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चरड अ० कपड़ा वग़ैरह फटनेका शब्द; चरसे (२) जूते से निकलनेवाली
आवाज़; चरमर
चरण पुं०; न० चरण; पाँव ( २ ) कविताका पाद; छंदका एक पाद; चरण; मिसरा । [ - सेवव = चरणका आश्रय लेना; पैर पकड़ना.] चरबी स्त्री० चरबी; मेद (२) मद; अभिमान [ला. ] । [ -करवी, करडवी = छेड़छाड़ या नटखटी करना (२) रोब या जोर दिखाना । चडवी, arat = चरबी चढ़ना; घमंड करना. ] चरबुं अ० क्रि० चलना; फिरना (२) ( पशुओंका ) चरना (३) कमाना; पैदा करना ['चडस' आदि चरस, चरसाचरसी, चरसीलुं देखिये चराई स्त्री० पशु आदिको चरानेकी मज़दूरी; चराई
चराण न० चरान; चरागाह; गोचर (२) चराने की मज़दूरी; चराई चरामण न०, ( - जी) स्त्री० चराने की मजदूरी; चराई
चरावयुं स०क्रि० चराना [ चरित चरित न० चरित; आचरण ( २ ) जीवनचरित्र न० आचरण; व्यवहार ( २ ) जीवनचरित्र; जीवनी ( ३ ) चरित्तर; कपट; पाखंड [ला. ] बरी स्त्री० परहेज [ चय च पुं० चौड़े मुंहका एक बरतन ; देश; परेडो पुं० दिलको धक्का लगना; . धड़का ; डर; कलेजा फटना (२) चीरा धरो (रो' ) पुं० चरी; गौचरभूमि चर्च स० क्रि० चर्चा बहस करना (२) निंदा करना (३) चरचना; चंदन बादिका लेप करना
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चर्चा] [स्त्री० चर्चा; बहस; जिरह ( २ ) निंदा (३) लेप चर्चापत्र न० समाचारपत्र में आया हुआ चर्चा- विवेचनात्मक लेख या पत्र; संपादक के नाम पत्र
चर्चापत्री पुं० समाचारपत्रमें चर्चात्मक लेख या चर्चापत्र लिखनेवाला चर्चां अ० क्रि० चर्चा होना चलन न० जोर; सत्ता चलती (२) प्रचलित सिक्का चलन ( ३ ) रीतिरिवाज; चलन
चळणी वि० जिसका चलन हो; चलनसार; चलता (सिक्का) बलम स्त्री० चिलम
चलव स० क्रि० देखिये 'चलाव' चलाउ वि० चलाऊ; टिकाऊ चलाणी स्त्री० पेंदेदार छोटी कटोरी; छोटा प्याला [ छालिया चलाणुं न० पेंदेदार छोटा कटोरा; चलाव स० क्रि० चलाना चला अ० क्रि० चलाया जाना चलू न० छोटा कसोरा; छोटा प्याला (२) मिट्टीकी लुटिया ; कुल्हिया बल्लं न० गौरवाकी जातिका छोटा पक्षी; चिड़िया
चलं न० चुल्लू, अंजली चब वि० चीमड़; चिमड़ा चवडाववं स० क्रि० चबवाना चव वि० चीमड़ (२) न० ( हलकी ) फाल; कुसी
बबराव स० क्रि० चबवाना चवाणुं न०- चबेना; चवैना:
अ० क्रि० बड़ा जाना सुं न० चश्मा; ऐनक [ आवर्याः = कम दिखाई देना (२) घमंड
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