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अनुक्रमाङ्क
विषय
२४ मेघमुनि के तपः शरीर का वर्णन
१५ मेघमुनि के संलेखना के विचार का वर्णन
२६ मेघमुनि के संलेखना धारण करने का वर्णन २७ मेघमुनि की गतिका निरूपण
२८ उपालम्भ का कथन
दूसरा अध्ययन
२९ राजगृह के जीर्णोद्यान का वर्णन ३० भद्राभार्या का वर्णन
३१ विजयतस्कर का वर्णन
३२ भद्रासार्थवाही के विचार का वर्णन ३३ भद्रासार्थवाही के दोहद का वर्णन
३४ देवदत्त दासचेटक का वर्णन
३५ धन्य सेठ का विजय चौर के साथ हडिबन्धनादिका वर्णन
३६ धन्यसेठ के मोक्षगमन को वर्णन
३७ श्रमणों के प्रति भगवान का उपदेश
तीसरा अध्ययन
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समाप्त
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पृष्ठाङ्क
५३१-५३७
५३७-५४४
५४४-५५४
५५४-५६१
५६२-५६५
५६६-५७०
५७१-५७५
५७६-५८७
३८ तीसरे अध्ययन का उपक्रम ३९ मयूर के अण्डे का वर्णन
४० विजयदत्त और सागरदत्त के चरित्रका वर्णन
चौथा अध्ययन
४१ गुप्तेन्द्रिय के विषय में कच्छप और शृगालोंका द्रष्टांत ७२१-७४९
५८८- ६०२
६०२-६०९
६१०-६३०
६३१-६५९
६६०-६६४
६६४-६७०
६७१६७२-६७४
६७५- ७२०