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होत
२१८ ठोठ वि० ठोट; कम अक्लका; बुद्ध ठोर (ठा) पुं० ठोर; माठ ठोबर (लु) वि० भद्दी शकलवाला; ठोसh (ठॉ०) अ० क्रि० खांसना; कुरूप (२) न० धातु या मिट्टीका ढासना; ठांसना (२) सक्रि० ठूसना बरतन; ठीकरा -
ठोंसो (ठॉ०) पुं० देखिये 'ठांसो' ।
. पुं० 'ट'वर्गका-मूर्द्धस्थानीय तीसरा व्यंजन -
[डकैती काटी स्त्री० डाका डालनेका काम; उक्को पं० बंदरगाह पर माल चढ़ानेउतारनेके लिए बनाया हुआ पक्का घाट; डॉक (२) समुद्र या नदीके पानीसे बचने के लिए बाँधा हुआ बंध; पुश्ता खल स्त्री० देखिये 'दखल' रखं न० साग मिलाकर, पकाई हुई दाल; सगपती; दलभजिया रखो पुं० देखिये 'डखु' (२) [ला.] घोटाला; गड़बड़ (३) दखल; बखेड़ा; अड़चन । [-घालवो बाधा डालना; रोड़े अटकाना ।-पडवो= झगड़ा खड़ा होना; झंझट पैदा होना.] रसोळवू सक्रि० घंघोलना उग स्त्री० डिगना; हिलना; अस्थिरता उग न० डग; क़दम (२) एक डगका
अंतर; फाल [डगमगाना उगडगवं अ०क्रि० इधर-उधर डोलना; डगडगो पुं० मनका डगमगाना (२)
शंका; दगदग़ा (३)अविश्वास ; वहम डगमग वि० डगमगाता हुआ; डगडोर गमगवं अ० क्रि० डगमगाना (२) निश्चयसे विचलित होना-डांवाडोल होना ला.]
डगमगाट पुं० डगमगाहट डगरी स्त्री० देखिये 'डोकरी' उगएं न० अति वृद्ध मनुष्य ; खल्लड़ गरो पुं० डोकरा; बूढ़ा आदमी गली स्त्री० छोटा डग डगली स्त्री० छोटा कुरता उगलं न० मोटा कुरता या अंगरखा उगलं न० देखिये 'डग'; कदम उगलो पुं० बड़ा अंगरखा; ओवरकोट उगवं अ० कि० देखिये 'डगमग,' डगळी स्त्री० मोटा, छोटा टुकड़ा; फांक (२) टॉकी (फलकी) (३) समझशक्ति; दिमाग। [-खसवी =पागल होना; होश ठिकाने न होना.] रगळं न० मोटा, बड़ा टुकड़ा; फांक गगुनगु वि० (२) अ० देखिये 'डगमग';
अस्थिर घावं अ.क्रि० घबड़ाहटसे सन्न या स्तब्ध हो जाना; हक्का-बक्का होना (२) दाग लगना (फलको) उध्यो पुं० तबलेका बायाँ; ठेका डच पुं० हालैंडका वतनी; डच (२)
उसकी भाषा (३) वि० उस देशका उचकारी स्त्री०, (-रो) पुं० 'टिकटिक' आवाज करके (चलनेको) प्रेरित करना; टिटकारी उचकियं, उचकुं न० पानीमें डूबते या
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