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जाप्यमनाचे तरपुं० न० जंतर; तांत्रिक आकार जानम स्त्री. जाजम; जाजिम बिसात या कोष्ठ; यंत्र (२)ऐसी आकृति या बिछावन अक्षरोंवाला काग्रज या पतरा; तावीज़ जाजर पुं०; न० पाखाना; जाजरू (३)जादू; जंतर-मंतर
बारपन न०; जालाई स्त्री० मोटाई; अंतर९न० देखिये 'जतरडं'
स्थूलता जंतरमंतर पुं; न० जंतर और मंत्र; तंत्र । जाग्यिं वि० मोटा; स्थूल -मंत्र; जादू-टोना
जाई वि० मोटा; दलदार (२)मोटा; बंप (ज') पुं० चैन; कल ; शान्ति
मेदस्वी; चरबीयुक्त (३)दबीज; घना; जंपवं (जं') अ.क्रि० चैन होना; शांत ठस; गाढ़ा (४) तीक्ष्णका उलटा; होना (२)झपना; जरा नींद लेना- भोथरा; कुंद (५)भारी; कर्कश (६) आँख लगना (३)तूफ़ान या धमाल [ला. मंदबुद्धि; जड़ (७) अशिष्ट; करनेसे रुकना; शान्त होना
गवार (८) जिसमें गहराई न हो; बंबूर न० कीलें खींचनेका एक औजार मोटा; उदा० 'तेनुं काम जरा जाडं जंबूरा; जंबूर
होय छे'
[दबीज जंबूरोपुं० एक छोटी तोप; जंबूर (२) जाडं खद्दर वि० ठस बुना हुआ; गाढ़ा;
बाजीगरका मददगार लड़का; अमूरा जाडंब(-भ)म वि० भारी-भरकम; जाभाव स्त्री० जाना और आना; आवा- अतिशय मोटा जाही
[(२) रुखसत जाण वि० जानकार (२) परिचित जाकार(-रो) पुं० आव-भगत न होना पहचानवाला (३)स्त्री० जानकारी जाकीट न० जाकिट; फतुही; वास्कट ज्ञान (४)परिचय; जान-पहचान जागतुं वि० जागता हुआ; जागता; जाणकार वि० जानकार [पहचान जाग्रत (२) सजग; जागरूक; बेदार। जाणपिछाण (-न) (ण,) स्त्री० जान[-मूतर = जानबूझकर बिगाड़ना। जानमे वि० अंदरकी बात जाननेवाला; जागतो वहाडो = आबादीका काल बातका भेद जाननेवाला; भेदिया। (२) अशुभ या झगड़ेका दिन.] जाणवं स० क्रि० जानना; पहचानना; जागरण न० जागरण; रतजगा (२) परिचित होना (२) मानना; समझना; जागृति; बेदारी
उदा. 'हुँ जाणु के ते करशे' बागवू अ०क्रि० जागना; नींदसे उठना; जागी जोई (ने), जागी बूली (ने) जाग्रत होना; जगना (२) सजग होना; जान-बूझकर जाग्रत रहना; जगना (३)जागता हुआ जाणीतुं वि० जान-पहचानवाला; परिहोना; जागना (४) ताजा होना; चित (२) अनुभवी; अभ्यस्त (३)नामी चलना; उभरना; उदा० 'वात पाछी जाणे अ० गोया (२)मानो; जानो जागीले '(५)अज्ञानमें से निकलना; जायेमजा, जाप्येमजाये अ० जानेज्ञान प्राप्त करना
अनजाने ...
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