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आगली पाछली आगली पाछली स्त्री० पुरानी या गई गुज़री बात ।[-काढवी = पुरानी बातें याद करना;गड़े मुर्दे उखाड़ना।-काढी नाखवी, भूलवी = गई गुज़री भूल जाना; माफ़ करना.] आगलं (लु,) वि० अगला (२) मुख्य आगलुपाछलुं वि०(२)न० आगे-पीछेका;
अगला-पिछला आगवाळो पुं० आगवाला; 'फायरमैन' आगq वि० अपना आगवो पुं० अगुआ; राहबर आगळ अ० अगाड़ी; आगे (२)पासमें; बग़लमें (३) सामने (४) आइंदा; आगे आगळियो पुं०, आगळी स्त्री०, आगळो पुं० अगड़ी; अरगल आगाही स्त्री० आगाही; भविष्यवाणी आगियो पुं० जुगनू (२)ज्वार-बाजरेका एक रोग; आगड़ा (३) सफ़ेद ज्वार (४) वेताल आगुवो पुं० देखिये 'आगवो' आगे अ० आगे; अगाड़ी आगेकदम न०, आगेकूच स्त्री० आगे बढ़ना; प्रगति आगवान वि० आगे चलनेवाला (२) पुं० नेता; अगुआ आगेवानी स्त्री० अगुआई; अगवानी आगोतर, आगोतरं वि० आगेका; शुरूका; पहलेका (२) पासका आधु वि० दूर (२)क्रि०वि० आगे; पास; उदा० 'आधु आव' आधुपाछु वि० (समय या अंतरमें) आगे-पीछेका (२) (स्थान-फेरके कारण) जो नजर न आये (३) झूठ-सच । [-करवं = हेर-फेर करना (२) छिपाना।-जोवू =आगे-पीछेका
आजकाल पूरा खयाल करना; परिणाम पहलेसे सोचना। -थq = इधर-उधर बेकार घूमना (२)छिपना या हट जाना.] आघे अ० दूर; परे आघेथी अ० दूरसे आधेनुं वि० दूरका (२) भविष्यका आचकी स्त्री० नसोंका तनाव; ऐंठन आचको पुं० हचकोला; दचका; धक्का (२) संकोच; आना-कानी[ला. (३) धड़का (४) हानि; घाटा आचमन न० आचमन; अचवन (२) प्रवाही प्रसाद आचमनी स्त्री० आचमनी आचरकूचर वि० फुटकर(२)न०खानेकी फुटकर चीजें (३) फुटकर चीज़-वस्तु आचार पुं० आचार; बरताव (२) सदाचरण (३) आचार-विधि (४) शास्त्रोक्त आचार(५)शिष्ट संप्रदाय आचारविचार पुं० ब० व० आचारविचार (२) धार्मिक रीति-रिवाज
और मान्यताएँ आछकलाई स्त्री०, आछकलापणुं न०,
आछकलावेडा पुं०ब०व० छिछोरापन आछकलुं वि० छिछोरा (२) फूलकर कुप्पा हो जानेवाला आछर पुं० पोशाक (२) बिछावन (३) गधेकी पीठ पर रखनेकी गद्दी आठरवू अ० क्रि० घटना; उतरना
(२) नरम होना (३) बिछाना आफु वि० छिदरा; झीना(२)कम; थोड़ा (३)धुंधला
तैसा आछुपातळ वि० थोड़ा-बहुत (२)जैसाआज अ० आज (२) स्त्री० आज
आजकाल अ० आज-कल (२) अभी; । हाल (३) स्त्री० आज-कल । -करवी
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