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चलाना - (५) बददुआ देना । -उतरवो = अतिशयोक्ति करना (२) ( पांव) सूज जाना ( ३ ) अंडवृद्धि होना ; पानी उतरना (४) अधिक चलनेसे या खड़ा रहनेसे थक जाना; पाँव तोड़ना । - जामवो = रसोत्पादक होना; जमना (काव्य; गाना) (२) मज़ा आना.] रसकस पुं० सार; सत्त्व; कंस रसगुल्लं न०, (लो) पुं० रसगुल्ला रसक्स वि० रसपूर्ण; सरस रसभर अ० मजेसे; चावसे; शौकसे रसाकशी (-सी) स्त्री० भारी कशमकश; खींच-तान; नोक-झोंक
रसातल ( -ळ ) न० रसातल । [-घालबुं = रसातल पहुँचाना; पूरा बरबाद कर देना। -जवं, बळी जवं = मटियामेट होना ( २ ) निवंश होना । पृथ्वी रसातल नवी = दुनिया इधरसे उधर होना.] रसावार वि० रसादार; शोरबेवाला रसायन न० धातु, पारा आदिकी भस्मवाली औषधि (२) जराव्याधि..नाशक औषधि; रसायन (३) रसायनविद्या; रसायन विज्ञान
रसायनविद्या स्त्री० धातु, पारा आदि मारनेकी या तांबा आदि हलकी धातुओंमें से सोना बनानेकी विद्या; रसायन ( २ ) रसायनशास्त्र रसामणशास्त्र न० रसायनशास्त्र; 'केमिस्ट्री (२) रसायन - विद्या; रसायन रसाबणी वि० रसायन-संबंधी ; रासायनिक (२) पुं० रसायनशास्त्री; रासायनिक रसायन ( ० विद्या, ०शास्त्र, जी) देखिये 'रसायण' आदि
रताको पुं० घुड़सवारोंका दल; रिसाला
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रखो
( २ ) अफ़सर या रईसका परिवार परिजन आदि [(२) उपजाळ. रसाळ (मुं. वि० रसपूर्ण; रसीला; रसाल रसियुं वि० रसिया; रसिक ( २ ) रस या आनंदका अनुभव करनेवाला; रस लेनेवाला (३) अड़दार; हठी; जिद्दी रसी स्त्री० पीब; मवाद; उसके जैसा जलीय पदार्थ; पानी (२) रोगके जंतुओंसे बनाई हुई दवा; लाग; टीका रसी स्त्री० रस्सी; डोरी रसीद स्त्री० रसीद; पावती रसीलं वि० रसीला; रसिया ( २ ) छबीला; सुंदर; सजीला (३) रससे भरा हुआ; रसपूर्ण
रसो पुं० शोरबा ; रसा; झोल रसोter स्त्री० खाना पकानेवाली; मिसरानी
रसोइयो पुं० रसोइया; बबरची रसोई स्त्री० खाना पकाने की क्रिया (२) पकाया हुआ खाद्य पदार्थ; रसोई; खाना रसोईपाणी न० भोजन या उससे संबंधित कामकाज [ रसोई; बावरचीखाना रसोयुं न० रसोईघर; रसोईखाना; रसोळी स्त्री० शरीर पर उभरी हुई गिलटी; रसौली
रस्तो पुं० रास्ता; मार्ग; राह ( २ ) उपाय; रास्ता । [ रस्तामां पडबुं = रास्ते में पड़ा हुआ होना; झट मिल जाय ऐसी स्थितिमें होना; निकम्मा या अरक्षित | रस्ते चडवुं = रास्ते पर आना; उचित मार्ग पर आना (२) रास्ते जाना; राह लगना । रस्ते पडं - राह पकड़ना; चला जाना ( २ ) नौकरी या किसी काममें लग जाना; ठिकाने लगना (३) काम चल निकलना ।
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