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बत्ती (३) फूल। [मरे पाणी पावं =बहुत परेशान करना; सताना; नाच नचाना.] पूर वि० पूरा; संपूर्ण (२) न० बाढ़;
पूर (३) पूरन; पूर (पूरनपूरी आदिका) पूरण वि० पूरण; पूर्ण (२) सर्वव्यापी (३)न० पाटनेकी या पाटी हुई चीज़; पूरन ; उदा० 'पोळी, पूरण ; जमीननु
पूरण'
पूरणपोळी स्त्री० पूरनपूरी (मीठी) पूरणी स्त्री० भरना; पाटना (२)पाटनेकी चीज़ (ईंट, मिट्टी आदि) (३) पूर्ति; अधिक कथन (४) बढ़ावा; पुरचक पूरतुं वि० काफ़ी; पूरा; पर्याप्त । पूरपाट अ० सरपट ; वेगसे पूरवं स० क्रि० भरना; पाटना (२) तंग जगहमें रखना; हवालातमें रखना (३) पूर्ण करना; पूर्ति करना; पूरना पूरी स्त्री० पूरी; पूड़ी (खानेकी चीज़) पूरं वि० देखिये 'पूर्ण'। [-करवं%3D समाप्त करना; पूरा करना (२) खत्म करना; नाश करना (३) भरण-पोषण करना; निबाहना (४) (वचन)निबाहना; पालन करना। -पडq= बराबरीका होना; -से (बल आदिमें) बढ़कर होना (२) काफ़ी होना; निर्वाह होना; पर्याप्त होना। -पाउज़रूरबके मुताबिक़ देना; आवश्यकताको पूर्ण करना. पूरेपूर वि० पूरा-पूरा; समूचा; संपूर्ण पूर्ण वि० पूर्ण ; पूरा; जो अधूरा, खंडित, कम या अपूर्ण न हो (२) समाप्त ; पूर्ण
(३) न० शून्य; बिंदु; सिफ़र पूर्व वि० पूर्व ; प्राचीन (२) आगेका;
पेचियं अगला; पूर्व (३) पूरबी; मशरिकी; पूर्व (४) स्त्री० पूर्व ; पूरब पूर्वतयारी स्त्री० पहलेसे की हुई तैयारी पूर्वभूमिका स्त्री० भूमिका; प्रस्तावना पूर्वे अ० पूर्व; पहले; पेश्तर पूळियुं न० छोटा पूला; पूली पूळो पुं० पूला; बड़ा मुट्ठा।।-ऊठवो%3D जल जाना; नाश होना; आग लगना। -मूकबो-जला डालना; नाश करना;
आग लगाना. पूंख, स० क्रि० परछनसे वर-कन्याका स्वागत करना; परछना (२) बोनेके लिए छिटकाना, बिखेरना पूंछपियुं वि० पूंछवाला; दुमदार; पुच्छल पूंछी स्त्री० पूंछड़ी; दुम; पूंछ। [-पटपटाववी-दुम हिलाना (२) वशमें होना; ताबेदार होना.] पूंछडं न० पूंछ; पुच्छ पूंजी स्त्री० पूंजी; मूलधन
पूंजो पुं० कूड़ा-करकट ; कचरा; राख, __ गोबर आदि
[आदि पूंठ, पूंठळ, पूंठियुं, पूर्छ, पूंठे देखिये 'पूठ' पेक (पें) वि० पैक (करना)(२)चंट;
चालाक ला.] पेगंबर पुं० देखिये ‘पयगंबर' पेगाम पुं० देखिये ‘पयगाम' पेच पुं० लपेट; चक्कर; पेच (२)चूड़ीदार कील; स्क्रू (३)पतंगोंकी डोरोंका एक-दूसरेसे उलझना; पेच (४)ला.) युक्ति; फ़रेब; पेच (५)मुश्किल; जाल;फंदा।[-रचवो-युक्ति रचना; जाल बिछाना। -लडाववा=पतंगोंका पेच करना (२) युक्तियाँ लड़ाना;जाल फैलाना.] पेचियं न० पेचकश
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