (स्त्री); वंध्या वांझणुं (०) वि० देखिये 'वांझियुं' वांशियाबाएं वि० बाँझका ; लावारिस ( २ ) न० इकलौता बेटा वांशिj ( o ) वि० जिससे संतान उत्पन्न न हो; बाँझ (२) जिससे फलप्राप्ति न होती हो; अफल ; बाँझ वांशी (०) पुं० बुनकर, जुलाहा वांट (०) पुं० हिस्सा; बाँट; भाग वांटणी (०) स्त्री० बंटवारा; ट aij (०) स०क्रि०बाँटना; हिस्से करना वांटो (०) पुं० हिस्सा ; बाँटा (२) इनाम या निर्वाहकी जमीनका टुकड़ा वांढो (०) वि० पुं० कन्या न मिलने से अविवाहित रहा पुरुष; वंट; वंठ वांतरी (०) स्त्री० कपड़े या किताब में लगनेवाला एक कीड़ा; घुन वांदर (०) पुं० वानर, बंदर । [वांदराने निसरणी आपवी = मूर्खको और भड़काता; पागलको भंग पिलाकर उकसाना. ] वांदर ( - रा ) वेडा (०) पुं० ब० व० बंदर जैसी चेष्टाएँ करना [ वानरी बांदरी (०) स्त्री० बँदरी; बँदरिया; बांद (०) बंदर; वानर बांदरी (०) पुं० नर वानर; बंदर For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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