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बीक
बोकडं न० बकरा बोकडो पुं० बकरा; बोकरा । [ बोकडाने मोते मरबुं = बुरी तरह से तुरंत मारा जाना । —बनाववो = (बलिके लियेमार सहन के लिए किसी को आगे करना (२) मखील - मजाकका पात्र बनाना. ] बोकी स्त्री० चुंबन; बोसा बोल स्त्री० बड़ा गड्ढा; बहुत बड़ी दरार ; खोखला ( २ ) पानी निकालनेका चमड़ेका डोल [ हों; पोपला बोखलं, बोखुं वि० जिसके दाँत गिर गये atri न० बड़ी लंबी दरार या छेद; खोखला (२) सुरंग ; 'टनेल ' (रेलकी ) बोधरणुं न० चौड़े मुँहकी बटलोई; बटुला बोधलं, बोधुं वि० भोला-भाला;
गावदी; मूर्ख
बोचलो पुं० बालोंकी किनारीवाली बाकी टोपी (२) पीठ तक आनेवाली लड़कियोंकी टोपी (३) जूड़ा; चोटी बोचियुं न० बाँसकी हलकी टोकरी ; टोकनी; छबड़ा
बोची स्त्री० गरदन । [ -पर कांकरो मूकबो : = कड़ा नियमन रखना ( २ ) सतत खूब परिश्रम करना. ] बोचुं न० गरदन (तुच्छकारमें) बोज पुं० बोझ;भार;बोझा ( २ ) प्रतिष्ठा बोजो पुं० बोझ; भार; वज़न ( २ ) जवाबदारी; जोखिम; बोझ वोट न० देखिये 'अबोट' ( २ ) स्त्री० नाव; डोंगी ( ३ ) स्टीमर; 'बोट ' बोट स० क्रि० जूठा कर देना; जुठा
ना; छूकर अपवित्र करना ( २ ) पहले से घेर-रोककर क़ब्ज़ा करना । [ बोटी राखबुं, लेबुं ( जगा) = पहलेसे घेरकर क़ब्ज़ा जमाना ; रोकना; छेकना.]
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बोटियुं न० देखिये 'अबोटियुं' बोड (बॉड) स्त्री० माँद, गुफा (पशुकी) बोड स० क्रि० मूंड़ना (बाल) बोडि वि० देखिये 'बोडुं ' । [बोडिया अक्षर = मात्रा, पाई, शिरो-रेखादिके बिना लिखे जानेवाले अक्षर . ] बोडियो कलार पुं० एक वनस्पति बोडी स्त्री० मुंडी; बेवा; विधवा बोडुं वि० जिसके सिर पर बाल न हों गंजा; मुंडा ; मुंडित (२) खुला ; साफ़ ; सफाचट, मुंडा (खेत, सिर, अक्षर आदि) । [ बोडा अक्षर = देखिये 'बोडिया अक्षर '। - करवुं = खुला - साफ़ करना ( बाल, पत्तियाँ आदिसे) (२) लूटकर अकिंचन बनाना; मूंड़ना; ठगना. ] बोणी (बॉ) स्त्री० बोहनी (२) नये सालके निमित्त दिया जानेवाला नेग (३) उलहना ; गाली | [ -करावबी = सबसे पहले खरीदकर शकुन कराना. ] बोत (बॉ) पुं० बौड़म; मूर्ख; जड बोतडुं न० ऊँटका बच्चा ; बोता बोतान ( - ) न० ( पगड़ीका ) बताना; तहपेच ( २ ) बोहतान; कलंक बोते (-ते ) र ( बॉ' ) वि० बहत्तर; ७२ बोयड वि० जड; ठोट ( २ ) सुस्त ; मंद बोदलं वि० देखिये 'बोदुं ' बोबा अ० क्रि० पानी पीकर तर होना
( २ ) पानी से सड़कर बिगड़ जाना बों वि० पानीसे सड़ा हुआ ( २ ) ठीक नहीं बजने वाला (३) ढीला ; कमजोर; दब्बू; बोदा बोध पुं० सीख ; उपदेश ( २ ) ज्ञान; बोध | [ - थवो : = ज्ञान होना; होश आना; समझ आना। -लेवो = सबक़ सीखना सीख लेना. ]
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