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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org फसल फसल स्त्री० मौसम (२) पैदावार फ़सल फसली वि० फ़सली; मौसमी ; फ़सलका फसवु अ० क्रि० देखिये 'फसावु' फसामण ( - णी) स्त्री० फँसना ; फँसाव फसाव स० क्रि० ' फसावुं ' का प्रेरणार्थक; फँसाना फसा अ० क्रि० फँसना ( २ ) ठगा जाना फळ न० ( वनस्पतिका) फल ( २ ) परिणाम; नतीजा ; फल (३) नफ़ा; फ़ायदा; फल ( ४ ) फल ( हथियार या औजारका अग्रभाग ) । [ -भावनुं = फल आना; फलना; फल लगना (२) फल पाना ; नतीजा मिलना । - काढबुं = प्राप्ति - फ़ायदा मिलना; फल पाना. ] फळझाड न० फलदार वृक्ष; फलवृक्ष फळबु ( - वू ) प वि० उपजाऊ ; फलद फळवं अ० क्रि० फलना; फल लगना (२) लाभदायक होना; सिद्ध होना फळाउ वि० फलदार; फल देता हुआ फळियुं न० मुहल्ला; टोला फळी स्त्री० छोटा मुहल्ला; टोली फळीभूत वि० सार्थक; सफल फळं न० ( हथियार, औजारका अग्रभाग ) किनारा; फल फंगोळवं स० क्रि० फेंकना झिड़कना (२) घुमाना; चक्कर देना फंटाबु अ० क्रि० दिशा बदलना; मुड़ना (२) शाखाएँ होना; विभक्त होना फंड न० फंड; चंदा फंद पुं० फंदा ; फाँस; साज़िश (२) मायाजाल; मोहका फंदा (३) दंभ; कपट; ढोंग (४) बुरी लत; दुर्व्यसन [ला. ] फंफोसबुं स० क्रि० टटोलना; ढूंढ़ना फाकडो पुं० फंका; फाँका गु. हिं- २१ ३२१ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फाटले फाक स० क्रि० फकिना; फंका मारना फाका पुं० ब० व० तंगी हैरानी; मुश्किल (२) फ़ाक़ा अनशन [ फंकी फाकी स्त्री० छोटा फंका (२) (दवाकी) फाको पुं० फंका; फाँका फाग पुं० बहार; वसंत ( २ ) फाग; फगुआ ( गीत ) । [ खेलवो = होली खेलना; फाग खेलना. ] फागण पुं० फागुन; फाल्गुन फाचर स्त्री० पन्चड़; पच्चर; फाँस (२) T; बाधा; रुकावट [ला.] । [-मारवी : पच्चड़ लगाना, ठोंकना ( २ ) पच्चर अड़ाना;बाधा डालना; पच्चर मारना. ] फाचरो पुं० ( लकड़ीका ) चैला; फट्ठा फाजल वि० बचा हुआ; आवश्यकतासे अधिक; फ़ाज़िल (२) फ़ालतू; निकम्मा फाट स्त्री० फटना (२) दरार; फाट (३) देह टूटना; टूटना ( ४ ) [ला. ] भेद; फूट ( ५ ) गर्व ; रोब । [ - पडवीदरार होना; फटना ( २ ) दल या तड़ हो जाना; पृथक होना; विभक्त होना. ] फाटक पुं० ; स्त्री० बड़ा दरवाज़ा; फाटक फाटकवाळी पुं० रेलवे फाटक पर तैनात नौकर; फाटकदार फाटफूट स्त्री० फूट; भेद फाट अ० क्रि० फटना; टूटना; दरार पड़ जाना; दरकना (२) बदमस्त होना; छकना (३) (देह) खूब दुखना; टूटना । [ फाटी जवुं = फटना (२) बहकना; हाथ से जाना । फाटी नीकळबुं = (रोग) यकायक प्रकट होना और फैलना (२) फट पड़ना. ] फाटुं वि० टूटा-फूटा फाटेल ( - ) वि० फटा हुआ; फटहा (२) असभ्य (३) उद्धत For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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