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बोरीछुपी पोरीखूपी स्त्री० चोरी या छिपाव;
चोरी-छुप्पे चोरीफेरा (चा) पुं० ब० ५० लग्नमंडपमें वरकन्याकी अग्निकी परिक्रमा; भांवर; फेरे चोरो (चाँ) पुं० चौपाल (२) पुलिस
चौकी; थाना (३)बड़ा चबूतरा; चौरा चोबई(चों) वि० चार तहोंवाला;
चौपा; चौतहा (२)चौगुना चोवीस (चा) वि० चौबीस; २४ पोसठ (चा) वि० चौसठ; ६४ पोसर (चाँ) वि० चौलड़ा; चौसर(२) स्त्री० चार लड़ोंको गूंथकर कपड़े पर बेल-बूटे निकालनेका काम; चौकड़ी (३) एक खेल; चौसर(४) चारकी गोई (बैलोंकी) (५) चौलड़ा हार (पुरुषोंका)
[चक्का चोसलं (चाँ) न० जमा हुआ टुकड़ा; चोळ (चों) स्त्री० चौरेकी फली पोळ स० क्रि० मलना; मसलना(२) कुचलना; बारबार उलटपुलट करना; बिगाड़ना [ला.]
पोळा(ना) पुं० ब० ५० एक दलहन बोड़ा; लोबिया; चौरा चोळाचोळ (-ळी)स्त्री० गीजना-मलना पोळिया पुं० ब० १० गले की दोनों
ओरकी गिलटी; कौवा; गलेकी घंटी चोळी स्त्री० चोली चोळी (चौ) स्त्री० बोड़ा(फली) (२) बोड़ा; चौरा; लोबिया बोळो पुं० अंगरखेका कंठा या घाट; चोला (२)फ़कीरोंका लंबा, ढीलाडाला कुरता; चोला चॉक(चॉ०) अ० क्रि० चौकना; भड़कना; चमकना [चिमटना चॉट (चौ०) स० क्रि० चिपकना; चौटुं न० बाजार; चौहट्टा; चौक चौब वि० चौदह; १४ चौर, वि० चौदहवां (२)न० मृत्युके चौदहवें दिन किया जानेवाला भोज चौर रतन न० अमृत (२)मार; दर
[चौदस चौरस (-) स्त्री० चौदहवीं तिथि, चौदशियो पुं० विघ्न-संतोषी
पार स्त्री० पप्पड़ा तमाचा (२)भूक
पुं०'च' वर्गका-तालुस्थानीय दूसरा व्यंजन - वि० छः; छ; ६ कम० चकित; विस्मित; भोंचक कई न०,(गे) पुं० 'छका समूह; छकड़ी; छक्का छको पु. छकड़ा; सम्गड़; बैलगाड़ी
बकि छकना; किसीके काबूमें रहना; हापसे जाना; बहकना
छारियो पुं० : उँगलियोंवाला
व्यक्ति; छांगुर छको पुं० छ बूटियोंवाला ताशका पत्ता; छक्का (२) पासका वह बक जिसमें छह बिंदियां हो। [वाडी अवा-नाउम्मीद होना; पस्त हिम्मत होगा छूटना.
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