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रे स्त्री० रेवड़ी (२)फजीहत; मद्द।
-उगवी, करवी फजीहत, बदनामी करना।-बी = बदनामी होना। चाणादाण करवी% हक्काबक्का बना देना (२) भद्द उड़ाना.] रेवंची स्त्री० रेवंदका गोंद; रेवंदचीनी रेवंचीनो गोळ पुं० विरेचन और रंगके लिए उपयोगमें आनेवाला रेवंदका गोंद रेवा(जी) स्त्री. रेवा; नर्मदा नदी रेसादार वि० रेशादार; रेशेवाला रेसो पुं. रेशा; सुतड़ा; तंतु रेळ स्त्री. रेहल; रिहल रकडी (रे०) स्त्री०,(-) पुं० छोटी बैलगाड़ी (२) बोझ ढोनेकी छोटी हाथगाड़ी [तानकर आवाज निकालना रेक(रे०) अ०कि. गाय-भैसका गले मेसे रेंजीबी (रे०;०) वि० बेशऊर; बेस
लोका (२)पस्तहोसला; उत्साहहीन रेट (०) पुं० रहँट; रहट रडिवाबारश (-स) (२०) स्त्री० श्राद्धपकी द्वादशी (२) चरखा-जयंती (महात्मा गांधीकी जन्मतिथि) रेटियो (०) पुं० चरखा रेंस (र०) स० क्रि० देखिये 'रहेंस' रयतवारी वि० (२) स्त्री. किसानके पाससे सीधा लगान वसूल करनेकी पद्धति; रैयतवारी रोक वि० (२)स्त्री० रोक; मनाही; प्रतिबंध पीटना; कुहराम रोककळ स्त्री०, (-ळाट) पुं० रोनारोकटोक स्त्री० रोक-टोक ; रोक-थाम रोकर वि० नकद; रोकर (२) स्त्री० नकद रकम; नकदी; रोकड़ रोफरि वि० रोकइसे लेन-देन कर. नेवाला (२)हाजिरजवाब
रोकडी स्त्री० दिवसके प्रचलित समयक उपरांत सुबहमें मनुष्यका काम पर ज्यादा समय लगा रहना या उसकी नकद मजदूरी रोकडं वि० उधार नहीं पर तुरत पैसे देकर; नकद; रोकड़ (२) नकद रकम (नोट नहीं) (३) [ला. कुछ भी छिपाये बिना तुरत कहा हुआ; साफ़-साफ़ (कथन) (४) दोटूक (जवाब) सेक, स० क्रि० रोकना; अटकाना जाने, चलने या होने न देना; गति या चाल बंद करना; रास्ता रोकना (२) काम या नौकरी पर नियुक्त करना; लगाना(३)व्यापार-धंधे में लगाना(पैसा) रोकाण न० रोक; रोकना या रुकना; (किसीके पास) रुका हुआ होना (२) अवरोध; रुकावट रोक्ट स्त्री. रोना-पीटना; रोपीट रोगचाळो पुं० रोगका फैलाव रोगान पुं०; न तेल, मोम, लासबादिका एक प्रकारका मिश्रण रोगन; वानिश रोगियु, रोगिष्ट, रोगी, रोगीलं वि.
रोगी; रोगिया; बीमार रोज पुं० रोज; दिन (२) एक दिनकी मजदूरी; रोजीना (३) अ० रोष हमेशा प्रतिदिन; रोजाना; रोज-रोष।
-उठीने =रोज-रोज; हररोज.] रोजगार पुं० जीविकाका साधन; उपम; रोजगार
[कामपंचा रोजगारी स्त्री. रोजगार; उपम; रोजनीशी स्त्री. डायरी; रोजनामचा रोगबरोज १० रोज-ब-रोग प्रतिदिन रोजमेळ पुं० हर रोषका हिसाब-लेखा (२)उसे लिखनेकी बही; रोजनामचा
नु. हिं-२७
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