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चढाई, चढउ, चढाऊतर, चढाच, चढाण, चढाव देखिये 'चडाई' आदि araj स० क्रि० चढ़ाना
यातुं वि० देखिये 'चडियातुं' चण (ण) स्त्री० चुगा; चुन; चुग्गी चर्ण स्त्री० लहँगे आदिकी शुत्रदार सिलाई [ (२) उसकी रीति क्षणतर न० चुनाई; (दीवारकी.) जोड़ाई खवं स०क्रि० ईंटें जोड़ना; चुनना चण अ०क्रि० चुगना धर्मासार पुं० चनाखारं चणापणी स्त्री० हरे चनेका पौधा ; बूट (२) ऐसे पौधोंकी पूली; जुट चणिया (णि) न० चौखटक लकडीका छेद जिसमें किवाड़ घूमा करता है; ; चूल । [ खसी जयं = दिमाग़ खिसकना (२) नुक़सान होना. ] चणियो पुं० लहँगा; घाघरा चणी स्त्री० चनेकी एक जात ; छोटा चर्नी चणीबोर न० चनेके जितना छोटा बैर; झड़बेरी
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है
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चणोठी स्त्री० घुंघची, गुंजा (बैल) (२) गुंजा-फल (३) एक मान; रती चतुराई स्त्री० चतुराई होशियारी 'चतुं वि० देखिये 'छतु' चतुपाट वि०' पूरा चित; चारों खाने चित चापाट अ० पीठके बल; अंटाचित वसुं (०पाट) देखिये 'चतु' आदि चनोठी स्त्री० देखिये 'चणोठी' चप अ० झट चटसे; एकदम चपकावयं स०क्रि० गरम करके चांपना (३) चिपकार्ना (३) छौंकना - 'चपचप अ० 'चप-चप' आवाज के साथ (२) झटपट तेजीसे पचपुं विचिपचिपा और
ग. हि- ११
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चपट वि० चिपका हुआ; चिपटी सटा हुआ [ चपटी चपटु वि० चिपटा, बैठा या पैसा हुआ; चपटी स्त्री० चुटकी (२) उसमें पकड़ी जाय उतनी मात्रा; चुटकीभर चीज (३) बीचकी उँगली पर अंगूठेको दबाकर छटकानेसे होनेवाली आवाज; चुटकी (बजाना ) (४) चुटकी बजानेमें लगनेवाला समय; थोड़ी देर (५) चुटकी (भरना, काटना) । [-मां उडावj = शुमारमें न लेना; कुछ समझना (२) मजाक उड़ाना. ] चपटी पुं० बड़ी चुटकी चपाला स्त्री० साफ़ की हुई लाख की चिपटी गुल्ली; चपड़ा चपण ( - णि, - गुं) न० चपनी, सकोरी (२) चमला; भिक्षापात्र [दुरेजा ware न० काग़ज़का टुकड़ा; परचा; चपरास स्त्री० चपरोस (सिपाही, अरदली आदिकी) (२) किवाड़को चौखट से जोड़नेवाला लोहे या पीतलका पुरजा; कब्ज़ा (ई) बड़ाई; प्रशंसा चपरासी पुं० चपरासी; 'पटावाला' चपस अ० क्रि० चपिना; चापना; 'जोरसे दबाना (२) अपनी जगह पर ठीक बैठना
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चपळ वि० चपल; चंचल (२) होशियार चपाट स० क्रि० संपाटेसे खान; ' चट
कर जाना
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चपाटी (सी) स्त्री० चार परितवाली रोटी (२) मोटी रोटी चपेट (टी) स्त्री० चपेट ; तमाचा (३) शिकंजा दबाव काबू (प्रेत-बाधक लिए) (३) नुकसान, आफत पोचप अ० एकदमे घटसे; झटेट