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आरणकारण
आलपाको ऊँची, बेसुरी आवाज निकालना आरियु न० ऑरिया; फूट रेंकना [ला.] [अनिश्चित आरी स्त्री० आरी; छोटा करवत (२) आरणकारण न० बहाना (२) वि. मोचीका एक औज़ार; सूआ आरत वि० आर्त (२) विपद्ग्रस्त (३) आरेषु वि० तूफ़ानी (२) झक्की; हठी ज़रूरी (४) आतुर
(३) न० पक्के साढ़े तीन मनकी एक आरत स्त्री० आति ; पीड़ा; संकट (२) माप या वज़न चाव; उत्साह रखनेका पात्र आरो पुं० किनारा (२) अंत (३) आरतियुं न० आरती; आरतीका दीपक छूटनेका उपाय ; चारा [ला.] आरती स्त्री० आरती; देव आदिकी आरो पुं० आरा; पहियेकी गड़ारी और मूर्तिके समक्ष दीपक घुमाना (२) उस पुट्ठीके बीचकी पटरी समय गाया जानेवाला स्तोत्र; आरती आरोगq स० क्रि० जीमना (३)आरतीका दीपक रखनेका पात्र; ___ आरोप पुं० आरोप; इलज़ाम (२) आरती (४) एक छंद। [-उतारवी, आरोपण लगाना;रखना।[-आववो= करवी आरती उतारना (२) मान, दोष या इलज़ाम लगना । -मूकवो, पूजा या अभिनंदन करना [ला.]] लगाववो = दोष लगाना.] आरपार अ० आर-पार
आरोपण न० आरोपण; एक वस्तुमें आरब पुं० अरब ; अरब देशका निवासी दूसरीके गुण-धर्मकी कल्पना (२) आरस, आरसपहाण पुं० संगमरमर आरोप; इलज़ाम (३) संस्थापन (४) आरसो पुं० बड़ी आरसी; आईना रोपना; लगाना; रखना; मढ़ना आरंभ पुं० आरंभ; तैयारी; शुरू आरोपवू सक्रि० एक पदार्थमें दूसरेके आरंभ स० कि० शुरू करना (२) गुण-धर्मकी कल्पना करना (२) ऐब तैयारी करना
या इलजाम लगाना (३) घालना; आरंभशूर, आरंभशूरुं वि० क्षणिक रखना; लगाना; डालना; उदा० उत्साह दिखानेवाला; शुरूमें उत्साह 'वरमाळा आरोपवी; मन प्रभुमां दिखाकर बादमें शिथिल होनेवाला आरोपवू' इ० आराम पुं० आराम सुस्ताना (२) शान्ति आरोपी वि० मुलज़िम; अभियुक्त (३) दुःख वगैरहमेंसे छुटकारा (४) आरोवारो पुं० छुटकारा (२) आखिर क़वायदमें आरामसे खड़ा रहनेका आरोहण न० आरोहण; चढ़ना (२) हुक्म । -मळवो = थकावट दूर सवार होना (३) ऊपर बैठना करनेके लिए समय या अवकाश आर्द्रतामापक वि० आर्द्रता या नमी नापे मिलना.
ऐसा (२) न० ऐसा यंत्र; 'बैरोमीटर' आरामखुरशी स्त्री० आरामकुरसी आवायु पुं० 'हाइड्रोजन' आरियां न० ब० व० नाव, जहाज़ आलपाको पुं० अलपाका; एक प्रकारकी वगैरहके पाल उतारना
भेड़ (२) उसके ऊनसे बनाया जाता आरियुं न० टोकरा
कपड़ा; अलपाका
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