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मंजूर ३७७
माती मंजूर वि० मंजूर; स्वीकृत; सम्मत सावधान करना(२)अभिमंत्रित करना; मंजूरी स्त्री० मंजूरी; स्वीकृति ; सम्मति मंत्रप्रयोग करके शक्ति देना।-मारवो मंडल न० मंडल; गोल घेरा; हलका; मंत्रसे वशमें करना; मंत्रमुग्ध करना। कुंडली(२)समूह; मंडली; मंडल; जमात -मूकवो, मेलबो=गुप्त मंत्रणा, सलाह (३)जिला; प्रदेश; मंडल (४) बारह देना. राज्योंका समूह; मंडल
मंत्री पुं० मंत्री; सलाहकार; सचिव(२) मंडलि(-ली)कपुं० कर देनेवाला, करद मुख्य कार्यकर्ता; संस्थाका संचालक राजा; मंडलीक
मंत्री; 'सेक्रेटरी' मंडली स्त्री० छोटा मंडल;मंडली;टोली; मंबवाड पुं० मांदगी; बीमारी; रोग छोटा समुदाय; जमात
मंदिर न० मंदिर; देवालय (२)घर; मंडलेश (-श्वर) पुं० मंडलेश्वर मंदिर (३)विद्याका धाम [सस्ती मंग्वं सक्रि० मुस्तैदीसे लगना;जुटना।
मंदी स्त्री. मंदता; कमी (२) मंदी; मिडया रहेवं = किसी काममें मुस्तैदीसे
मंई वि० मंद; धीमा; सुस्त (२)बोझ लगे रहना; जुटना.]
मा (निषेधार्थक)अ० मा; मत; न । मंगळ,मंगळ (-ळी)क, मंडळी, मंडळेश
मा स्त्री० मा; माता; मा। [-तुं पy (स्वर) देखिये मंडल' आदि
= मांजाया; मांजायी; सगा; सहोदर.] मंडाण न० आरंभ; नीव (२) कुएंकी
माईकांगलं वि० माताका कहा करनेघिरनी और उसके साथकी लकड़ियाँ ।
वाला (२)नामर्द; डरपोक; निर्बल [-कर, मां आरंभ करना; किसी
माईल पुं० मील कामकी बुनियाद डालना.]
माकड (-) पुं० खटमल मंगव, स० क्रि० 'मांडवु' क्रियाका प्रेरणार्थक; शुरू कराना
माख स्त्री० मक्खी। [-बी जवी मंडगई म०क्रि० 'मांडर्बु'का कर्मणि
( तेलमा ) = कमजोर बनकर चुप मंतर पुं० देखिये 'मंत्र'। [-मारवा=
हो रहना; खिसियाना। -मारीने मंत्रसे प्रभावित करना; जादू करना.]
नीचोववी= बहुत कंजूसीसे बरतना। मंतरवु सक्रि०मंत्र द्वारा वशमें करना;
माखो मारवी = मक्खी मारना; कुछ मंत्रका असर डालना (२) भरमाना;
न करना; बेकार बैठा रहना; जूती सिखा देना[ला.][मंतरी जq=घोखा,
चटखाते फिरना.] चकमा देकर ले जाना; उदा. 'मारा
माखण न० मक्खन (२)[ला.] खुशारूपिया मंतरी गयो'.
मद; चापलूसी। [-चोपडवं, लगाव, मंत्र पुं• मंत्र (शब्द या शब्दसमूह) (२) = चापलूसी, खुशामद करना.] कानमें कही जानेवाली बात; मंत्रणा; माखणचोर पुं० माखनचोर; श्रीकृष्ण सलाह; मंत्र ।-आपवोदीक्षा देना; माखणियुं वि० मक्खन जैसा मुलायम मंत्र देना (२) समझा, सिसा देना। (२) खुशामदी [ला.] -फूंकबो = कान फूंकना; चिताना; माखी स्त्री० देखिये 'माख'; मक्खी
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