SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 139
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रीगौतमपृच्छा ॥ ॥१२७॥ ********** ************* पृष्टांक २९ २९ २९ २९ ३१ ३६ ३६ ३७ ३८ ३९ ३९ ३९ ર ४२ ४३ ४६ ४७ ४८ ५१ ५१ पंकि 459025 199 x & x ~ ↓ w अशुद्ध ढत्व निजमातर पुत्र,: एन समाचीन गृहवाय भाययोक्तम् भो रहितो द्वाविशति महद्धि पुत्रोभूय करात सोमचन्द्र देवदिन्ना सां कर्तव्य पारवारयुतः ३१ पुत्रो चरित्रं शुद्ध दत्वा निजमातरं पुत्रः, एन समीचीनं कठै गृहीवानय भार्ययोक्तम् भोगरहितो द्वाविंशति म पुरीभूष करोति चन्द्र देवदिन्ना साधोर्निन्दां कर्तव्य परिवारयुत ३२ पुत्रौ चारित्र www. kobatirth.org ॥ शुद्धिपत्रक ॥। = पृष्ठांक पंकि ५३ ६२ ६२ ६३. ६३ ६३ ६४ For Private And Personal Use Only १३ ११ লনপুলন*2*25** १२ १० १५ १५ १२ शुद्ध धोरो अभयसिंह गौतमः नाता पार्श्व प्रकरणा आकर्तिणी सिहासनो सर्व मुझेया तरिमन् द्वात्रिशतक पन्तो aasसौ तरुण क्षेरेयी अशुद्ध धीरो अभय सिंह गौतम ! नास्री पार्श्वे प्रकारेणा आकर्षिणी सिंहासनो सर्वमुडीया Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तस्मिन् द्वात्रिंशत्क व्यन्तरो ततोऽसौ एव तदादित एवं तदादित श्रेष्टिना श्रेष्टि ने काथतं कथित लक्ष्मीमदनस्य लक्ष्मीर्मदनस्य लक्ष्मो लक्ष्मीः जिनाबिश जिनाधिश तरुणं शेरेयी ***** *** *************** शुद्धिपत्रक ॥१२७॥
SR No.020339
Book TitleGautam Pruccha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherIndrachand Agarchand Seth
Publication Year1901
Total Pages141
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy