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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बनगारधर्मामृतवर्षिणी टी० अ० १७ कालिकद्वीपगत आकीर्णाश्ववक्तव्यता ६०१ प्रविशन्ति, अनुप्रविश्य यचैव कनककेतू राजा तत्रैवोपागच्छन्ति, उपागत्य यावत् तत्माभृतम् ' उवर्णेति ' उपनयन्ति भूपसमीपे स्थापयन्ति ।। सू०२ ।। मूलम् तपणं से कणगकेऊ राया तेसिं संजत्ताणावावाणि यगाणं तं महत्थं जाव पडिच्छर पडिच्छित्ता तं संजत्ताणावावाणियगा एवं वयासी तुब्भेणं देवाशुप्पियां ! गामागार जाव अहिंडह लवणसमुदं च अभिक्खणं२ पोयवहणेणं ओगाहह तं अस्थि आई केइ भे कहिंचि अच्छेरए दिट्ठपुवे ?, तरणं ते संजत्ताणावावणियगा कणगके ऊं एवं वयासी एवं खलु अम्हे देवाप्पिया ! इहेव हत्थिसीसे नयरे परिवसामो तं चैव जाव कालियदीवं तेणं संवूढा, तत्थ णं बहवे हिरण्णागरा य जाव कणके राया तेणेव उवागच्छन्, , उवागच्छित्ता जाव उववेंति ) वहाँ आकर के वे लोग उस हस्तिशीर्ष नगर के बाहर के प्रधान उद्यान में ठहर गये वहां ठहर उन्हों ने वहीं पर शकटी - गाड़ी शाकटो-गाड़ों की ढील - ठहरा दिया । ढीलकर के बाद में महार्थ - महाप्रयोजन साधक भूत - यावत् प्राभृत भेंट को उन्हों ने अपने २ हाथों में लिया और लेकर के वे हस्तिशीर्ष नगर में प्रविष्ट हुए नगर में प्रविष्ट होकर वे जहाँ कनक केतु राजा थे वहां पहुँचे। वहां पहुंचक उन्हों ने उस महाप्रयोजन साधक भूत प्राभृत को राजा के पास रख दिया ।। सू०२ ॥ हत्थिसीसं नगरं अणुपविसंति, अणुविसित्ता, जेणेव कणगकेक राया तेणेव उवा गच्छर, उवागच्छित्ता जाव उबवेंति ) ત્યાં આવીને તે બધા તે હસ્તિશીષ નગરની બહારના મુખ્ય ઉદ્યાનમાં શકાઈ ગયા, ત્યાં રોકાઇને તેમણે ત્યાં જ શકટી-ગાડી અને શાકટાગાડાંઓને છેાડી મૂકયાં. ત્યારબાદ તેમણે મહા-મહાપ્રયાજન સાધક ભૂત યાવત્ લેટને પાતપેાતાના હાથામાં લીધી અને લઇને તેઓ હસ્તિશીષ નગમાં પ્રવિષ્ટ થયા. નગરમાં પ્રવિષ્ટ થઇને તે જ્યાં કનકકેતુ રાજા હતા ત્યાં પહેાંચ્યા. ત્યાં પહોંચીને તેમણે તે મહાપ્રયેાજન સાધક રૂપ ભેટને રાજાની સામે મૂકી દીધી. ।। સૂત્ર ૨૭ शा ७६ For Private and Personal Use Only
SR No.020354
Book TitleGnatadharmkathanga Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanahaiyalalji Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages872
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size26 MB
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