________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बरबोळ घरबोळ न० प्रलय ; सत्यानास [-जy तबाह होना; मटियामेट होना; धूल उड़ना.] परम पुं० देखिये 'धर्म' परमपक्को पुं०व्यर्थका फेरा; धरमधक्का घरमूळ न० शुरू; जड़मूल; धुरसिर घरव पुं० संतोष; तृप्ति घरवq स० क्रि० तृप्त करना; अधवाना घरधू स० क्रि० धरना; थामना; पकड़ना; रखना(२)धरना; पहनना (३) धारण करना; धरना विष ; जन्म)(४) पासमें रखना; पेश करना; आगे रखना बरार अ० जरूर; अलबत्ता(२)बिल
कुल; साफ़ परार पुं० वाहनमें जुओकी तरफ़ ज्यादा
बोझ होना; उलारका उलटा धराव_ सक्रि० 'धर' और 'धरावं' क्रियाका प्रेरणार्थक रूप (२) नैवेद्य करना; देवके आगे धरना [छकना परावं अ० क्रि० तृप्त होना; अघाना; परी स्त्री० (पहियेका) धुरा; अक्ष (२) पृथ्वी या खगोलका अक्ष; उत्तर और दक्षिणको जोड़नेवाली कल्पित रेखा; अक्ष [हुए छोटे पौदे ; पौद; पनीरी घर न० उखाड़कर रोपने के लिए उगाये घरवाडियुं न० पौदकी क्यारी; पनीरी घरो पुं० गहरा गड्ढा (खासकर
पानीका); दह परो स्त्री० दूब; दूर्वा धर्म पुं० धर्म (२)शास्त्रोक्त आचार; धर्म(३)पुण्य ; दान (४)धर्म; फ़र्ज; कर्तव्य (५) एक पुरुषार्थ ; धर्म (६) गुण; स्वभाव; प्रकृति (७)धर्मराजा । पवा(-रा)व, स० क्रि० 'धावq 'का प्रेरणार्थक; दूध पिलाना; आँचल देना
पापाई पवा स्त्री तंदुरुस्ती; शक्ति (२)अच्छी दशा। [-वळवी = आरोग्य, शक्ति
आदि पुनः प्राप्त होना.] [बढ़ना घसवं अ० कि० वेगसे आगे बढ़ना; घसारो पुं० हल्ला; हमला घंतर न० जादू (२) ठगनेकी कला जंतरमंतर न० जंतर-मंतर; जादू-टोना घंतूरो पुं० धतूरा धंधादार वि० पेशेवाला; धंधेवाला
(२) उद्योगी (३)पुं० व्यापारी (४) कारीगर; हुनरमंद धंधादारी वि० पेशेवर; रोज़गारवाला
(२)स्त्री० धंधा; रोजगार; उद्यम पंधो पुं० धंधा; उद्यम; रोजगार;
प्रवृत्ति (२) व्यापार व्यवसाय पंधोरोजगार पुं० घंधा और रोजगार; घा पुं०; स्त्री० मददके लिए पुकार; दुहाई; गोहार (२) हाय। [-नाखवी% मददके लिए पुकारना. धाई स्त्री० स्तन धाक पुं०; स्त्री० धाक; डर (२) अंकुश; दबाव (३) बहरापन । [-ऊवश्वा , (बी)= बहरापन टलना। -सवी =धाक जमना. घागरी स्त्री० चीथड़ोंकी गुदड़ी; कथरी धागो पुं० फटा-पुराना कपड़ा; लाट; चिथड़ा; गूदड़ (२)धागा; डोरा घाटी स्त्री. रीत; ढब; शैली भार स्त्री० डाकुओंकी टोलीका छापा; घाड़; डाकाजनी (२) धावा; छापा (मारना) (३) उतावली [ला.] । [-मारवी = बड़े शौर्य या पुरुषार्थका काम करना; तीर चलाना [ला.]. चारपार पु० डाकू लुटेरा
For Private and Personal Use Only