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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org खूंटजिये घूंटनिये; घूंट अ० घुटनोंके बल ( चलना); दोजानू (बैठना ) । [पड: बालकका घुटनोंके बल चलना (२) [ला. ] मत्था टेकना (३) गिढ़गिड़ाना; घुटने टेकना. ] घूंट स० क्रि० घोंटना; पीसना; बाटना (२) रोकना या घोंटना (दमको ) (३) (अक्षर) घोंटना; (राग) रटना; अभ्यास करना मूंडी स्त्री० टखना खूंटी स्त्री० उलझन; फँसाव; अटकाव घेवूर वि० घना; छतनार (पेड़ ) (२) मतवाला; बदमस्त बेटी स्त्री० भेड़ [-धसान. ] घेदुं न० भेड़। [घेटानं डोळं = भेड़िया बेटो पुं० नर भेड़; भेड़ा; मेढ़ा वेन (घें) न० नशा; कैफ़ ; सुस्ती (२) मद; खुमार वेबर न० घेवर घेर (बॅ) अ० घर पर ; घरमें; घरकी ओर। [साळं देवायुं = घरका सर्वनाश होना या निर्वंश होना; घर उजड़ना । —बेठां = घर बैठे (२) बग़ैर मेहनतके; स्वाभाविक रूपसे । (-मे) घेर बेसवी की कमी पड़ना; खर्च होना; नुक़सान होना; उदा० 'आमां तो एने रू० १०० ने घेर बेठी' (२) (स्त्रीका) किसीके घर बैठना । -बेस: = बेकार बनना; घर बैठना (२) नौकरी आदिसे अलग किया जाना; बरतरफ़ होना (३) के साथ सगाई करना; किसीके घर बैठना (४) -का नुकसान होना; -का घर बैठना. ] चेर पुं० घेरा; घेर (२) समूह; टोली (३) स्त्री० ( कुआँ, वस्त्र आादिका) = १५५ पोव किनारेका हिस्सा (४) चोटीके इर्दगिर्द रखे हुए बाल; चंदिया ( ५ ) होली खेलनेवाले लड़कोंकी टोली घेरवार वि० घेरदार (कपड़ा) (२) खुला; जो कसता न हो घेर स० क्रि० घेरना (२) चौपायोंको पानी पिलाना Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घेराव पुं० घेरा; घिराव ; चारों ओरका विस्तार; फैलाव ( २ ) घेरनेकी क्रिया; मिराई; रोक; अडकाव घेरानुं अ० क्रि० घिरना; घेरा जाना (२) घेरेमें आना; फँसना (३) छाना; चिरना; फैलना; पलकें भारी होना ( आकाश या चन्द्र बादलोंसे; अ नशे या नींदसे) घेरावो पुं० देखिये 'घेराव' घे (वें) वि० गाढ़ा ; कभी न छूटनेवाला ; पक्का (रंग); शोख ; गहरा ; 'उदा० 'घेरो लाल' ( २ ) गहन; गहरा (३) खुमारभरा; नशीला (आंखें) घेरेयो पुं० फगुहारा; होली खेलनेवाला धेरो पुं० घेरा (२) रोक (३) समूह; झुरमुट (पेड़ोंका) घेला (पॅ) स्त्री० बावलापन (२) सनक घेलाई (पॅ) स्त्री० पागलपन; सिड़ घे (घें) वि० सिड़ी; पागल (२) न० पागलपन पेंश (स) (पॅ०) स्त्री० मट्ठेमें नमक डालकर पकाया हुआ नरम भात; महेरी धो स्त्री० गोह धोवर पुं० बड़े सिरवाला जंगली बिल्ला (२) बच्चोंको डरानेका हाऊ; होवा (३) न० एक पक्षी घोघर बिलाडो पुं० जंगली बिल्ला घोष वि० मोटी बाबाजवाला For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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