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भडुं न० घरके आगे दरवाजेके अगलबगलकी दीवार; कोरा (२) आड़के लिए की जानेवाली पतली दीवार; परदा । [ भडे बेसवुं = टूट जाना; बन्द होना; बिगड़ना (२) दिवाला निकालना (३) निःसंतान होना (४) रोजी या कमाई न चलना. ] भोभड अ० देखिये 'भडाभड ' भणकार (-रो), भणको पुं० किसी 'चीजकी आवाजकी गूंज या आगाही;
भनक
भणतर न० शिक्षा; पढ़ाई भणवं स० क्रि० सीखना पढ़ना ( २ ) कहना ; कविता रचना; उदा० 'भणे नरसैयो' (३) पढ़ना; बाँचना । [ - गणवं = पढ़ना और उस ज्ञानका उपयोग करना; पढ़ना-लिखना ; सीखना; अनुभव प्राप्त करना । भणीगणीने = पढ़-लिखकर; शिक्षा ग्रहण करके; होशियार बनकर । ( अगियारा ) भणी जवा = नौ दो ग्यारह हो जाना; ( लेकर ) चंपत होना. ] भणाव स०क्रि० सिखाना; पढ़ाना (२) पाठ पढ़ाना या उच्चारण कराना; सिखाना ; पढ़ाना । [ भणावी मूकबुं = पढ़ा देना; सिखाये रखना. ] भणी. अ० तरफ़; ओर
भतुं न० मुसाफ़िरीमें खानेके लिये साथ लेनेका भोजन; कलेवा ; पाथेय; तोशा (२) उसके एवज में दिये जानेवाले पैसे; भत्ता (३) खास कामके लिए तनके अतिरिक्त दी जानेवाली बंधी रकम या असल खर्च; भत्ता ; अधिदेय भत्रीजी स्त्री० भाईकी बेटी ; पति या पत्नीके भाईकी बेटी; भतीजी
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भयर
भत्रीज पुं० भाईका या पति या पत्नीके भाईका बेटा; भतीजा [जानेवाली भयवारी स्त्री० खेतमें छाक - कलेवा ले भच्यं न० देखिये 'भत्तुं ' भवतुं न० मिट्टीका घड़ा भपकादार वि० चमक-दमकवाला;
शानदार; ठाट-बाटवाला भपकाबंघ वि० भड़कीला; भड़कदार (२) अ० शानके साथ ; दबदबे ने भपको पुं० शान; सजधज ; ठाट-बाट; आडंबर ( २ ) धमकी
भभक स्त्री० चमक; भड़क भभकवं अ०क्रि० भड़कना; भभकना (२) शोभा देना; फबना ( ३ ) भड़कना; गुस्सा होना [ला.] भभकादार वि० देखिये ' भपकादार भभकाबंध वि० देखिये ' भपकाबंध ' भभको पुं० देखिये ' भपको ' भभडं अ० क्रि० खानेकी इच्छा होना; जीभ चलना; खानेको जी करना
डाट पुं० खानेकी तीव्र इच्छा भमराव स०क्रि० भूका या चूर्ण छिड़कना; भुरभुराना; भुरकाना [ बन जाय भभरं वि० भुरभुरा;जो झट टूटकर चूर्णरूप भभूकवं अ० क्रि० भभकना; भड़कना । . [भभूकी ऊठवुं = जल उठना ; भभकना (२) चमक उठना; प्रकाशित होना. ] भभूको पुं० भभूका; शोला ( २ ) प्रकाश भभूत (ती) स्त्री० भभूत; बभूत; भस्म । [-चोळवी, लगाववी = भभूत रमाना; साधु हो जाना. ] भमर स्त्री० भौं भौंह; भ्रू
भमर स्त्री० भँवर; जलावर्त (२) अ० गोल-गोल ; चक्करके रूपमें (३) पुं० भौंरा; भ्रमर
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