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शून्यवादी का ज्ञान, वचन
सत् या असत्
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विषय
पृ० सं०
मृगजल का ज्ञान स्वयं प्रसत् नहीं ७०
(१) वस्तु परस्पर सापेक्ष नहीं किन्तु स्वतः सिद्ध है । वस्तु के दो स्वरूप : सापेक्ष-निरपेक्ष | स्वपर का भेद सर्वशून्यता में घटित नहीं: वस्तु १. स्वतः सिद्ध २. परतः सिद्ध, ३. उभय सिद्ध, ४. नित्यसिद्ध (२) वस्तु
र अस्तित्व
का सम्बन्ध
(३) कौन जन्मे ?
(१) उत्पन्न, (२) अनुत्पन्न, (३) उभय, (४) उत्पद्यमान
( ग )
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(४) उत्पादक सामग्री घटित हो सकती है ।
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शून्यता का वचन सत्य या मिथ्या ? तिलमें से ही तेल, वालू में से क्यों नहीं ?
(५) प्रभाग कहने से ही M परभाग सिद्ध ७६ सर्व शून्य में प्रन - पर क्या ? संशय सत् का या प्रसत् का ? पंच भूत
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विषय
और पांच स्थावर कार्य की सिद्धि हिंसा हिंसा कहां ?
गणधर ५ [ सुधर्मा]
परभव समानया असमान
पृ० सं०
असमान के तर्कः द्रव्ययोग से भी सर्पसिंहादि : भव का बीज कर्म, पर भव नहीं
हिंसा - दानादि के फलभेदः 'स्वभाव
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भवान्तर' वहां स्वभाव क्या ? ८ १ वस्तु के समानासमान पर्याय ८२
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गरणधर-७ ( मौर्य - - पुत्र ) देवता हैं क्या ?
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गरणधर - ६ ( मंडित )
श्रात्माके बन्ध मोक्ष हैं ? ८४
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जीव और कर्म में प्रथम कौन ? अगर साथ तो अनादि का नाश नहीं । ८४ भव्यत्व क्या ? संसार खाली क्यों न हो ? श्रात्मा सर्वंगत हो तो क्रिया घटित
प्रलोक-धर्माधर्म की सिद्धि
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समवसरण में ही प्रत्यक्ष : ज्योतिष्क विमान : माया रचना करने वाले ही देवः उत्कृष्ट पुण्य का फल, जातिस्मरण वाले का कथन
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